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Sri Lanka vs New Zealand: Bradman को पीछे छोड़ बने श्रीलंका के डॉन! जानिए कौन हैं Kamindu Mendis जो बल्ले से छोड़ रहे हैं श्रीलंकाई क्रिकेट पर अपनी छाप

मेंडिस ने 20 साल की उम्र में श्रीलंका के लिये डेब्यू कर लिया था. लेकिन लगातार बल्ले से अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण वह टीम के नियमित खिलाड़ी नहीं बने रह सके. लेकिन जब मार्च 2024 में मेंडिस को टेस्ट टीम में जगह मिली तो उन्होंने यह मौका भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

कमिंडू मेंडिस (Photo/Getty Images) कमिंडू मेंडिस (Photo/Getty Images)
हाइलाइट्स
  • मेंडिस ने 20 की उम्र में श्रीलंका के लिए डेब्यू किया था

  • 13 टेस्ट पारियों में पांच शतक जड़ चुके हैं मेंडिस

श्रीलंका के बाएं हाथ के बल्लेबाज कमिंडू मेंडिस (Kamindu Mendis) ने अभी आठ टेस्ट मैच भी पूरे नहीं खेले और क्रिकेट जगत से जुड़े हुए हर शख्स की जबान पर उनका नाम है. इसकी वजह है मेंडिस का बल्ला जो नित नए रिकॉर्ड बना रहा है. मेंडिस ने न्यूजीलैंड के खिलाफ जारी दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. और उन्हें देखकर ऐसा नहीं लग रहा कि वह रुकने वाले हैं.

19 की उम्र में किया डेब्यू 
गॉल के रिचमंड कॉलेज (Richmond College) से पढ़ाई पूरी करने वाले मेंडिस ने अपने 16वें जन्मदिन से कुछ समय पहले ही श्रीलंका की अंडर-19 टीम में जगह बना ली थी. साल 2018 में उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप (U-19 World Cup) में श्रीलंकाई टीम की कप्तानी भी की. उसी साल अक्टूबर में मेंडिस को इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टी20 के लिए पहली बार श्रीलंका की सीनियर टीम में चुना गया था.

इस मैच में 24 रन बनाने वाले कमिंडू टी20 टीम से अंदर-बाहर होते रहे. श्रीलंका के लिए पहला वनडे मार्च 2019 में खेलने वाले कमिंडू इस फॉर्मैट में भी अपने देश के भरोसेमंद खिलाड़ी नहीं बन सके. टी20 और वनडे में मेंडिस की औसत क्रमशः 20 और 27 की रही. आखिरकार उनका जादू टेस्ट क्रिकेट में आकर चला. 

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ब्रैडमैन को पीछे छोड़ बने श्रीलंका के 'डॉन'
मेंडिस ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे अंत में डेब्यू किया. आठ जुलाई 2022 को अपना पहला टेस्ट खेलते हुए मेंडिस ने पहली पारी में 61 रन बनाए और इस मैच में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को पारी और 39 रन से मात दे डाली. अपना दूसरा टेस्ट खेलने के लिए मेंडिस को 22 मार्च 2024 का इंतजार करना पड़ा. मेंडिस ने इस वापसी को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

अपनी वापसी के बाद से मेंडिस 12 पारियों में 943 रन बना चुके हैं. इनमें पांच शतक और तीन अर्द्धशतक शामिल हैं. बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज (SL vs Ban 2024) के जरिए खेल के सबसे लंबे फॉर्मैट में वापसी करने वाले मेंडिस ने पहले ही मुकाबले में 102 और 164 रन की पारी खेल डाली. दूसरे मैच में नाबाद 92 रन बनाने वाले मेंडिस ने इस सीरीज के प्रदर्शन के बलबूते यह भी सुनिश्चित कर लिया कि पांच महीने बाद इंग्लैंड जाने वाली टीम में वह भी शामिल रहेंगे. 

इंग्लैंड में ही मेंडिस ने अपनी असली काबिलियत दिखाई. सीरीज के पहले मैच में जहां श्रीलंका के ज्यादातर बल्लेबाज एक-एक रन के लिए संघर्ष करते नजर आए, वहीं मेंडिस ने दूसरी पारी में शतक जड़कर अपने हुनर का मुजाहिरा किया. श्रीलंका भले ही यह सीरीज 1-2 से हार गई लेकिन दूसरे और तीसरे टेस्ट में अर्धशतक जड़ने वाले मेंडिस का बल्ला नहीं रुका.

बनाए ये रिकॉर्ड
अब न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सरजमीन पर लौटने के बाद भी मेंडिस दो शतक जड़कर कई कीर्तिमान रच चुके हैं. मेंडिस ने टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन पूरे करने के लिए 13 पारियां ली हैं. उतनी ही जितनी क्रिकेट के 'डॉन' डॉनल्ड ब्रैडमैन (Donald Bradman) ने ली थीं. सिर्फ इंग्लैंड के हरबर्ट सटक्लिफ और वेस्ट इंडीज के एवरटन वीक्स ने ही इससे कम पारियों (12) में हजार रन का आंकड़ा पार किया है.

मेंडिस (पांच शतक) एक साल में सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले श्रीलंकाई बल्लेबाजों की लिस्ट में संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं. साल 1997 में अरविंद डी सिल्वा ने सात शतक, 2009 में तिलकरत्ने दिलशान ने छह शतक और 2007 में महेला जयवर्धने ने पांच शतक जड़े थे. ध्यान देने वाली बात है कि रन मशीन मेंडिस के सभी शतक नंबर पांच या उससे नीचे बल्लेबाजी करते हुए आए हैं. इस मामले में वह जॉनी बेयरस्टो (छह शतक, 2022) के पीछे और माइकल क्लार्क (पांच शतक, 2012) के बराबर पहुंच गए हैं. 

साथ ही मेंडिस 13 पारियों में पांच शतक लगाकर ब्रैडमैन के साथ ऐसा करने वाले चौथे सबसे तेज बल्लेबाज बन गए हैं. वीक्स ने 10वीं पारी में अपना पांचवां शतक पूरा किया, जबकि सटक्लिफ और नील हार्वे ने 12-12 पारियों में ऐसा किया था. सिर्फ यही नहीं, मेंडिस ने अब अपने पहले आठ टेस्ट मैचों में से प्रत्येक में 50 का स्कोर बनाया है. वह ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज हैं. 

साल 2022-23 में पाकिस्तान के सऊद शकील ने लगातार सात मैचों में 50 का आंकड़ा पार किया था लेकिन मेंडिस अब उनसे आगे निकल गए हैं. जाहिर है मेंडिस जिस तरह की बल्लेबाजी कर रहे हैं, वह आने वाले समय में इस तरह के कई और रिकॉर्ड बनाएंगे. देखना यह है कि वह लंबे समय तक इस प्रदर्शन को बरकरार रख एक यादगार करियर खड़ा कर पाते हैं या नहीं.