टीम इंडिया के शानदार खिलाड़ी यशपाल शर्मा थे. उन्हें क्रिकेट के मैदान पर जुझारूपन के लिए जाना जाता है. 1983 के विश्व कप में खेली गई उनकी पारी क्रिकेट प्रेमियों को हमेशा याद रहेगी. उन्होंने टीम इंडिया के लिए टेस्ट और वनडे दोनों मैच खेले हैं. इस महान बल्लेबाज का निधन 13 जुलाई 2021 को दिल का दौरा पड़ने से 66 साल की उम्र में हो गया था. आइए आज इस महान बल्लेबाज की कहानी जानते हैं.
दिलीप कुमार ने दिलवाई थी टीम में एंट्री
यशपाल शर्मा का जन्म 11 अगस्त 1954 को लुधियाना में हुआ था. यशपाल शर्मा ने क्रिकेट में अपने करियर की सफलता के पीछे अभिनेता दिलीप कुमार का हाथ बताते थे. यशपाल शर्मा ने बताया था कि एक बार वे दिल्ली में पंजाब टीम से खेल रहे थे. दोनों पारियों में यशपाल शर्मा ने शतक लगाया था. तब पता चला कि कोई बड़ा आदमी कार से आकर मैच देखते हैं. यशपाल शर्मा को लगा कि कोई बड़े नेता होगा, लेकिन अगले दिन उन्हें दिलीप साहब के यहां से बुलावा आया. दिलीप साहब ने उनकी बल्लेबाजी की तारीफ की और कह कि मैं आपके नाम की सिफारिश करूंगा. बाद में दिलीप कुमार ने राज सिंह डुंगरपुर से यशपाल शर्मा की सिफारिश की और कहा कि इस बंदे को नेशनल टीम में जगह मिलना चाहिए. इसके बाद उनका चयन भारतीय क्रिकेट टीम हो गया.
टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ किया था डेब्यू
यशपाल शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ 2 अगस्त 1979 को लॉर्ड्स के मैदान में अपना डेब्यू किया था. उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ 29 अक्टूबर 1983 को खेला था. इसके अलावा उन्होंने 13 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में डेब्यू किया था और इंग्लैंड के खिलाफ 27 जनवरी 1985 को आखिरी वनडे मुकाबला खेला था.
कट शॉट बहुत मारक होते थे
यशपाल शर्मा अपने बादाम शॉट के लिए फेमस थे. दरअसल, यशपाल शर्मा जब भी बल्लेबाजी करते थे तो जेब में बादाम रखते और खाते रहते थे. उनके कट शॉट खासतौर पर बहुत मारक होते थे. वे शाकाहारी थे और टीम के सबसे चुस्त खिलाड़ियों में शामिल थे.
विश्व कप के पहले मैच में की थी दमदार बैटिंग
1983 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में टीम इंडिया को दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज से भिड़ना पड़ा था. इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 76 के स्कोर पर भारत का जब तीसरा विकेट गिरा तो यशपाल शर्मा मैदान पर उतरे. 141 रनों के स्कोर तक आधी टीम पैवेलियन लौट चुकी थी, लेकिन यशपाल ने अपना धैर्य बनाए रखा.
भारत ने वेस्टइंडीज को 34 रनों से हराया
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर यशपाल शर्मा ने 120 गेंदों का सामना कर भारतीय पारी को संवारा. यशपाल ने अकेले नौ चौके के बदौलत 89 रन बनाए. इससे भारत का स्कोर निर्धारित 60 ओवरों में 262/8 तक जा पहुंचा. यशपाल की उस शानदार पारी की बदौलत भारत ने ग्रुप-बी के अपने पहले ही मैच में बड़ा उलटफेर कर दिया और वेस्टइंडीज को 34 रनों से मात दी.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 40 गेंदों पर 40 रन बनाए
यशपाल शर्मा ने उसी वर्ल्ड कप के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में आक्रामक पारी खेलते हुए 40 गेंदों में 40 रन बनाए. उस मैच में यह न सिर्फ भारत की ओर से सर्वाधिक निजी स्कोर था, बल्कि जवाबी पारी में ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी इतने रन किसी ने नहीं बनाए. 248 रनों का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम मदन लाल, रोजर बिन्नी (4-4 विकेट) और बलविंदर संधू (2 विकेट) की धारदार गेंदबाजी के आगे 129 रनों पर सिमट गई थी.
सेमीफाइनल में भी अकेले दम पर दिलाई थी जीत
यशपाल शर्मा ने सेमीफाइनल में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ जीत में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने सर्वाधिक 61 रनों की पारी खेली, जिसमें 2 छक्के और 3 चौके शामिल रहे. भारत ने वह महत्वपूर्ण मुकाबला 6 विकेट से जीता और फाइनल में पहुंच गया. फाइनल में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज का लगातार तीसरा वर्ल्ड कप जीतने का सपना तोड़ दिया और पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया.1983 के वर्ल्ड कप में भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने की बात करें तो कपिल देव (303 रन) के बाद यशपाल के खाते में सर्वाधिक रन (240) दर्ज हैं.
टेस्ट और वनडे में ऐसा रहा रिकॉर्ड
यशपाल शर्मा ने टीम इंडिया के लिए 37 टेस्ट मैच खेले हैं. इसमें उन्होंने 1606 रन बनाए हैं. इसके साथ ही दो शतक और 9 अर्धशतक भी उनके नाम रहे हैं. टेस्ट मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 140 रन रहा है. इसके अलावा उन्होंने टीम इंडिया के लिए 42 वनडे मुकाबले भी खेले हैं. वनडे में यशपाल शर्मा ने कुल 883 रन बनाए हैं. साथ ही वनडे क्रिकेट में यशपाल शर्मा के नाम 4 अर्धशतक भी शामलि हैं. वनडे मैच में उनके बल्ले से कोई शतक तो नहीं निकला, लेकिन उनके करियर से जुड़ा दिलचस्प फैक्ट ये रहा कि वह वनडे में कभी शून्य पर आउट नहीं हुए.