scorecardresearch

India vs Zimbabwe 1st T20i: पहले टी20 में जिम्बाब्वे ने भारत को धूल चटाई, ये रहे हार के चार कारण

यह भारत के खिलाफ टी20 क्रिकेट में जिम्बाब्वे की सिर्फ तीसरी जीत है. इससे पहले जिम्बाब्वे ने भारत को 2015 और 2016 में एक-एक बार शिकस्त दी है. यह टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में इस साल भारत की पहली हार भी है. इससे पहले भारत ने 2024 में लगातार 12 टी20 मैच जीते थे.

India vs Zimbabwe India vs Zimbabwe
हाइलाइट्स
  • जिम्बाब्वे ने दिया 115 रन का लक्ष्य

  • 102 रन पर ढेर हुई भारतीय टीम

जिम्बाब्वे ने भारत के खिलाफ शनिवार को खेले गए पहले टी20 मैच (India vs Zimbabwe) में बड़े उलटफेर को अंजाम दिया. सिकंदर रजा की कप्तानी में टीम ने भारत को 13 रन से हरा दिया. जिम्बाब्वे ने भारत के सामने 116 रन का लक्ष्य रखा. भारतीय टीम इसके जवाब में 19.5 ओवर में 102 रन पर ऑलआउट हो गई.

यह भारत के खिलाफ टी20 क्रिकेट में जिम्बाब्वे की सिर्फ तीसरी जीत है. इससे पहले जिम्बाब्वे ने भारत को 2015 और 2016 में एक-एक बार शिकस्त दी है. यह टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में इस साल भारत की पहली हार भी है. इससे पहले भारत ने 2024 में लगातार 12 टी20 मैच जीते थे. 

भारत ने एक हफ्ते पहले ही टी20 वर्ल्ड कप जीता है. जिम्बाब्वे का दौरा करने वाली टीम में भले ही वर्ल्ड चैंपियन टीम का एक भी खिलाड़ी नहीं है, लेकिन ये युवा खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अच्छा-खासा अनुभव रखते हैं. तो फिर भारतीय टीम इस आसान से स्कोर का पीछा क्यों नहीं कर पाई? आइए जानते हैं भारतीय टीम की हार के पांच कारण. 

सम्बंधित ख़बरें

अंतिम ओवरों में ढिलाई
भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. मुकेश कुमार ने दूसरे ही ओवर में जिम्बाब्वे को झटका देते हुए इनोसेंट काइया को शून्य के स्कोर पर पवेलियन लौटा दिया. वेस्ले माधेवेरे और ब्रायन बेनेट ने दूसरे विकेट के लिए 34 रन जोड़े. लेकिन इसके बाद रवि बिश्नोई की फिरकी जिम्बाब्वे पर भारी पड़ गई. 

बिश्नोई ने माधेवेरे और ब्रायंट दोनों को 11 रन के अंतराल में पवेलियन लौटा दिया. उन्होंने अपने चार ओवर में सिर्फ 13 रन देकर कुल चार विकेट लिए. वाशिंगटन सुंदर ने अपने चार ओवर में 11 रन देकर दो विकेट चटकाए. जिम्बाब्वे की ओर से क्लिव मडांडे ने सर्वाधिक 29 रन बनाए. उन्होंने 25 गेंद की पारी में चार चौके जड़े.

जिम्बाब्वे 15.3 ओवर में 90 रन पर अपने 9 विकेट गंवा चुकी थी. भारतीय टीम अगर चौकस होती तो मेजबान टीम का आखिरी विकेट जल्द से जल्द ले सकती थी. लेकिन उसने जिम्बाब्वे को अंतिम 27 गेंद पर 25 बहुमूल्य रन जोड़ने का मौका दिया. इसके बरक्स, भारतीय टीम 86 रन पर नौ विकेट गंवाने के बाद अंतिम तीन ओवर में सिर्फ 16 रन ही बना सकी. 

फील्डिंग में सुस्ती
भारतीय टीम ने भले ही हरारे स्पोर्ट्स क्लब की धीमी पिच पर अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन फील्डिंग में वह अच्छा स्तर बरकरार नहीं रख सकी. यह वजह रही कि जिम्बाब्वे मुश्किल परिस्थितियों में ऐसा स्कोर खड़ा कर सकी जो हासिल करना भारत के लिए नामुमकिन साबित हुआ. कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद यह बात स्वीकार भी की.

गिल ने कहा, "हमने काफी अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन फील्डिंग में हमने खुद को निराश किया. हम अच्छे स्तर की फील्डिंग नहीं कर पाए. हर कोई थोड़ा सुस्त लग रहा था." 

टॉप ऑर्डर की धैर्यहीन बल्लेबाजी
भारतीय टीम जब 115 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो उसके बल्लेबाजों के पास संयम से बल्लेबाजी करने का मौका था. लेकिन जिम्बाब्वे की धारदार गेंदबाजी के आगे सभी एक के बाद एक पवेलियन लौटते चले गए. 10वें ओवर की समाप्ति तक भारत की आधी टीम मात्र 43 रन पर पवेलियन लौट चुकी थी. 11वें ओवर में रज़ा ने गिल को बोल्ड कर उन्हें भी पवेलियन का रास्ता दिखाया. 

गिल ने 29 गेंद पर पांच चौकों की मदद से सर्वाधिक 31 रन बनाए, लेकिन यह भारत को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं था. भारत के आठ बल्लेबाज 10 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सके, जो टीम की हार का बड़ा कारण बना. 

गिल ने हार के बाद कहा, "हमने पिच पर समय बिताने और अपनी बल्लेबाजी का आनंद लेने के बारे में बात की लेकिन (बल्लेबाजी) उस तरह से नहीं हुई. आधी पारी में हमने 5 विकेट खो दिए थे, अगर मैं अंत तक वहां रुकता तो हमारे लिए बेहतर होता. मैं जिस तरह से आउट हुआ उससे बहुत निराश हूं. हमारे लिए आखिर में थोड़ी उम्मीद थी लेकिन जब आप 115 रन का पीछा कर रहे हों और आपका नंबर 10 बल्लेबाज पिच पर हो ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता." 

सिकंदर रज़ा का कुशल नेतृत्व
भारतीय युवा भले ही अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके, लेकिन जिम्बाब्वे की जीत का श्रेय सिकंदर रजा को भी जाना चाहिए. उन्होंने सही तरह से गेंदबाजों को रोटेट किया और जब भारत शुरुआती झटके लगने के बाद दबाव में था तो उन्होंने आक्रामकता में कमी नहीं होने दी. 

रज़ा ने गिल का बहुमूल्य विकेट लेकर मैच को जिम्बाब्वे की झोली में तो डाला ही, इसके अलावा भी उन्होंने दो और विकेट चटकाए. इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया. रज़ा ने मैच के बाद कहा, "जीत से बहुत खुशी महसूस हो रही है. काम अभी ख़त्म नहीं हुआ, सीरीज़ अभी बाकी है. वर्ल्ड चैंपियन आखिरी वर्ल्ड चैंपियन की तरह खेलते हैं इसलिए हमें अगले मैच के लिए तैयार रहना होगा." 

अगला मैच रविवार को
भारत और जिम्बाब्वे का अगला मैच रविवार को हरारे में ही खेला जाएगा. इस जीत के साथ जिम्बाब्वे ने पांच मैच की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है.