क्या आपको पता है कि यह तीसरी बार है जब पेरिस में ओलंपिक गेम्स आयोजित हुए हैं. इससे पहले साल 1900 और 1924 में भी पेरिस में ओलंपिक गेम्स आयोजित किए गए थे और अब 100 साल बाद एक बार फिर पेरिस मेजबानी कर रहा है. लेकिन पिछले 100 सालों में ओलंपिक खेलों की दुनिया में बहुत कुछ बदल गया है. महिलाओं के गेम्स में हिस्सा लेने से लेकर नए खेल जुड़ने तक, ओलंपिक गेम्स में बहुत से बदलाव हुए हैं.
लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पेरिस ने समर ओलंपिक्स में अमिट छाप छोड़ी है और, कहा जा सकता है कि फ्रांस को आधुनिक ओलंपिक के निर्माण का श्रेय दिया जाता है, जो अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के को-फाउंडर पियरे डी कूबर्टिन का जन्मस्थान है. कूबर्टिन को ओलंपिक रिंग्स, इसके मोटो जैसी कई बातों का श्रेय जाता है.
1900 ओलंपिक गेम्स
वैसे तो ओलंपिक बनाने का श्रेय सबसे पहले ग्रीस को जाता है, लेकिन कूबर्टिन को आधुनिक ओलंपिक के जनक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने 19 वीं शताब्दी के अंत में खेलों का पुनरुद्धार किया. ओलंपिक्स डॉट कॉम के अनुसार, दूसरे देशों के लीडर्स के साथ मिलकर, कूबर्टिन ने 1896 में एथेंस, ग्रीस में पहला आधुनिक ओलंपिक आयोजित किया.
फिर, 1900 में खेलों के लिए, पहली बार ग्रीस से बाहर ओलंपियाड की मेजबानी की और पुरानी परंपरा को तोड़ दिया. उन्होंने पेरिस, फ्रांस को चुना, जहां पर उस समय विश्व मेला भी हो रहा था. आयोजकों को लगा था कि यह आयोजन ग्रीष्मकालीन खेलों पर ज्यादा ध्यान आकर्षित करेगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था.
एनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईओसी ने खेलों का कंट्रोल विश्व मेला आयोजकों को सौंप दिया था. जिस कारण 1900 ओलंपिक बहुत अव्यवस्थित था. आयोजन स्थल ख़राब थे और कोई आधिकारिक तौर पर सहमत नियम और कानून नहीं थे. हालांकि, 1924 में हुए ओलंपिक में पेरिस ने अपना बेस्ट दिया.
1924 ओलंपिक गेम्स
1924 में जब ओलंपिक फिर से पेरिस पहुंचे तो कूबर्टिन और पेरिस शहर दोनों के पास मौका था खुद को साबित करने का. इस समय तक, आईओसी ने औपचारिक प्रोटोकॉल अपना लिया था और 1924 पेरिस ओलंपिक खेल आईओसी के लिए एक बड़ी सफलता साबित हुए. भाग लेने वाली राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों की संख्या 1920 के एंटवर्प खेलों में 29 से बढ़कर 1924 के पेरिस खेलों में 44 हो गई. ओलंपिक्स डॉट कॉम के अनुसार, कुल मिलाकर, दुनिया भर से 3,089 एथलीटों ने खेलों में भाग लिया.
फिनलैंड के मध्य-दूरी और लंबी दूरी के धावक पावो नूरमी ने 1924 के खेलों के दौरान पांच स्वर्ण पदक (तीन व्यक्तिगत स्पर्धाओं में और दो टीम प्रतियोगिताओं में) जीते, जो खेलों में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन था. हालांकि, उनके हमवतन और साथी धावक विले रिटोला ने चार स्वर्ण सहित छह पदक जीते. वहीं, 1924 के खेलों में संयुक्त राज्य अमेरिका ने 45 स्वर्ण पदक और कुल 99 पदक के साथ टॉप किया.
ओलंपिक गांव का निर्माण
बताया जाता है कि ओलंपिक विलेज बनाने की शुरुआत भी 1924 के पेरिस ओलंपिक से हुई थी. यहां पर ओलंपिक विलेज पेरिस के पास कोलंबस में बनाया गया था. तब नया बना स्टेडियम ओलिंपिक डी कोलोम्बेस- ओलंपिक विलेज से कुछ ही मिनटों की दूरी पर था. अब इसे यवेस डु मनोर स्टेडियम के रूप में जाना जाता है. ओलंपिक्स डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने लकड़ी के हट्स बनाए जहां पर खिलाड़ी रह सकते हैं. एक वुडन हट में तीन लोग रुक सकते थे.
ओलंपिक विलेज में रहने के आलावा, एथलीट्स के लिए पोस्ट ऑफिस, करेंसी एक्सचेंज ऑफिस, लगेज ऑफिस, टेलीग्राफ और टेलीफोन सेवा, लॉन्ड्री, न्यूज पेपर कियॉस्क और हेयरड्रेसर जैसी सर्विसेज भी यहां थीं. यहां रनिंग वाटर और डाइनिंग हॉल भी था, जिसमें दिन में तीन बार भोजन मिलता था. सभी टीमें मिनिमम गारंटी पेमेंट करके विलेज में जगह रिजर्व कर सकती थीं.
खेलों के पूरा होने के बाद, गांव को पूरी तरह से हटा दिया गया. हालांकि, अब IOC की कोशिश सस्टेनेबल बनने की है तो खेलों के बाद ओलंपिक विलेज को हटाने की प्रथा बंद कर दी गई है.