भारतीय बॉक्सर स्वीटी बूरा ने भी महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक जीत लिया. उन्होंने 75-81 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया. स्वीटी ने चीन की लिना वोंग को हराया. पूरे मैच के दौरान दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर रही. हालांकि शुरुआती दो राउंड में स्वीटी ने 3-2 की बढ़त बनाई थी. ऐसे में तीसरे राउंड के बाद फैसला रिव्यू के लिए गया. यहां पर भी स्वीटी के पक्ष में नतीजा आया और इस तरह से भारत को शनिवार को प्रतियोगिता में दूसरा स्वर्ण पदक मिल गया. इससे पहले नीतू घनघस ने 45-48 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था.
स्वीटी के प्रमुख मेडल
स्वीटी ने यूथ बॉक्सिंग ट्रेनिंग कंपीटिशन 2011 में गोल्ड मेडल जीता था. नवंबर 2014 में एआईबीए वर्ल्ड वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप साउथ कोरिया में सिल्वर मेडल, जून-जुलाई 2015 इंडिया-आस्ट्रेलिया प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल, अगस्त 2015 एबीएसी एशियन कॉन्फेडरेशन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, फरवरी 2018 में प्रथम ओपन इंडिया इंटरनेशनल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल, 13 जून 2018 में रूस के कॉस्पिक में हुए उमाखानोव मेमोरियल टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल, 2021 में एशिया चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, 2022 की एशियाई चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने में सफल रही थीं. अब 2023 में महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत है.
पहले राज्य स्तर की कबड्डी खिलाड़ी थीं स्वीटी
10 जनवरी 1993 को हरियाणा के हिसार में एक किसान परिवार में स्वीटी बूरा का जन्म हुआ था. वहीं उनके पिता महेंद्र सिंह भी नेशनल लेवल पर बास्केटबॉल खेलते थे. स्वीटी बॉक्सिंग में जाने से पहले पहले राज्य स्तर की कबड्डी खिलाड़ी थीं. इसके बाद 2009 में अपने पिता के कहने से स्वीटी बूरा ने अपना करियर बनाने के लिए बॉक्सिंग को चुना था. उनके पिता का यह फैसला एकदम सही साबित हुआ. शुरू में उनका प्रशिक्षण हरियाणा में ही हुआ. इसके बाद उच्च प्रशिक्षण के लिए उन्हें हरियाणा से बाहर जाना पड़ा.
शादी के बाद भी प्रैक्टिस रखी जारी
हरियाणा की इंटरनेशनल बॉक्सर स्वीटी बूरा की शादी 7 जुलाई 2022 को रोहतक के दीपक हुड्डा के साथ हुई थी. उन्होंने शादी से पहले और बाद में प्रैक्टिस लगातार जारी रखी. उनके पिता ने कहा कि उनकी बेटी काफी मेहनत करती है. ये उसने एक बार फिर पदक जीतकर करके दिखाया है. उनकी बहन सीवी बूरा ने बताया कि शादी के बाद स्वीटी की जिंदगी में काफी बदलाव आया, लेकिन उनको कभी खेल से दूर नहीं किया गया.
17 साल की सफलता दोहराने का मौका
भारतीय महिला मुक्केबाजों के सामने 17 साल पहले की सफलता को दोहराने का मौका है. दिल्ली में ही हुई 2006 की विश्व चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने चार स्वर्ण पदक जीते थे. भारत की ओर से शनिवार को खेलते हुए नीतू और स्वीटी ने गोल्ड मेडल जीत लिया है. भारत की निकहत और लवलीना रविवार को फाइनल खेलेंगी. यदि इन दोनों ने भी मैच जीत लिया तो भारतीय महिला मुक्केबाज 17 साल पहले की सफलता को दोहरा देंगीं.