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Hong Kong Sixes: वापस आया ICC का पांच ओवर क्रिकेट वाला टूर्नामेंट, सचिन से लेकर वॉर्न तक ले चुके हैं हिस्सा, जानिए क्या कहते हैं इसके नियम

टूर्नामेंट का 20वां सीजन 2019 में होना था लेकिन फंड की कमी होने के कारण इसे बंद करना पड़ा था. क्रिकेट हॉन्ग कॉन्ग के तत्कालीन अध्यक्ष टोनी मेलॉय ने कहा था कि टी20 और 50 ओवर क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इसका बंद होना ही ठीक था. हालांकि मेलॉय यह नहीं कह रहे थे कि टूर्नामेंट हमेशा के लिए खत्म हो गया है. 

Hong Kong Sixes (Representational Image) Hong Kong Sixes (Representational Image)
हाइलाइट्स
  • सात साल बाद हुई टूर्नामेंट की वापसी

  • तीन दिन के फेस्टिवल से होगी शुरुआत

हॉन्ग कॉन्ग एशिया के उन चुनिंदा देशों में से है जिनका संबंध क्रिकेट से बहुत पुराना रहा है. इस देश में क्रिकेट का पहला मैच 1842 में खेला गया. हॉन्ग कॉन्ग की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम एशिया में भारत या पाकिस्तान जैसा रुतबा हासिल नहीं कर सकी लेकिन एक टूर्नामेंट के जरिए यह देश क्रिकेट से जुड़ा रहा.

वह टूर्नामेंट है 'इंटरनेशनल क्रिकेट सिक्सेज' (Hong Kong International Cricket Sixes). इस टूर्नामेंट के एक मैच में सिर्फ 10 ओवर होते हैं. साल 1992 में शुरू हुई प्रतियोगिता अपने शुरुआती दौर में खूब लोकप्रिय रही लेकिन 2017 में बंद हो गई. सात साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार इस प्रतियोगिता की वापसी हो रही है. 

2019 में हुआ था बंद
साल 2017 में दक्षिण अफ्रीका की जीत के बाद टूर्नामेंट का 20वां सीजन 2019 में होना था लेकिन फंड की कमी होने के कारण इसे बंद करना पड़ा था. क्रिकेट हॉन्ग कॉन्ग के तत्कालीन अध्यक्ष टोनी मेलॉय ने कहा था कि 90 के दशक में यह फॉर्मैट बहुत सफल रहा था लेकिन टी20 और 50 ओवर क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इसका बंद होना ही ठीक था. हालांकि मेलॉय यह नहीं कह रहे थे कि टूर्नामेंट हमेशा के लिए खत्म हो गया है. 

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सात साल के इंतजार के बाद हॉन्ग कॉन्ग सरकार के समर्थन से यह टूर्नामेंट दोबारा वापसी कर रहा है. गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की मंजूरी मिली हुई है. 
 
क्या हैं नियम?
हॉन्ग कॉन्ग में शुरू हुए इस टूर्नामेंट की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है इसके नियम, जो इसे रोमांचक बनाने के लिए तैयार किए गए हैं. हॉन्ग कॉन्ग सिक्सेज टूर्नामेंट में सब नियम क्रिकेट के ही हैं, सिवाय इन नियमों के:

  • एक टीम में सिर्फ छह खिलाड़ी होंगे.
  • एक मैच में पांच ओवर खेले जाते हैं. लीग स्टेज में एक ओवर में छह गेंदें होती हैं लेकिन फाइनल में एक ओवर आठ गेंदों का होता है. विकेटकीपर को छोड़कर हर खिलाड़ी के लिए गेंदबाजी करना अनिवार्य होता है. 
  • फील्डिंग करने वाली टीम एक बार में 30 गज के दायरे के बाहर सिर्फ दो फील्डर ही रख सकती है. पांच ओवर के मैच में पावरप्ले तो नहीं होता लेकिन फील्डर कम करने से बल्लेबाजों को आक्रामकता दिखाने का मौका मिलता है. 
  • नो-बॉल और वाइड गेंद के लिए बैटिंग टीम को दो रन दिए जाते हैं. 
  • अगर मैच टाई होता है तो सुपर ओवर से विजेता का फैसला किया जाता है.

हॉन्ग कॉन्ग सिक्सेज का एक मैच 45-60 मिनट का होता है, इसलिए जो लोग पारंपरिक क्रिकेट के शौकीन नहीं हैं उन्हें यह टूर्नामेंट कम समय में भरपूर रोमांच देता है. 

दिग्गज बन चुके हैं टूर्नामेंट की शोभा
साल 1992 से 2017 के बीच यह टूर्नामेंट 25 साल तक हॉन्ग कॉन्ग क्रिकेट के आकर्षण का केंद्र बना रहा. सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा और शेन वॉर्न जैसे खिलाड़ियों ने इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर इसे एक ग्लोबल आयोजन बनाया. वहीं विवियन रिचर्ड्स, वसीम अकरम, महेंद्र सिंह धोनी और सनथ जयसूर्या जैसे खिलाड़ी कभी न कभी टूर्नामेंट में नजर आए और यह फॉर्मैट हॉन्ग कॉन्ग क्रिकेट का प्रतिनिधि बन गया. 

कब होगा टूर्नामेंट? 
क्रिकेट हांगकांग, चीन (CHK) की मेजबानी में होने वाला यह टूर्नामेंट 1 से 3 नवंबर के बीच टिन क्वांग रोड क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा. यह टूर्नामेंट तीन दिनों तक चलने वाले 12 देशों की मेजबानी करेगा. इस बार टूर्नामेंट में 12 देश हिस्सा लेंगे. 

क्रिकेट हॉन्ग कॉन्ग के चेयरपर्सन बुरजी श्रॉफ ने कहा, "हम इस टूर्नामेंट को वापस लाकर खुश हैं. हम हॉन्ग कॉन्ग सिक्सेज को एक ग्लोबल सीरीज के तौर पर विकसित करना चाहते हैं." 

बीते तीन दशकों में पांच बार की चैंपियन इंग्लैंड इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम रही है. दक्षिण अफ्रीका ने भी पांच बार खिताब जीता है, जबकि पाकिस्तान चार बार चैंपियन रहा है. भारत, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज ने एक-एक बार यह टूर्नामेंट जीता है.