भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Women's Cricket Team) ने पाकिस्तान को छह विकेट से मात देकर टी20 वर्ल्ड कप 2024 (Women's T20 World Cup 2024) में वापसी की है. पाकिस्तान ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 106 रन का लक्ष्य रखा था. भारत ने यह लक्ष्य चार विकेट गंवाकर 18.5 ओवर में हासिल कर लिया.
पहला मैच न्यूजीलैंड से हारने के बाद भारत ने भले ही पॉइंट्स टेबल पर अपना खाता खोल लिया हो, लेकिन उसके सेमीफाइनल में पहुंचने की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं. एक ग्रुप से सिर्फ दो ही टीमें सेमीफाइनल में जा सकती हैं और इस समय न्यूजीलैंड-ऑस्ट्रेलिया टेबल में शीर्ष पर हैं. भारत किन परिस्थितियों में महिला टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंच सकता है, आइए डालते हैं एक नजर.
पाकिस्तान को हराकर भी क्यों बढ़ा सिरदर्द?
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत के सामने 106 रन का मामूली लक्ष्य रखा था. लेकिन इसे हासिल करने में भारत को लगभग 19 ओवर लग गए. न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच में मिली 58 रन की हार से भारत के नेट रनरेट को गहरी चोट पहुंची थी. पाकिस्तान के सामने धीमी गति से रन बनाने के कारण भारत अपने नेट रनरेट को नहीं सुधार सका.
इस समय दो मैचों में एक जीत के साथ भारत का नेट रनरेट -1.217 है. इसके बरक्स, न्यूजीलैंड का नेट रनरेट +2.900 जबकि ऑस्ट्रेलिया का नेट रनरेट +1.908 है. भारत से हार के बाद पाकिस्तान का नेट रनरेट भी +0.555 है. लेकिन भारत की समस्याएं सिर्फ नेट रनरेट तक ही सीमित नहीं. भारत का असली सिरदर्द हैं ग्रुप-ए के पॉइंट्स टेबल के शीर्ष पर न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की मौजूदगी.
न्यूजीलैंड को ग्रुप स्टेज में जहां अभी पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका का सामना करना है. वहीं ऑस्ट्रेलिया को न्यूजीलैंड के अलावा भारत और पाकिस्तान से भिड़ना है. मैच के दिन नतीजा जो भी हो, छह बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया कम से कम कागजों पर तो इन सभी टीमों से मजबूत है. बात करें न्यूजीलैंड की तो उसने भी पाकिस्तान के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय में 11 में से नौ बार जीत दर्ज की है. वहीं श्रीलंका के खिलाफ 12 मैचों में 11 बार न्यूजीलैंड विजेता रही है. अगर ये टीमें अपनी प्रतिष्ठा के अनुसार खेलती हैं तो भारत को सेमीफाइनल से बाहर कर सकती हैं.
कितनी कठिन है डगर टॉप-4 की?
भारतीय महिला टीम के लिए सेमीफाइनल में पहुंचने का सबसे आसान तरीका है अपने बचे हुए दो मैचों में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका दोनों को बड़े अंतर से हरा देना. इससे नेट रनरेट और पॉइंट्स दोनों की समस्या हल हो जाएगी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया को हराना भारत के लिए उतना आसान नहीं. आमने-सामने के 34 मुकाबलों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ सात बार हराया है. ऑस्ट्रेलिया ने 27 बार बाज़ी मारी है.
श्रीलंका को हराना भारत के लिए ज्यादा आसान है. श्रीलंकाई टीम के खिलाफ आमने-सामने के मुकाबलों में भारत ने 14 बार जीत दर्ज की है और तीन बार हार का स्वाद चखा है. ऐसे में अगर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मामूली जीत भी दर्ज करती है तो उसके पास श्रीलंका को बड़े अंतर से हराकर सेमीफाइनल में अपना स्पॉट पक्का करने का मौका होगा. लेकिन अगर भारत नेट रनरेट के मामले में न्यूजीलैंड को नहीं पछाड़ पाता तो उसका सेमीफाइनल खेलने का सपना संकट में पड़ जाएगा.
अगर भारतीय टीम श्रीलंका पर बड़ी जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया से अपना मुकाबला हार जाती है तो उसे उम्मीद करनी होगी कि न्यूजीलैंड भी ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ होने वाले तीन में से किन्हीं दो मुकाबलों में हार का स्वाद चख ले. या फिर न्यूजीलैंड और पाकिस्तान दोनों ही ऑस्ट्रेलिया को हरा दें, हालांकि इसकी संभावनाएं कम ही हैं.