महिलाओं की खेल प्रतियोगिता में तो पुरुष रेफरी व अंपायर की भूमिका निभाते दिख जाते हैं लेकिन पुरुषों के खेल में महिलाएं ऐसी भूमिका नहीं निभाती हैं. लेकिन अबकी बार फीफा विश्वकप 2022 में तीन महिलाएं ऐसा करते हुए दिखेंगी. वे न पुरुष खिलाड़ियों संग फुटबॉल मैदान पर दौड़ेंगी बल्कि गोल हुआ की नहीं, कॉर्नर व फाउल का इशारा भी करेंगी. जी हां, हम बात कर रहे हैं फ्रांस की स्टेफनी फ्रापार्ट, जापान की यमाशिता योशिमी व रवांडा की सलीमा मुकानसांगा की, जिन्हें कतर में चल रहे फीफा विश्व कप में रेफरी की भूमिका निभाने के लिए चुना गया है. फीफा विश्व कप के 92 साल के इतिहास में वह पहली बार यह कार्य करने जा रही हैं. फीफा रेफरी समिति के अध्यक्ष पियरलुइगी कोलिना ने कहा कि पुरुषों के फीफा विश्वकप में पहली बार तीन महिला रेफरियों को शामिल किया गया है. कुल 36 रेफरी चुने गए हैं. इसके अलावा 69 असिस्टेंट रेफरी भी चुने गए हैं, जिसमें ब्राजील की नुजा बैक, मैक्सिको की करेन डियाज मदीना और अमेरिकी कैथरीन नेस्बिटा शामिल हैं.
स्टेफनी फ्रापार्ट (Stephanie Frappart)
38 वर्षीय फ्रांसीसी अधिकारी स्टेफनी फ्रापार्ट विश्वकप के लिए सूचीबद्ध रेफरी में सबसे अधिक फेमस हैं. यह पहली बार नहीं होगा जब स्टेफनी ने फुटबॉल इतिहास में अपना नाम लिखा हो. फ्रापार्ट लीग 1 और यूईएफए चैंपियंस लीग खेल में रेफरी करने वाली पहली महिला भी थीं. इसके अलावा इसी विश्व कप में उन्होंने मेक्सिको और पोलैंड के बीच हुए ग्रुप सी मुकाबले में चौथे अधिकारी के रूप में दायित्व संभाला था. वह ऐसा करने वाली पहली महिल रेफरी हैं. उन्होंने कोस्टारिका और जर्मनी के मैच को लेकर कहा पुरुषों का विश्व कप दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता है. मैं फ्रांस और यूरोप में पहली रेफरी थी, इसलिए मुझे पता है कि इससे कैसे निपटना है.फ्रापार्ट के साथ फीफा ने सहायक के रूप में भी दो महिलाओं को चुना है जो ब्राजील की नुएजा बैक और मैक्सिको की कारेन डियाज मेडिना हैं. जिसका मतलब है कि मुकाबले में मैदानी अधिकारी की भूमिका में तीनों महिलाएं ही होंगी. इतना ही नहीं फुटबॉल की वैश्विक संचालन संस्था फीफा द्वारा चुनी गई चौथी महिला मैच अधिकारी अमेरिका की कैथरीन नेसबिट भी अल बायत स्टेडियम में वीडियो समीक्षा टीम के साथ ऑफ साइड विशेषज्ञ की भूमिका निभाएंगी.
यमाशिता योशिमी (Yamashita Yoshimi)
36 वर्षीय जापानी रेफरी यामशिता योशिमी ने फ्रांस में 2019 महिला विश्वकप में अंपायरिंग करने के बाद लगातार दूसरी विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में अपनी भूमिका निभा रहीं हैं. उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका और स्वीडन के बीच खेल में और ओलंपिक खेलों में भी रेफरी के रूप में काम किया था. लेकिन कतर में फील्ड में उतरते ही वह एक इतिहास बनाएंगी. यामशिता एएफसी चैंपियंस लीग में महिला रेफरी बनकर मैदान में आ चुकी हैं.
सलीमा मुकानसांगा (Salima Mukansanga)
रवांडा की रेफरी सलीमा मुकानसांगा 2012 से फीफा के लिए कार्य कर रहीं है. फीफा 2022 के लिए रेफरी के रूप में चुने जाने के बाद उन्होंने कहा था कि उनका सपना पेशेवर बॉस्केटबाल खेलने का था. यह खेल महंगा होने के कारण जब वह ऐसा नहीं कर सकीं तो खुद को रेफरी के लिए तैयार किया. अपनी नई भूमिका में 2019 के महिला विश्वकप, टोक्यो 2020 के ओलंपिक खेलों और अब कतर तक रेफरी के रूप में पहुंच गई हैं।