
भारत ने चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर 12 साल बाद यह खिताब अपने नाम कर लिया है. भारत चैंपियन्स ट्रॉफी तीन बार जीतने वाला पहला देश भी बन गया. रोहित शर्मा को 76 रन बनाने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. जीत के बाद जहां भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों ने दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में जश्न मनाया, वहीं यहां भारत में भी खुशी का माहौल रहा.
इस सब के बीच एक बात जो लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं कर सकी, वह थी फाइनल से टूर्नामेंट के मेज़बान पाकिस्तान की गैर-मौजूदगी. पाकिस्तान करीब तीन दशक बाद किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेज़बानी कर रहा था. अगर भारत फाइनल में न पहुंचता तो पाकिस्तान के लाहौर में फाइनल खेला जाता. लेकिन भारत के फाइनल में पहुंचने के बाद खिताबी मुकाबले की मेज़बानी पाकिस्तान के हाथ से छिन गई थी.
फाइनल से गायब रहा पीसीबी
इस वजह से दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल खेला गया. फाइनल में आईसीसी (International Cricket Council) के चेयरमैन जय शाह, बीसीसीआई (Board of Cricket Control in India) के अध्यक्ष रॉजर बिन्नी और दीगर नामचीन लोग मौजूद रहे. नहीं मौजूद थे तो पीसीबी (Pakistan Cricket Board) के अध्यक्ष मोहसिन नक़वी.
मोहसिन नक़वी तो क्या, फाइनल के लिए दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में पीसीबी का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस बात पर ऐतराज़ भी जताया. उन्होंने एक वीडियो में कहा, "पाकिस्तान ही चैंपियन्स ट्रॉफी को होस्ट कर रहा था. लेकिन उनका कोई नु्माइंदा यहां नहीं था. आपको यहां ट्रॉफी देने आना चाहिए था."
आईसीसी ने क्या कारण बताया?
आईसीसी के प्रवक्ता ने काउंसिल के आधिकारिक बयान में पाकिस्तान की गैरमौजूदगी का कारण बताया है. आईसीसी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "नकवी उपलब्ध नहीं थे और उन्होंने (दुबई की) यात्रा नहीं की."
आईसीसी आयोजनों में ट्रॉफी वितरण के लिए कोई खास नियम नहीं है, लेकिन अकसर ट्रॉफी प्रस्तुति के लिए केवल मेजबान बोर्ड के पदाधिकारियों को बुलाया जाता है. पीसीबी की ओर से कोई भी पदाधिकारी इसके लिए उपलब्ध नहीं था. नकवी की गैरमौजूदगी में बीसीसीआई अध्यक्ष रॉजर बिन्नी ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों को चैंपियन्स ट्रॉफी का पारंपरिक ब्लेज़र पहनाया.
बड़े विवाद के बाद हुआ था हाइब्रिड आयोजन
पाकिस्तान ने आईसीसी की प्रक्रिया के तहत चैंपियन्स ट्रॉफी 2025 की मेज़बानी का अधिकार हासिल किया था. हालांकि जब टूर्नामेंट के आयोजन की बारी आई तो भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपनी टीम को पड़ोसी मुल्क यात्रा करने की मंज़ूरी नहीं दी. लंबी खींचतान के बाद टूर्नामेंट को हाइब्रिड मोड में आयोजित करने का फैसला किया गया था.