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Match Fixing: 3 जून 2000 के बाद फिर कभी देश के लिए नहीं खेले टीम इंडिया दो स्टार खिलाड़ी अजहरुद्दीन और अजय जडेजा, लेकिन क्यों, यहां जानिए

On This Day in 2000: अजय जडेजा ने अपने आखिरी मैच में शानदार पारी खेली थी. उन्होंने 93 रन बनाए थे. अजहरुद्दीन एक रन बनाकर आउट हो गए थे. मैच फिक्सिंग मामले में इन दोनों का नाम सामने आने के बाद इनकी भारतीय टीम में कभी वापसी नहीं हो पाई.

 Azharuddin and Ajay Jadeja (photo twitter) Azharuddin and Ajay Jadeja (photo twitter)
हाइलाइट्स
  • बीसीसीआई ने मैच फिक्सिंग में नाम आने पर लगाया था बैन 

  • अजहर को आजीवन क्रिकेट खेलने पर लगाया था प्रतिबंध 

भारतीय क्रिकेट में 3 जून का दिन बेहद खास है. जी हां, यह दिन टीम इंडिया के दो स्टार खिलाड़ियों मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा के इंटरनेशनल करियर का आखिरी दिन साबित हुआ. आज आइए जानते हैं इस दिन के बाद क्यों इन दोनों खिलाड़ियों ने फिर नहीं खेली इंटरनेशनल क्रिकेट. 

मैच फीक्सिंग में आया था नाम 
एशिया कप में 3 जून 2000 को पाकिस्तान के खिलाफ ढाका में अजहर और जडेजा एक साथ आखिरी बार इंटरनेशनल क्रिकेट में उतरे थे. इसके 6 महीने बाद दिसंबर में साउथ अफ्रीका के कप्तान रहे हैंसी क्रोन्ये ने मैच फिक्सिंग को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए, जिसमें भारत के इन दोनों खिलाड़ियों का नाम सामने आया था. यही कारण रहा कि दोनों फिर कभी भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल पाए. मैच फीक्सिंग में नाम सामने आने के बाद बीसीसीआई ने दोनों के ऊपर कड़ा कदम उठाते हुए बैन लगा दिया था. एक ओर जहां पूर्व कप्तान अजहर को बीसीसीआई ने आजीवन बैन कर दिया था तो वहीं जडेजा को हर तरह के क्रिकेट खेलने पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया था. इसके बाद दोनों भारत के लिए कभी नहीं खेल पाए और एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ 3 जून को खेला गया यह मुकाबला दोनों के करियर का आखिरी मैच साबित हुआ. 

आखिरी मैच में ऐसा रहा था प्रदर्शन 
3 जून 2000 को भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप का पांचवां मुकाबला खेला गया था. इस मैच में पाकिस्तान के कप्तान मोईन खान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था. पाकिस्तान ने 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 295 रन बनाए था. जीत के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही और अब्दुल रज्जाक के भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी. 75 रन के भीतर सचिन तेंदुलकर (25), सौरव गांगुली (8), राहुल द्रविड़ (26) और मोहम्मद अजहरुद्दीन (1) रन बनाकर पवेलियन लौट गए. ऐसे में अजय जडेजा ने एक छोर संभाला लेकिन, दूसरे छोर से उन्हें किसी और बल्लेबाज का साथ नहीं मिला और नियमित अंतराल पर भारत के विकेट गिरते गए. जडेजा भी 93 रन पर आउट हो गए. इस तरह से भारत की पारी 251 रन पर खत्म हुई और पाकिस्तान 44 रन से मैच जीत गया.

आतिशी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे जडेजा 
जडेजा अपनी आतिशी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने करियर में 15 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 4 शतक के साथ कुल 576 रन बनाए. वनडे में जडेजा ने 196 मैच में 5359 रन बनाए, जिसमें 6 शतक और 30 अर्धशतक शामिल है. जडेजा फील्डिंग भी कमाल के करते थे. जडेजा को 1996 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान पाकिस्तानी गेंदबाज वकार यूनिस के खिलाफ दमदार बल्लेबाजी के लिए याद किया जाता है. बेंगलुरु में खेले गए उस मैच में जडेजा ने 25 बॉल में 45 रन की यादगार पारी खेली थी जिसमें उन्होंने वकार के एक ओवर में 22 रन ठोक दिए थे. उस समय वकार की गेंदों पर शॉट खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए मुश्कुल चुनौती हुआ करती थी.

अजहर को कहा जाता था कलाई का जादूगर 
पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को कलाई का जादूगर कहा जाता था. अजहर का फ्लिक शॉट को आज भी लोग याद करते हैं. अजहर काफी स्टाइलिश थे. अपने करियर में अजर ने 99 टेस्ट मैच में 6215 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 21 अर्धशतक शामिल है. वनडे में अजहर ने 334 मैच खेलकर कुल 9378 रन बनाए. अजहर के नाम वनडे में 7 शतक और 58 अर्धशतक दर्ज है. भारत के पूर्व कप्तान ने अपना डेब्यू 1985 में कोलकाता टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेलकर किया था. अजहर ने डेब्यू टेस्ट सीरीज में तीन लगातार शतक लगाए थे, जो आज भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.