खेलों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने ऐतिहासिक कदम उठाया है. भारतीय सेना ने आर्मी स्पोर्ट्स गर्ल्स कंपनी लॉन्च की है. इसमें इच्छुक महिला एथलीटों के बीच प्रतिभा को बढ़ावा दिया जाएगा. लड़कियों को इसमें चार प्रमुख खेलों- तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी और वेटलिफ्टिंग में ट्रेनिंग दी जाएगी. इसका उद्देश्य 12 से 16 साल की लड़कियों को अपनी एथलेटिक स्किल्स को दिखाने के लिए एक मंच देना है.
दो सेंटर बनाए गए हैं
सेना ने आर्मी स्पोर्ट्स गर्ल्स कंपनी को चलाने के लिए दो सेंटर बनाए हैं- महू, मध्य प्रदेश में आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (आर्मी वॉर कॉलेज), और पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट. ये संस्थान ट्रेनिंग और विकास के केंद्र के रूप में काम करेंगे. इसमें युवा एथलीटों को एडवांस सुविधाएं दी जा सकेंगी और स्पेशल कोचिंग दी जाएगी.
देश भर की कई सौ लड़कियों ने भाग लिया
पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में आयोजित पहली इंडक्शन रैली के उद्घाटन दिवस पर इसे लॉन्च किया है. देश भर से 980 लड़कियों ने ट्रायल में भाग लिया. ये सभी लड़कियां खेल में करियर बनाने के लिए आगे आई हैं.
बता दें, चयनित लड़कियों को उनके संबंधित विषयों के अनुरूप कठोर ट्रेनिंग से गुजरना होगा, ये ट्रेनिंग उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगी. इसका उद्देश्य न केवल मेडल विजेता एथलीटों को तैयार करना है, बल्कि अनुशासन, दृढ़ता और खेल कौशल के मूल्यों को स्थापित करना भी है.
मिलेगी डायरेक्ट एंट्री
आर्मी स्पोर्ट्स गर्ल्स कंपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए बहुमुखी अवसर देने वाली है. चयनित एथलीट अग्निवीरों के रूप में नामांकन के अलावा, ये लड़कियां डायरेक्ट एंट्री वाली गैर-कमीशन अधिकारियों (Non-Commissioned Officers) और जूनियर कमीशंड अधिकारियों (Junior Commissioned Officers) के रूप में भर्ती के लिए पात्र होंगी.
लैंगिक समानता को मिलेगा बढ़ावा
आर्मी स्पोर्ट्स गर्ल्स कंपनी का शुभारंभ खेलों में लैंगिक समानता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च की गई है. युवा महिला एथलीटों को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करके, इस पहल का उद्देश्य रूढ़िवादिता को तोड़ना और पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं के लिए सफलता के लिए मार्ग बनाना है. इसकी मदद से महिला एथलीटों की अगली पीढ़ी का पोषण करके, भारतीय सेना भारतीय खेलों के भविष्य को आकार देने वाली है.