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ICC ODI World Cup: नीदरलैंड के लिए नेट्स में गेंदबाजी करेगा यह फूड डिलीवरी बॉय, 10 हजार खिलाड़ियों में से हुआ सेलेक्शन

लोकेश कुमार साल 2018 से फूड डिलीवरी एजेंट के तौर पर काम करते हुए TNCA लीग मैच भी खेलते हैं. क्रिकेट को समर्पित लोकेश का सेलेक्शन अब नीदरलैंड टीम के लिए बतौर नेट बॉलर हुआ है.

Lokesh Kumar selected as one of the net bowlers for Dutch team Lokesh Kumar selected as one of the net bowlers for Dutch team
हाइलाइट्स
  • 10,000 लोगों में से हुआ चयन 

  • चार साल कर रहे हैं फूड डिलीवरी

चेन्नई में रहने वाले लोकेश कुमार स्विगी फूड डिलीवरी एक्जीक्यूटिव के रूप में काम करते हैं. लेकिन इसके अलावा उनकी एक और पहचान है. दरअसल, लोकेश क्रिकेट भी खेलते हैं और क्रिकेट में बॉलिंग करते हैं. और अब यह 29 वर्षीय खिलाड़ी नीदरलैंड के सपोर्ट-स्टाफ का हिस्सा बन गया है, जो अलूर में विश्व कप से पहले शिविर में स्पिन के खिलाफ तैयारी में मदद करेंगे. लोकेश साल 2018 से फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. 

10,000 लोगों में से हुआ चयन 
उनको मंगलवार को डच साइड ने चार नेट गेंदबाजों में से एक के रूप में चुना. उन्होंने सोशल मीडिया पर इस जॉब के लिए विज्ञापन दिया था. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज से चाइनामैन बने लोकेश का चयन नीदरलैंड मैनेजमेंट ने भारत के लगभग 10,000 गेंदबाजों के आकलन के बाद किया है. इस जॉब के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन पर वीडियो अपलोड करके अपनी एप्लिकेशन भेजी गई थीं. 

लोकेश का कहना है कि यह उनके करियर के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है. उन्होंने अभी तक टीएनसीए थर्ड डिवीजन लीग में भी नहीं खेला है. उन्होंने चार साल तक पांचवें डिवीजन में खेला और मौजूदा सीज़न के लिए चौथे डिवीजन संगठन इंडियन ऑयल (आरओ) एस एंड आरसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.  

नीदरलैंड के नेट गेंदबाज के रूप में चुने जाने के बाद उनकी प्रतिभा को पहचान मिली है. लोकेश बुधवार को डच कैंप में शामिल हुए और वहां नीदरलैंड टीम के सदस्यों ने खुले दिल से उनका स्वागत किया. सेशन की शुरुआत से पहले नेट गेंदबाजों के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था. 

चार साल कर रहे हैं फूड डिलीवरी
लोकेश को विश्वास था कि वह कैंप में अपनी जगह बना लेंगे. जब उन्होंने विज्ञापन देखा तो अपनी किस्मत आजमाने की सोची. उन्हें लगा कि उनके चांस सेलेक्ट होने के होंगे क्योंकि देश में ज्यादा चाइनामैन गेंदबाज नहीं हैं. नीदरलैंड्स को एक मिस्ट्री स्पिनर की तलाश थी. इसलिए उन्होंने एप्लाई किया.  लोकेश का कहना है कि फूड डिलीवरी एक्जीक्यूटिव की जॉब उनके क्रिकेटर बनने के सपने में मदद कर रही है. 

कॉलेज के दिनों के बाद उनका पूरा ध्यान क्रिकेट पर था. उन्होंने क्रिकेट को चार साल दिए और फिर 2018 में नौकरी करने का फैसला किया. वह पिछले चार सालों से स्विगी के साथ हैं और खाना पहुंचाकर ही पैसा कमाते हैं. उनके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है. उनका कहना है कि इस काम में फ्लेक्सिबल टाइमिंग हैं और वह छुट्टी भी ले सकते हैं. आमतौर पर टीएनसीए लीग मैच केवल वीकेंड पर होते हैं, इसलिए लोकेश वीकडे पर काम करते हैं. 

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