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Birthday Special: द ग्रेट खली WWE की रिंग में अंडर टेकर, बटिस्टा की निकाल चुके हैं हवा, पत्थर तोड़-तोड़ कर खुद को बनाया चट्टान जैसा, ऐसे बने महान रेसलर 

Happy Birthday Khali: प्रोफेशनल रेसलिंग से संन्यास लेने के बाद अब खली रेसलिंग कंपनी चलाते हैं. वह भारत को इसमें नंबर वन बनाना चाहते हैं. उनका मानना है कि ट्रिपल एच, जॉन सीना, अंडरटेकर और केन जैसे रेसलर्स हमारी मिट्टी में भी हो सकते हैं. बस हमें अपने यहां के टैलेंट को थोड़ा और प्रमोट करने की जरूरत है.

रिंग में अंडर टेकर से भिड़ते खली (फाइल फोटो) रिंग में अंडर टेकर से भिड़ते खली (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का जन्म 27 अगस्त 1972 को हुआ था 

  • मां काली के भक्त हैं खली

दुनिया के महान रेसलरों में से एक दलीप सिंह राणा यानी द ग्रेट खली का जन्म आज ही के दिन 27 अगस्त 1972 को हिमाचल प्रदेश के धिराना गांव में हुआ था. आइए आज जानते हैं दलीप सिंह राणा कैसे रेसलर बने और कैसे पड़ा खली नाम?

बचपन में करनी पड़ी मेहनत मजदूरी 
खली का जन्म एक किसान परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम ज्वाला और मां का नाम टंडी देवी है. घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण दिलीप बचपन में पढ़ाई नहीं कर सके और उन्हें दूसरे भाइयों की तरह मेहनत मजदूरी ही करनी पड़ी. वह अपने गांव में रोड परियोजना के तहत पत्थर तोड़ने का काम करते थे लेकिन किस्मत ऐसी पलटी मारी की वह सात समंदर पार जाकर विश्व चैंपियन बन गए. दलीप सिंह राणा उर्फ खली भारत के इकलौते वर्ल्‍ड हैवीवेट चैंपियन हैं. वे भारत की शान माने जाते हैं. 

7 फीट 1 इंच है हाइट 
खली के डील डौल की बात करें तो उनकी हाइट 7 फीट 1 इंच है और उनका वजन लगभग 150-160 किलो के बीच बताया जाता है. उनके पैर में 20 नंबर का जूता आता है. उनके शरीर के हाथ का पंजा इतना बड़ा है कि किसी नॉर्मल इंसान के दोनों हाथ भी उनके एक हाथ के बराबर नहीं. खली को कपड़े और जूते बनवाने के लिए अलग से ऑर्डर देना पड़ता है.

1993 में पंजाब पुलिस में हुए थे भर्ती
खली की कदकाठी शुरुआत से ही बहुत शानदार और आकर्षक रही है. पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने उन्‍हें पंजाब पुलिस में भर्ती होने का ऑफर दिया था. इसके बाद दलीप सिंह राणा ने साल 1993 में पंजाब पुलिस की नौकरी शुरू कर दी. लेकिन खली को तो कुछ और ही बनना था और देश दुनिया में अपनी पहचान बनानी थी. 

दोस्त की सलाह पर बने रेसलर
खली अपने दोस्त अमित गोस्वामी की सलाह से रेसलर बने. दरअसल एक बार वह अपने पसंदीदा रेसलर डोरियन येट्स को देखने दिल्ली आए थे. येट्स खली का डीलडौल देखकर बेहद प्रभावित हुए और उन्हें रेसलिंग में किस्मत आजमाने का सुझाव दिया. इसके बाद उन्होंने रेसलिंग की ट्रेनिंग शुरू कर दी. लगातार मेहनत के बाद साल 2000 में उन्‍होंने अमेरिका में पहली बार रेसलिंग का अपना करियर शुरू किया. इसके बाद साल 2006 में वे वर्ल्‍ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट जिसे आप डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूई के नाम से जानते हैं के कॉन्‍ट्रेक्‍ट पर साइन किए. ऐसा करने वाले वे भारत के पहले पहलवान बने थे. 

खली नाम रखने के पीछे है रोचक कहानी
डब्ल्यूडब्ल्यूई के लोगों को उनका दलीप सिंह राणा नाम नहीं जमा. वे उनका नया नाम तलाशने लगे. किसी ने उन्हें 'जायंट सिंह' कहा तो किसी ने उन्हें 'भीम' नाम से भी पुकारा. मां काली के भक्त खली को कुछ लोगों द्वारा 'भगवान शिव' नाम रखने की सलाह भी दी गई. हालांकि भारतीयों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए उन्होंने इसे खारिज कर दिया. वहीं कुछ लोगों ने 'मां काली' का नाम सुझाया और उनकी विनाशकारी शक्तियों के बारे में भी बताया और सबको यह नाम बेहद पसंद आया और आगे चलकर 'द ग्रेट खली' के नाम से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गए.

रिंग में इनको दे चुके हैं मात
WWE की रिंग में द ग्रेट खली ने अंडर टेकर, बटिस्टा, जॉन सीना, केन, ट्रिपल एच, बिग शो जैसे कई बड़े रेसलर को हरा चुके हैं. यही कारण है कि वह WWE में वर्ल्ड चैंपियन बने. रेसलिंग को लेकर खली का मानना है कि वह भारत को इसमें नंबर वन  बनाना चाहते हैं. उनका मानना है कि ट्रिपल एच, जॉन सीना, अंडरटेकर और केन जैसे रेसलर्स हमारी मिट्टी में भी हो सकते हैं. बस हमें अपने यहां के टैलेंट को थोड़ा और प्रमोट करने की जरूरत है. प्रोफेशनल रेसलिंग से संन्यास लेने के बाद अब खली भारत में खुद का रेसलिंग कंपनी चलाते हैं.

बिग बॉस में भी दिखाई पड़े थे खली
द ग्रेट खली एक बार टीवी शो बिग बॉस में भी दिखाई पड़े थे. खली सीजन चार में दिखे थे और उस साल उन्‍होंने हर सप्‍ताह के लिए करीब 50 लाख रुपए मिलते थे. इस दौरान लोगों को खली के बारे में करीब से जानने का मौका मिला. खली कुछ एक फिल्‍मों में भी छोटे रोल करते हुए दिखाई दिए हैं. बताया जाता है कि खली आशुतोष महाराज के शिष्‍य हैं.