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वर्ल्ड गेम्स का 2021 का सर्वश्रेष्ठ एथलीट अवॉर्ड पीआर श्रीजेश के नाम, अवार्ड पाने वाले दूसरे भारतीय बने

2016 ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तानी संभाल चुके हैं. इसके साथ, हाल ही में श्रीजेश को खेल जगत के सर्वोच्च सम्मान खेल रत्न से नवाजा गया है. वह टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के अहम सदस्य रहे थे. एफआईएच की ओर से उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष गोलकीपर का अवॉर्ड भी मिल चुका है.

वर्ल्ड गेम्स का 2021 का सर्वश्रेष्ठ एथलीट अवॉर्ड पीआर श्रीजेश के नाम वर्ल्ड गेम्स का 2021 का सर्वश्रेष्ठ एथलीट अवॉर्ड पीआर श्रीजेश के नाम
हाइलाइट्स
  • 2006 में किया अपना इंटरनेशनल डेब्यू

  • खेल चुके 240 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच

टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पीआर श्रीजेश ने एक और खिताब अपने नाम कर लिया है. उन्हें प्रतिष्ठित द वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर 2021 के अवॉर्ड से नवाजा गया है. बता दें, इसे हासिल करने वाले ये दूसरे हॉकी खिलाड़ी बन गए हैं. इससे पहले महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने 2019 में यह पुरस्कार अपने नाम किया था.

श्रीजेश को 127,647 वोट मिले जबकि दूसरे स्थान पर स्पेन के स्पोर्ट क्लाइंबिंग खिलाड़ी अल्बर्ट गिनेस लोपेज़ रहे, जिन्हें 67,428 वोट मिले. 

श्रीजेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, “वर्ष 2021 का विश्व खेल एथलेट प्राप्त करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है इस अवसर पर मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि आपने मुझे वोट देने के लिए अपना कीमती समय दिया. धन्यवाद!”

2006  में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया 

दरअसल, भारतीय पुरुष हॉकी टीम उस वक़्त ट्रांजिशन से गुजर रही थी जब पीआर श्रीजेश ने 2006 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया. 2004 के एथेंस ओलंपिक के बाद टीम के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई, जहां भारतीय टीम 7 वें स्थान पर रही थी. इस वक्त भारतीय खिलाड़ी धनराज पिल्ले ने 2004 के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया था. जिस कारण भारतीय हॉकी टीम की परफॉर्मेंस पर काफी असर पड़ा. 1928 में के खेलों में भाग लेने के बाद से टीम पहली बार 2008 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी.  श्रीजेश इस समय केवल 20 साल के थे. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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आसान नहीं रहा सफर 

सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में से एक बनने के लिए श्रीजेश का सफर इतना आसान नहीं था. हालांकि, उन्हें अंतरराष्ट्रीय करियर में लगभग 6 साल ही हुए थे जब उन्होंने गोलकीपर के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली थी. श्रीजेश ने 2011 में भारत को अपनी पहली एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई थी. इस मैच में  उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ स्वर्ण पदक के लिए शूट-आउट में कुछ पेनल्टी स्ट्रोक बचाए थे.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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खेल चुके 240 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच

आपको बता दें, श्रीजेश एफआईएच के 2021 के साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुने गए हैं. ये तीन बार के ओलंपियन रह चुके हैं, जिन्होंने 240 से ज्यादा इंटरनेशनल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. पिछले 12 महीनों की बात करें, तो उनके लिए यह काफी शानदार रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए टीम को टोक्यो खेलों में ऐतिहासिक कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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नवाजा गया है खेल रत्न से 

गौरतलब है कि 2016 ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तानी संभाल चुके हैं. इसके साथ, हाल ही में श्रीजेश को खेल जगत के सर्वोच्च सम्मान खेल रत्न से नवाजा गया है. वह टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के अहम सदस्य रहे थे. एफआईएच की ओर से उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरुष गोलकीपर का अवॉर्ड भी मिल चुका है. श्रीजेश 2012 में लंदन ओलंपिक और 2016 में रियो ओलंपिक में भी भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं.