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IPL Title Sponsor: TATA फिर बना आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर, BCCI से 2500 करोड़ रुपए में डील, जानें किस ग्रुप को पछाड़ा और कैसे?

Tata Retains IPL Title Rights Until 2028: टाटा के अलावा आदित्य बिड़ला ग्रुप ने टाइटल स्पॉन्सर राइट्स खरीदन में दिलचस्पी दिखाई थी. लेकिन राइट-टू-मैच कार्ड के चलते बाजी एक बार फिर टाटा के हाथ लगी.

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हाइलाइट्स
  • 1,750 करोड़ रुपए था टाइटल राइट्स का बेस प्राइज 

  • आईपीएल 2024 सीजन में कुल खेले जाएंगे 74 लीग मैच 

टाटा ग्रुप दोबारा इंडिया प्रीमियर लीग (आईपीएल) का टाइटल स्पॉन्सर बना गया है. जी हां, टाटा ने आईपीएल 2028 तक के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप के राइट्स 2500 करोड़ रुपए खरीद लिए हैं. वह एक सीजन के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को 500 करोड़ रुपए देगा. 

बीसीसीआई ने जारी किया था टेंडर
बीसीसीआई ने आईपीली टाइटल राइट्स बेचने के लिए 12 दिसंबर 2023 को  टेंडर जारी किया था. टाटा के अलावा आदित्य बिड़ला ग्रुप (एबीजी) ने राइट्स खरीदन में दिलचस्पी दिखाई थी. एबीजी ने 2500 करोड़ की बोली लगाई. वहीं, टाटा ग्रुप राइट-टू-मैच कार्ड का इस्तेमाल करते हुए एबीजी जितनी रकम देने पर राजी हो गया. 

इन्विटेशन टू टेंडर (ITT) डॉक्यूमेंट के नियमों के अनुसार, टाटा आईपीएल के टाइट्ल राइट्स अपने पास ही रिटेन कर सकता था, यदि कोई अन्य इकाई की ओर से ऑफर किए गए हाइएस्ट ऑफर से मेल खाते रकम देने पर राजी हो जाए. टाटा ग्रुप ने 2500 करोड़ रुपए के वैल्यूएशन के लिए आदित्य बिड़ला ग्रुप की ओर से किए गए ऑफर की बराबरी की. इसके बाद बीसीसीआई ने टाटा समूह को टाइटल राइट्स सौंपने का निर्णय लिया.

बेस प्राइज रखा था इतना 
बीसीसीआई ने 2024-2028 के पांच सीजन के लिए टाइटल राइट्स का बेस प्राइज 1,750 करोड़ रुपए निर्धारित किया था. आदित्य बिड़ला ग्रुप ने पांच साल के लिए 2,500 करोड़ रुपए बोली लगाई थी. एबीजी राइट्स के लिए बोली लगाने वाली एकमात्र कंपनी थी. इंडस्ट्री एक्सपर्ट का मानना है कि राइट-टू-मैच नियम के कारण कंपनियों ने बोली प्रक्रिया में उतनी रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि टाटा राइट्स को बरकरार रखने का इच्छुक था. आईपीएल 2024 सीजन में कुल मिलाकर 74 लीग मैच खेले जाएंगे, जबकि बीसीसीआई 2025 और 2026 में लीग गेम्स की संख्या बढ़ाकर 84 और 2027 में 94 कर सकता है.

टाटा से पहले वीवो था स्पॉन्सर 
भारत के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप में से एक टाटा समूह ने दो साल पहले आईपीएल 2022 और 2023 तक के लिए स्पॉन्सरशिप खरीदे थे. टाटा ने तब 670 करोड़ रुपए दिए थे. टाटा से पहले आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर वीवो था. बीसीसीआई ने भारत और चीन के बीच विवाद के कारण चीनी कंपनियों से स्पॉन्सरशिप नहीं लेने का निर्णय किया. 2008 में आईपीएल के पहले सीजन के बाद से डीएलएफ, पेप्सी, वीवो और ड्रीम 11 के पास टूर्नामेंट के अधिकार रहे. बीसीसीआई अधिकारी इस बात से खुश हैं कि एक बार फिर राइट्स एक प्रतिष्ठित बिजनेस हाउस के पास है.