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21 साल के इतिहास में उत्तराखंड को पहली बार मिला नेशनल हॉकी प्लेयर

नेशनल जूनियर हॉकी टीम में बीस खिलाड़ी चुने गए हैं. हालांकि, बॉबी सहित दो खिलाड़ी स्टैंडबाई के रूप में चुने गए हैं, लेकिन भुवनेश्वर में जूनियर विश्व कप के पूरे टाइम के दौरान वह टीम के साथ रहेंगे. जिस जिले से बॉबी आते हैं उस पिथौरागढ़ से बॉबी के अलावा कोई भी पुरुष अंतरराष्ट्रीय हॉकी के लिए नहीं चुना गया है.

Photo: Olympics Photo: Olympics
हाइलाइट्स
  • बॉबी उत्तराखंड के 21 साल के इतिहास में राष्ट्रीय टीम में शामिल होने वाले पहले हॉकी पुरुष खिलाड़ी हैं

  • बॉबी ने जीते हैं कई खिताब

  • भारतीय वायु सेना में मिल चुकी है नौकरी

21 साल एक लम्बे समय के बाद उत्तराखंड को अपना पहला नेशनल हॉकी खिलाड़ी मिल ही गया. बॉबी धामी उत्तराखंड के 21 साल के इतिहास में राष्ट्रीय टीम में शामिल होने वाले पहले हॉकी पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं. भुवनेश्वर में इस महीने होने वाले जूनियर हॉकी विश्व कप के लिए चुने गए 20 खिलाड़ियों में धामी को स्टैंडबाय प्लेयर के रूप में चुना गया है.

नेशनल जूनियर हॉकी टीम में बीस खिलाड़ी चुने गए हैं. हालांकि, बॉबी सहित दो खिलाड़ी स्टैंडबाई के रूप में चुने गए हैं, लेकिन भुवनेश्वर में जूनियर विश्व कप के पूरे टाइम के दौरान वह टीम के साथ रहेंगे. 

राज्य के कई हॉकी खिलाड़ियों ने किया है देश का प्रतिनिधित्व 

गौरतलब है कि राज्य के कई हॉकी खिलाड़ियों ने देश का प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन ये सभी उस समय के थे जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था. जिस जिले से बॉबी आते हैं उस पिथौरागढ़ से बॉबी के अलावा कोई भी पुरुष अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी के लिए नहीं चुना गया है. 

Bobby dhami (Photo: SAI)
Bobby dhami (Photo: SAI)

बॉबी ने जीते हैं कई खिताब 

पिथौरागढ़ जिले के बाहरी इलाके में स्थित कटियानी गांव से आने वाले, बॉबी ने कुछ समय पहले ही अंडर -17 नेहरू कप टूर्नामेंट में स्वर्ण और हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने वाले जूनियर प्लेयर्स में कांस्य पदक जीता था, जिसके बाद से ही वह चयनकर्ताओं की नजरों में आ गए. 

अपनी काबिलियत से बना ली जगह 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बॉबी एक बेहद ही साधारण से परिवार से आते हैं. उनके चाचा प्रकाश सिंह उन्हें बेहतर हॉकी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए टनकपुर लाये थे. बाद में, अच्छी कोचिंग और बेहतर सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए बॉबी को दून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में नामांकित किया गया. 

उनके चाचा कहते हैं, “आर्थिक रूप से, हम मजबूत नहीं थे और इसलिए, हमें बॉबी को दून स्पोर्ट्स कॉलेज भेजना पड़ा, जहां सुविधाएं मुफ्त हैं और जहां एक एथलीट को पूरा आहार मिलता है. मेरे भतीजे के विश्व कप के लिए चुने जाने के बाद आख़िरकार मेरे जीवन भर का सपना पूरा हो गया.” 

भारतीय वायु सेना में मिल चुकी है नौकरी 

20 वर्षीय बॉबी को 2018 में अच्छी ट्रेनिंग के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया, सोनीपत भेजा गया था. वहां, उन्होंने हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया. हाल ही में, बॉबी को भारतीय वायु सेना में खेल कोटे के तहत नौकरी के लिए चुना गया है और आधिकारिक तौर पर विश्व कप के बाद शामिल होंगे. 

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