भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरने पर बैठने के बाद हंगामा खड़ा हो गया है. पहलवानों ने अध्यक्ष और कुछ कोच पर महिला रेसलर्स के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, सत्यव्रत कादियान, अंतिम पंघाल, रवि दहिया, दीपक पूनिया, महावीर फोगाट समेत 30 बड़े पहलवान धरने पर बैठे हैं और अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं. उधर, बृजभूषण शरण सिंह ने इस मामले पर सफाई दी है कहा है कि अगर आरोप सही साबित हुए तो वो फांसी पर लटकने को तैयार हैं.
3 बार से कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं बृजभूषण-
अलावा बृजभूषण शरण सिंह सियासत में भी सक्रिय रहे हैं, वो 6 बार सांसद रहे हैं. साल 1991 में वो पहली बार सांसद चुने गए थे. बृजभूषण शरण सिंह 11 साल से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष है. बृजभूषण पहली बार साल 2011 में कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने थे. उसके बाद से लगातार 3 बार से वो अध्यक्ष बन रहे हैं. आखिरी बार साल 2019 में बृजभूषण शरण सिंह संघ के अध्यक्ष चुने गए थे. तब से वो इस पद पर बने हुए हैं.
कुश्ती संघ के चुनाव का नियम-
राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के कुश्ती संघ के प्रतिनिधियों में से ही भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुनने का नियम है. साल 2019 के चुनाव में निर्वाचक मंडल के 51 सदस्यों में से ही बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष चुना गया था. भारतीय कुश्ती संघ की जनरल काउंसिल की बैठक में अध्यक्ष का चुनाव होता है, जो 4 साल में एक बार होती है.
अध्यक्ष चुनने का क्या है नियम-
भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव के लिए एक निर्वाचक मंडल के जरिए होता है. WFI की वेबसाइट के मुताबिक कार्यकारी समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल होता है. जिसमें 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 51 सदस्य शामिल होते हैं. आमतौरपर इसमें राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष और महासचिव निर्वाचक मंडल में होते हैं.
24 राज्य और दिल्ली से दो सदस्य निर्वाचक मंडल में होते हैं और उनको एक-एक मतदान देने का अधिकार होता है. जबकि चंडीगढ़ का एक सदस्य होता है और उसके एक वोट देने का अधिकार होता है.
जनरल काउंसिल चुनने का क्या है नियम-
WFI संविधान के आर्टिकल IV के मुताबिक सभी राज्य कुश्ती संघ अपने दो प्रतिनिधियों को जनरल काउंसिल में भेज सकता है. हर प्रतिनिधि के पास एक वोट डालने का अधिकार होगा. इसके अलावा सभी केंद्रशासित प्रदेश के कुश्ती संघ के एक प्रतिनिधि को जनरल काउंसिल में भेजने का नियम है और उनको एक वोट का अधिकार है. हालांकि दिल्ली एक ऐसा केंद्रशासित प्रदेश हैं, जहां से दो प्रतिनिधि जनरल काउंसिल में भेजे जाते हैं और उन दोनों को एक-एक वोट डालने का अधिकार होता है.
कैसा होता है कुश्ती संघ-
भारतीय कुश्ती संघ को संचालित करने के लिए एक बड़ी टीम होती है. जिसमें एक अध्यक्ष होता है. एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष और 4 उपाध्यक्ष होते हैं. इसके अलावा एक-एक मानद महासचिव और मानद कोषाध्यक्ष भी होते हैं. कुश्ती संघ में 2 मानद संयुक्त सचिव भी होते हैं.
फरवरी 2019 में बृजभूषण शरण सिंह को तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था. इसके अलावा कार्यकारिणी समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्य भी निर्विरोध चुने गए थे.
दूसरे खेल संघ में नहीं हो सकते शामिल-
भारतीय कुश्ती संघ के चुने गए पदाधिकारियों के लिए एक नियम ये भी है कि अध्यक्ष, महासचिव या कोषाध्यक्ष का पद धारण करने वाला कोई भी सदस्य किसी दूसरे खेल महासंघ में सदस्य नहीं हो सकता है. हालांकि इनको IOA में शामिल होने की छूट है.
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