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क्या है ऑपरेशन Operation Carousel, जिसके जरिए WADA ने NADA की गड़बड़ियों को किया उजागर

WADA ने NADA के कामकाज को लेकर 4 साल तक Operation Carousel चलाया. अब इसकी रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट में ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे ये साबित होता है कि भारतीय एंटी डोपिंग एजेंसी ने ठीक से काम नहीं किया. हालांकि ये भी बताया गया है कि भारतीय एजेंसी लगातार इसमें सुधार कर रही है.

WADA ने NADA की जांच के लिए चलाई गई ऑपरेशन कैरोसेल की रिपोर्ट जारी की WADA ने NADA की जांच के लिए चलाई गई ऑपरेशन कैरोसेल की रिपोर्ट जारी की

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के खिलाफ 4 साल तक Operation Carousel चलाया. इस अभियान में वाडा को नाडा के खिलाफ कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे ये साबित होता है कि डोपिंग के खिलाफ भारतीय एजेंसी ठीक से काम नहीं कर रही है. वाडा ने इस ऑपरेशन की रिपोर्ट जारी की और बताया कि नाडा का टेस्ट प्रोग्राम वाडा के मानकों के अनुरूप नहीं थे.

WADA ने की NADA की निगरानी-
वाडा की रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन कैरोसेल में भारत के चुनिंदा खेलों और एथलीटों की निगरानी की गई. जिसमें 12 टेस्ट पॉजिटिव पाए गए. इसके अलावा 70 एथलीटों के रहने के स्थान संबंधी नियम के उल्लंघन के 97 मामलों की पहचान की गई. वाडा के नियम के मुताबिक जो रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल का हिस्सा होते हैं, उनको अपना एड्रेस, फोन नंबर, रात को रहने का पता, प्रतियोगिता शेड्यूल और जगह जैसी जानकारी देनी होती है. एंटी डोपिंग ऑर्गेनाइजेशन इस जानकारी का इस्तेमाल डोपिंग कंट्रोल के लिए किया जाता है. लेकिन वाडा की जांच में सामने आया कि नाडा ने एथलीटों पर इस नियम का सही तरीके से लागू नहीं किया.

क्या है ऑपरेशन कैरोसेल-
वाडा को नाडा के बारे में एक गोपनीय शिकायत मिली. जिसके बाद साल 2018 में वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी ने ऑपरेशन कैरोसेल लॉन्च किया. इसमें वाडा ने भारतीय खिलाड़ियों को लेकर नाडा के काम करने की शैली की जांच की. जिसमें कई खामियां पाई गई. दरअसल जो एथलीट रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल का हिस्सा होते हैं, उनको अपनी जानकारी देनी होती है. वाडा ने इसकी जांच की तो पाया कि नाडा ने कुछ एथलीटों पर पर्याप्त टेस्ट नहीं किए. इसके अलावा नाडा खिलाड़ियों के रहने की जगह को लेकर सही निगरानी करने में नाकाम रही.

NADA को किया गया था सस्पेंड-
साल 2019 में वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया था. नाडा को सस्पेंड करने का कारण इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का पालन नहीं करना बताया गया था. 

सुधार कर रहा है NADA-
वाडा की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि ऑपरेशन कैरोसेल शुरू होने के बाद नाडा सुधार करने की कोशिश कर रहा है और अपने संसाधनों को मजबूत करने में लगा हुआ है. वाडा के ऑपरेशन के बाद नाडा ने इंटरनल प्रोसेस को इंप्रूव किया. उसने ब्लड और यूरीन टेस्ट बढाए. नाडा ने डोपिंग कंट्रोल ऑफिसर के साथ अपने स्टाफ में भी बढ़ोतरी की. इसके साथ ही एथलीटों के रहने संबंधी चीजों को मैनेज करने वाले सिस्टम को मजबूत किया.

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