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WFI: पहलवानों के विरोध के बाद मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कुश्ती संघ को किया निलंबित, बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की गई कुर्सी, नए अध्यक्ष के सारे फैसले रद्द

कुश्ती संघ का अध्यक्ष संजय सिंह के बनने के बाद दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था. बजंरग पूनिया ने पद्म श्री लौटा दिया था. अब सरकार ने नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है.  नए अध्यक्ष के लिए सारे फैसले भी रद्द कर दिए हैं.

Brijbhushan Sharan Singh and Sanjay Singh (file photo) Brijbhushan Sharan Singh and Sanjay Singh (file photo)
हाइलाइट्स
  • खेल मंत्रालय ने नए अध्यक्ष संजय सिंह को किया सस्पेंड

  • अगले आदेश तक किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक

भारतीय खेल मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर 2203) को एक बड़ा फैसला लिया. उसने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) को निलंबित कर दिया है. माना जा रहा है कि खिलाड़ियों के विरोध के कारण मंत्रालय ने यह फैसला लिया. इसके बाद अब बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह अध्यक्ष नहीं रह पाएंगे. 

संजय सिंह के सभी फैसलों पर रोक
खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को रद्द करते हुए संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी है. खेल मंत्रालय ने अगले आदेश तक किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक लगा दी है. WFI को लेकर दिए गए निर्देश में कहा गया है कि ऐसा लगता है मानो पुराने पदाधिकारी ही सभी फैसले ले रहे हैं.

नए अध्यक्ष की दिखाई देती है मनमानी 
खेल मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है, WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय की ओर से लिए गए फैसले पूरी तरह से नियमों के खिलाफ हैं और WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं. इन फैसलों से नए अध्यक्ष की मनमानी दिखाई देती है, जो सिद्धांतों के खिलाफ है और पारदर्शिता से रहित हैं. निष्पक्ष खेल, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियमों का पालन महत्वपूर्ण है. एथलीटों, हितधारकों और जनता के बीच विश्वास बनाना महत्वपूर्ण है.

साक्षी मलिक ने कुश्ती से ले लिया था संन्यास 
भारतीय कुश्ती संघ के हाल ही में चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी और पहलवान अनीता श्योराण की हार हुई थी. इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया था. उन्होंने कहा था कि बृजभूषण जैसा ही कोई दूसरा अब कुश्ती संघ का अध्यक्ष बन गया है. इसके अलावा संजय सिंह के चुने जाने के बाद बजरंग पूनिया ने भी प्रधानमंत्री आवास के सामने अपना पद्मश्री रख दिया था और एक चिट्ठी भी लिखी थी. 

यूपी के गोंडा में शुरू होना था टूर्नामेंट
हाल ही में कुश्ती संघ ने जूनियर नेशनल चैंपियनशिप की घोषणा की थी, जिसमें ये टूर्नामेंट 28 दिसंबर 2023 से यूपी के गोंडा में शुरू होना था. इसको लेकर रेसलिंग छोड़ चुकीं साक्षी मलिक ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा, मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं, वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नयी कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला लिया है. साक्षी मलिक ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, गोंडा बृजभूषण का इलाका है. अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी. क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं.

बजरंग ने कहा- यह सही निर्णय
कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, यह सही निर्णय लिया गया है, जो हमारी बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है उसके खिलाफ संबंधित लोगों को पूरी तरह से हटाया जाना चाहिए. हमारे ऊपर कई आरोप लगाए गए. राजनीति की गई. जब हम पदक जीतते हैं तो देश के होते हैं. हम खिलाड़ी कभी भी जात-पात नहीं देखते. एक साथ एक थाली में खाते हैं.

बजरंग ने कहा, जो संघ बनाई जाती है वह खिलाड़ियों की मदद के लिए बनाई जाती है, उन्हें परेशान करने के लिए नहीं. हम निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं. बृजभूषण शरण सिंह ने हर राज्य में अपने लोग रखे हैं. हमारी सच्चाई नहीं दिखाई गई. हम किसी तरह राजनीति से नहीं जुड़े थे. विपक्ष ने हमारा साथ दिया. हमने सरकार के लोगों को भी कहा था साथ देने के लिए. किसी ने तब साथ नहीं दिया. महिला सांसदों को खत भी लिखा था, लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया. लड़कियों ने हिम्मत जुटाई. 

हमसे बड़ा देशभक्त कौन होगा
अपना पद्मश्री सम्मान और साक्षी मलिक के संन्यास वापस लेने के सवाल पर बजरंग पूनिया ने कहा, 'देखिए अगर सारी चीजें न्याय की तरफ जाती हैं, तो यह सम्मान हमें देश और सरकार ने दिया है. हमने कुछ अच्छा किया है इसलिए दिया है, तो हम जरूर ग्रहण करेंगे. हमसे बड़ा देशभक्त कौन होगा जो अपने तिरंगे लिए इतना खून-पसीना बहाते हैं'.

सरकार के फैसले का किया स्वागत
विनेश फोगाट ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह खिलाड़ियों के लिए अच्छा है. कोई सही आदमी फेडरेशन का अध्यक्ष बनना चाहिए. कोई महिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर आनी चाहिए, जिससे हमें भी सुकून मिलेगा की हमारी लड़ाई, हमारे संघर्ष की जीत हुई. पहलवानों का आंदोलन राजनीति से प्रेरित होने के आरोप पर विनेश ने कहा, 'महिलाओं के साथ शोषण हुआ है. हम उसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. इसमें कैसी राजनीति'. विनेश ने कहा, 'आप अच्छे आदमी को फेडरेशन का अध्यक्ष बना दीजिए, उसके बाद भी हम कुछ करें तो आप कहिएगा कि हम राजनीति कर रहे. हम शुरू से कह रहे हैं कि हमारी लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह के शोषण के खिलाफ है. हम कोर्ट में उसके खिलाफ लड़ रहे हैं. हमें जिस दिन न्याय मिल जाएगा, हम उसी दिन खत्म कर देंगे'.

कौन हैं संजय सिंह
मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले संजय सिंह को बृजभूषण का करीबी माना जाता है. दोनों करीबी दोस्‍त हैं. वो 2008 से कुश्ती से जुड़े हैं. 2009 में बृजभूषण जब यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने थे, तब संजय वहां उपाध्यक्ष थे. संजय सिंह की शिक्षा काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय में हुई. बचपन से ही संजय कुश्‍ती से जुड़े रहे हैं. उनके दादा कन्‍हैया सिंह बनारस में हर महाशिवरात्रि पर बहुत बड़ा कुश्‍ती का दंगल कराते थे. उनके परिवार में कई पहलवानों ने जन्‍म दिया, जिसमें मंगला राय का नाम भी शामिल है.

पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए हैं यौन उत्पीड़न के आरोप
ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर में विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन नें साक्षी मलिक के अलावा बजरंग पूनिया सहित कई पहलवानों ने मोदी सरकार से बृजभूषण शरण सिंह पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी.