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T20 World Cup 2024, IND vs SA Final: सांसें थाम देने वाला रोमांच, आखिरी के 5 ओवर में ये नहीं होता तो हार जाती टीम इंडिया

T20 World Cup 2024, IND vs SA Final: क्लासेन मानो इस तरह से बल्लेबाजी कर रहे थे जैसे मैच जितवा कर ही दम लेंगे. भारत के हाथ से मैच लगभग जा ही चुका था. लेकिन उनके विस्फोटक बल्लबेजी पर हार्दिक ने लगाम लगाया. पढ़िए कैसे भारत ने अफ्रीका के जबड़े से जीत छीन ली.

T20 World CUP,  IND vs SA Final (Photo-AP/PTI) T20 World CUP, IND vs SA Final (Photo-AP/PTI)

भारत ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 7 रनों से हराते हुए खिताब पर कब्जा जमा लिया. भारत 2007 के बाद दूसरी बार कप जीतने में कामयाब रहा. 17 सालों के सूखे को खत्म करते हुए रोहित ब्रिगेड ने इतिहास रच दिया. मैच के आखिरी आखिरी तक पूरी तरह से प्रेडिक्ट करना मुश्किल था कि भारत ये मैच जीतेगा या दक्षिण अफ्रिका. फाइनल ऐसा ही होना चाहिए. हर गेंद पर रोमांच.  मैच के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब भारत के हाथों से मैच जा चुका था लेकिन फिर गेंदबाजों ने कमाल कर दिखाया. न सिर्फ गेंदबाजी बल्कि फील्डिंग में करिश्मा दिखाते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने हारी बाजी को पलटते हुए अपना ख्वाब पूरा किया. 

क्लासेन ने मैच को अफ्रीका की तरफ मोड़ा

177 रनों का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम की शुरुआत भले अच्छी नहीं रही हो लेकिन क्लासेन की विस्फोटक बल्लेबाजी ने भारत से जीत लगभग छीन ही लिया था. अक्षर पटेल टीम की तरफ से 15वां ओवर डाल रहे थे. इस ओवर में क्लासेन ने बैक टू बैक 4 गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाया. 2 छक्के और 2 चौके लगाकर मैच को पूरी से अपने पक्ष में कर लिया. अब अंतिम के 5 ओवर यानी 30 गेंद में अफ्रीका को जीतने के लिए 30 रन चाहिए थे. 6 बल्लेबाज अभी आने बाकी थे.

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बुमराह ने लगाया लगाम (16वां ओवर)

जब भी टीम इंडिया संकट में होती है तो अपने हनुमान बुमराह को याद करती है. कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें 16वां ओवर फेंकने के लिए बुलाया. रोहित ने उन्हें सिर्फ ओवर ही नहीं सौंपा बल्कि मैच भी सौंपा. और बुमराह ने उस भरोसे को क्या बखूबी अंजाम दिया. 15वें ओवर में जहां 22 रन लगे थे और मैच का रुख अफ्रीका की तरफ हो गया था उस रुख को बुमराह ने भारत की तरफ मोड़ा और शानदारी गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 4 रन दिए.

हार्दिक ने क्लासेन को किया चलता (17वां ओवर)

27 गेंद पर 52 रन बनाकर खेल रहे क्लासेन का हौसला बुलंद था. वो इस तरह से विस्फोटक बल्लेबाजी कर रहे थे मानो मैच जितवा कर ही लौटेंगे. अफ्रीका को जीतने के लिए बस चाहिए थे 26 और गेंद बचे थे 24. लेकिन फिर हार्दिक ने वो कर दिखाया जिसका इंतजार भारतीय टीम को बेसब्री से था. 17वें ओवर की पहली गेंद पर ही पंत के हाथों कैच करवा क्लासेन को चलता किया. क्लासेन का विकेट जाना अफ्रीका के लिए बड़ा झटका था. क्लासेन जो विकेट पर अड़े थे और गेंदबाजों की जमकर पिटाई कर रहे थे वो पवेलियन चलते बने. इसके बाद मानो भारतीय फैंस के सांस में सांस आई. हालांकि पिच पर मिलर अब भी मौजूद थे. जो मैच को एक ओवर में ही खत्म कर सकते थे. इस ओवर में हार्दिक ने सिर्फ 4 रन खर्च किए और 1 महत्वपूर्ण बल्लेबाज को चलता किया. ये विकेट मैच का टर्निंग प्वाइंट था. हार्दिक ने अपना काम कर दिया था.

संकटमोचक साबित हुए बुमराह  (18वां ओवर)

भरोसे का दूसरा नाम बुमराह टीम की तरफ से 18वां ओवर लेकर आए. क्लासेन के आउट होने के बाद मैच पर भारत का पलड़ा भारी हो चुका था. लेकिन मिलर अब भी क्रीज पर मौजूद थे. क्लासेन के बाद बल्लेबाजी करने यानसेन आए और वह स्ट्राइक पर थे. लेकिन बुमराह ने फिर से जलवा दिखाया और यानसेन को क्लीन बोल्ड कर दिया. अब दबाव अफ्रीका पर था. बुमराह ने इस ओवर में सिर्फ 2 रन दिए और 1 बल्लेबाज को पवेलियन भेजा.

अर्शदीप ने की कसी गेंदबाजी (19वां ओवर)
 
अब अंतिम के दो ओवर में अफ्रीका को जीतने के लिए चाहिए थे 20 रन और भारत को जीतने के लिए ये रन बचाने थे. रोहित शर्मा ने अर्शदीप सिंह पर भरोसा जताया और 19वां ओवर सौंपा. अर्शदीप ने कसी हुई गेंदबाजी की और सिर्फ 4 रन खर्च किए. अब अफ्रीका को अंतिम ओवर में 16 रन चाहिए थे.

सूर्या ने लिया अविश्वसनीय कैच (20वां ओवर)

आखिरी के ओवर में अफ्रीका को जीतने के लिए 16 रन चाहिए थे. क्रीज पर अब भी मिलर मौजूद थे. उनको आप हल्के में नहीं ले सकते. मिलर ऐसे बल्लेबाज हैं जो अंतिम अंतिम तक मैच को अपनी तरफ मोड़ सकते हैं. रोहित शर्मा ने हार्दिक को 20वां ओवर सौंपा. स्ट्राइक पर थे मिलर. हार्दिक ने लो फुल टॉस फेंका जिसे मिलर ने लगभग बाउंड्री के बाहर भेज ही दिया था, लेकिन वहां मौजूद थे सूर्य कुमार यादव. सूर्या ने मिलर का अविश्वसनीय कैच पकड़ा और सिर्फ कैच ही नहीं पकड़ा बल्कि पकड़ लिया था मैच, पकड़ लिया था ट्रॉफी. इस कैच के बाद मैच पूरी तरह से भारत के कब्जे में था. इस अविश्वसनीय कैच ने अफ्रीका के जबड़े से जीत छीन ली. मिलर 21 रन बनाकर आउट हुए. मिलर के बाद बल्लेबाजी करने रबाडा आए और पहली ही गेंद पर चौका मारा. अब टीम को 4 बॉल पर 12 रन की दरकार थी. तीसरे गेंद पर रबाडा ने सिंगल लिया. अब 3 गेंद में 11 रन चाहिए थे. चौथी गेंद पर 1 रन लगे. अब अफ्रीका को जीतने के लिए 2 गेंद में 10 रनों की जरूरत थी. रबाडा ने फिर से गेंद को बाउंड्री के पार भेजने की कोशिश की लेकिन कैच आउट होकर पवेलियन चलते बने. अब 1 गेंद पर 9 रनों की जरूरत थी. यूं कहें कि बस औपचारिकता ही बची थी. अंतिम गेंद पर पांड्या ने 2 रन जरूर दिया लेकिन विश्वकप को भारत के नाम कर दिया.