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World University Games: 17 साल की उम्र में ब्रेन हैमरेज, 20 साल में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में मेडल... ऐसी है Archer Pragati की कहानी

Archer Pragati Story: चीन के चेंगदू में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में 20 साल की तीरंदाज प्रगति के खाते में 2 मेडल आए. उन्होंने मिक्स्ड इवेंट में गोल्ड मेडल जीता, जबकि वूमेंस इवेंट सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. 3 साल पहले प्रगति का ब्रेन हैमरेज हुआ था. उसके बाद उन्होंने काफी संघर्ष किया.

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में 2 मेडल जीतने वाली तीरंदाज प्रगति की कहानी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में 2 मेडल जीतने वाली तीरंदाज प्रगति की कहानी

चीन के चेंगदू में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स चल रहा है. इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. इसमें से 20 साल की एक तीरंदाज प्रगति हैं, जिनके हिस्से में 2 मेडल आए हैं. प्रगति ने टीम इवेंट में ये मेडल्स जीते हैं. आपको बता दें कि 3 साल पहले प्रगति को ब्रेन हैमरेज हुआ था. लेकिन उन्होंने संघर्ष किया और अपनी प्रतिभा के दम पर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में मेडल हासिल किया.

प्रगति ने टीम इवेंट में जीते 2 मेडल-
प्रगति और अमन सैनी ने मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. इस जोड़ी ने दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया है. अमन और प्रगति की जोड़ी ने साउथ कोरियाई जोड़ी को फाइनल में 157-156 के अंतर से हराया. हालांकि वूमेंस टीम इवेंट में प्रगति और उनकी जोड़ीदार को हार का सामना करना पड़ा और सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. फिलहाल प्रगति चीन से स्वेदश लौट आई हैं.

17 साल की उम्र में ब्रेन हैमरेज-
तीरंदाज प्रगति को 17 साल की उम्र में ब्रेन हैमरेज का सामना करना पड़ा था. 5 मई 2020 को कंपाउंड तीरंदाज को ब्रेन हैमरेज हुआ था. जिसके बाद एक जटिल न्यूरोसर्जरी करनी पड़ी थी. इसके बाद प्रगति को धनुष उठाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. लेकिन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में उनका संघर्ष रंग लाया और उन्होंने 2 मेडल जीते.

दिल्ली की रहने वाली हैं प्रगति-
प्रगति दिल्ली के दिलशाद गार्डन की रहने वाली हैं और पंजाब के गुरु काशी विश्वविद्यालय की छात्रा हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रगति ने बताया कि यह कठिन रहा. लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने इसे हासिल किया. शुरू से मेरा लक्ष्य खेल में अच्छा प्रदर्शन करना था. ब्रेन हैमरेज एक चुनौती बनकर आया. लेकिन मेरे परिवार, कोच, खासकर मेरी बहन ने काफी मदद की. वो हमेशा चिढ़ाती थी कि जल्द करो. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इतना कुछ होने के बाद मैंने अपने जीवन में तीरंदाजी को एक लक्ष्य बनाया.

प्रगति ने ब्रेन हैमरेज के बारे में बताया-
अस्पताल के दिनों के बारे में प्रगति बताती है कि मुझे तेज दर्द हुआ और मैं बेहोश हो गई. मेरी फैमिली मुझे अस्पताल ले गई और डॉक्टरों ने उनको बताया कि मुझे ब्रेन हैमरेज हुआ है. वो कहती हैं कि ये मेरे माता-पिता के लिए एक चुनौती थी. सर्जरी के बाद मुझे ये भी याद नहीं रहा कि मैंने क्या नाश्ता किया है? यह बहुत कठिन था. हालांकि मेरे डॉक्टर का कहना है कि उनका कोई भी मरीज इतनी जल्दी ठीक नहीं हुआ है. प्रगति ने बताया कि 15 जून 2020 को मैंने चलना शुरू कर दिया था.

कैसे हुआ तीरंदाजी का शौक-
रिपोर्ट के मुताबिक प्रगति ने तीरंदाजी की शुरुआत के विरोध के तौर र किया था. दरअसल जब वो क्लास 8 में पढ़ाई कर रही थीं. लेकिन वो पढ़ना नहीं चाहती थीं. उनका कहना है कि मैं सिर्फ खेलना चाहती थी. मेरे बहन पढ़ती थी. लेकिन मैं जैसे ही अपनी किताबों को खोलती थी, उबासी आने लगती थी. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्होंने लॉन टेनिस खेलना शुरू किया. लेकिन मेरे पिता ने इसको छोड़ने को कहा. प्रगति कहती हैं कि मैंने तीरंदाजी सीखी और अपने माता-पिता से कहा कि मैं साबित करूंगी कि मैं इससे कुछ कर सकती हूं.
इसके बाद प्रगति ने दिल्ली के नजफगढ़ में देवांश तीरंदाजी अकादमी में दाखिला लिया. उन्होंने जल्द ही विजयवाड़ा में सब-जूनियर अंडर 14 मेडल जीता. 
प्रगति ने बताया कि जब ब्रेन हैमरेज हुआ और मैं ठीक होने लगी तो मां ने कहा कि अगर मन करे तो पढ़ो और अगर खेलने का मन करे तो खेलो. इसके बाद उन्होंने आगे खेलना शुरू किया. लॉकडाउन के बाद देहरादून में जूनियर नेशनल में हिस्सा लिया औ जीत हासिल की.

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