टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन अचानक राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच से बाहर हो गए हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने यह जानकारी दी है. बीसीसीआई का कहना है कि अश्विन फैमिली इमरजेंसी के कारण टेस्ट मैच से बाहर हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत 10 खिलाड़ियों के साथ ही खेलेगा. आइए जानते हैं क्या कहता है नियम?
अश्विन की मां का चल रहा इलाज
अश्विन की मां की तबीयत खराब है. वह अस्पताल में भर्ती हैं. बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा- मैं रविचंद्रन अश्विन की मां के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. उन्हें अपनी मां के पास रहने के लिए राजकोट टेस्ट छोड़कर चेन्नई जाना पड़ा. बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में भारतीय बोर्ड अश्विन के साथ है.
बनाया था रिकॉर्ड
अश्विन ने तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन इंग्लैंड टीम के ओपनर जैक क्रॉली को आउट कर टेस्ट मैच में 500 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की थी. ये कारनामा करने वाले वह दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए हैं. अश्विन से आगे 619 विकेट लेकर सिर्फ अनिल कुंबले हैं. अश्विन के नहीं खलने पर भारत के पास स्पिन विकल्प के रूप में रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव के कंधों पर भारत को जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी.
क्या है नियम
क्या तीसरे टेस्ट मैच में अश्विन के नहीं खेलने पर रोहित ब्रिगेड अपनी पूरी प्लेइंग-11 के साथ मैदान में नहीं उतर पाएगी. आइए जानते हैं ICC के नियम क्या कहते हैं. एक परिस्थिति में टीम इंडिया को अश्विन का रिप्लेसमेंट मिल सकता है. यदि इंग्लैंड के कैप्टन कह दें कि भारत अश्विन की जगह किसी खिलाड़ी को प्लेइंग-11 में शामिल कर सकता है. ऐसे में टीम इंडिया के पास वॉशिंगटन सुंदर या अक्षर पटेल को खिलाने का मौका होगा.
1. आईसीसी के नियम के अनुसार कप्तान को अंपायर के साथ बातचीत करनी होगी, इसके बाद ही एक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को मैदान में उतरने की अनुमति मिलेगी.
2. अंपायर मैच के दौरान फील्डर के घायल या बीमार होने पर सब्स्टीट्यूट फील्डर की अनुमति दे सकते हैं.
3. सब्स्टीट्यूट फील्डर को गेंदबाजी या बल्लेबाजी करने की अनुमति नहीं होती है. न ही वह कप्तानी कर सकता है. वह सिर्फ फील्डिंग कर सकता है. अंपायरों की सहमति से विकेटकीपर बन सकता है.
4. आईसीसी ने जो नियम बनाया है उसके मुताबिक मैच के दौरान घायल या बीमार होने पर ही सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी की अनुमति दी जा सकती है. अश्विन के साथ ऐसा नहीं हुआ है. इसलिए मैच के दौरान लाइक फॉर लाइक सब्स्टीट्यूट की अनुमति नहीं होगी.
5. नियम 1.2.2 नामांकन के बाद विरोधी कप्तान की सहमति के बिना किसी भी खिलाड़ी को बदला नहीं जा सकता. इसका मतलब है कि इंग्लैंड के कप्तान की सहमति के बाद ही अश्विन की जगह कोई खिलाड़ी ले सकता है. यदि ऐसा नहीं होता है तो भारत के 10 ही खिलाड़ी से खेलना होगा.