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Achanta Sharat Kamal : 4 साल में पकड़ा पैडल, फैमिली में मिली ट्रेनिंग, बनाया रिकॉर्ड... खेल रत्न पुरस्कार विजेता शरत कमल की कहानी

मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार 2022 की घोषणा हो गई है. खेल रत्न पुरस्कार के इस बार की लिस्ट में कुल 25 खिलाड़ियों का नाम शामिल है. जिसमें टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल का नाम भी शामिल है. उन्होंने 4 साल की उम्र से ही टेबल टेनिस की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी.

Achanta Sharat Kamal Achanta Sharat Kamal
हाइलाइट्स
  • आईटीटीएफ प्रो टूर खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने

  • 2003 में शरत ने अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था

चार कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल, एशियन गेम्स में दो पदक, तीन बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले अचंता शरत कमल को खेल रत्न पुरस्कार मिलने जा रहा है. दो आईटीटीएफ प्रो टूर खिताब जीत चुके शरत कमल भारतीय इतिहास में अब तक के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में गिना जाता है. चेन्नई, तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले शरत कमल टेबल टेनिस कौशल और कई राष्ट्रीय चैंपियनों के लिए जाने जाते हैं. 

टेबल टेनिस की ट्रेनिंग फैमिली से मिली
शरत की परिवार के जीन में ही टेबल टेनिस है. जिसका सीधा मदद उन्हें मिला. शरत के पिता श्रीनिवास राव और चाचा मुरलीधर राव भी टेबल टेनिस खिलाड़ी रहे हैं. जिसका फायदा शरत को मिला. शरत को उनके पिता ने चार साल की उम्र में टेबल टेनिस खेलना सीखना शुरू कर दिया था. हालांकि शरत को 15 साल की उम्र में यह निर्णय करना पड़ा की उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखनी है या एक खिलाड़ी बनना है. जिसमें से शरत ने टेबल टेनिस को चुना जिसका परिणाम है कि उन्हें खेल रत्न पुरस्कार से मिलने जा रहा है. 

20 साल की उम्र में शुरू किया करियर
शरत को राष्ट्रीय टीम से बुलावा 2002 में आया था. जहां पर शरत को 16 सदस्यीय संभावित परिक्षण के लिए चुना गया. शरत ने 2002 में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई, लेकिन इसके फाइनल में उन्हें हार मिली. इस चैंपियनशिप में इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया. 

ये पदक किए अपने नाम
राष्ट्रीय टीम में जगह मिलने के बाद 2003 में शरत ने अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. इसके साथ ही शरत ने 2004 के कॉमनवेल्थ टेबल टेनिस में पहला अंतरराष्ट्रीय पदक, 2004 में ही एथेंस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुए. इसी साल उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया. 2006 में ऑस्ट्रेलिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में एकल स्वर्ण पदक और पुरुषों की टीम स्पर्धा में एक और गोल्ड मेडल जीता था. शरत कमल ने 2010 में आईटीटीएफ प्रो टूर खिताब जीता, ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बने. 2010 में ही शरत ने दो और कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड जीता. जिनमें एक मेंस टीम के साथ तो दूसरा मेंस डबल्स में गोल्ड मेडल जीता था. इसके बाद 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज पदक जीता था. साथ ही इसी साल एशियन गेम्स में दो कांस्य पदक जीता था. 2019 में उन्होंने रिकॉर्ड नौवां राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किया. 2020 में 37 साल की उम्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता. 2021 में एशियन टेबल टेनिस चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया. बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में चार पदक अपने नाम किया था.