scorecardresearch

AI cheating tool: 21 साल के एंटरप्रेन्योर ने बनाया 'AI चीटिंग टूल', यूनिवर्सिटी से सस्पेंशन के बाद आया आइडिया, 44 करोड़ की फंडिंग भी जुटाई

सैन फ्रांसिस्को के 21 साल के एंटरप्रेन्योर चुंगिन ली ने ऐसा AI टूल (Cluely) तैयार किया है जो एग्जाम, इंटरव्यू और कॉल्स के दौरान cheating करने में मदद करता है.

AI tool designed to help users cheat on everything AI tool designed to help users cheat on everything
हाइलाइट्स
  • ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स ने बनाया ये टूल

  • हिडन ब्राउजर विंडो में चलता है टूल

सैन फ्रांसिस्को के 21 साल के एंटरप्रेन्योर चुंगिन ली ने ऐसा AI टूल (Cluely) तैयार किया है जो एग्जाम, इंटरव्यू और कॉल्स के दौरान Cheating करने में मदद करता है. ली ने अपने स्टार्टअप के लिए करीब 44 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है. यह टूल स्क्रीन पर दिखाई दिए बिना बैकग्राउंड में काम करता है, जिससे सामने वाले को चीटिंग का पता नहीं चलता.

ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स ने बनाया ये टूल
इसे कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स Lee और Neel Shanmugam ने बनाया है. पहले इसे Interview Coder के नाम से बनाया गया था जिसे Lee ने अकेले त्यार किया था ताकि लोग टेक्निकल इंटरव्यू में AI की मदद से सही जवाब दे सकें. लेकिन जब यूनिवर्सिटी को इसका पता चला, तो Lee को सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद Lee ने Neel के साथ मिलकर Cluely नाम की कंपनी बनाई. 

हिडन ब्राउजर विंडो में चलता है टूल
Cluely का एक हिडन ब्राउजर विंडो में चलता है, और इसी वजह से इसका इस्तेमाल करने वाला पकड़ा नहीं जाता. कंपनी का कहना है कि जैसे पहले कैलकुलेटर और स्पेलचेक को भी "चीटिंग" माना जाता था, वैसे ही Cluely को भी लोग धीरे-धीरे ही अपनाएंगे. Lee ने दावा किया कि इसी टूल की मदद से उन्होंने Amazon में इंटर्नशिप पाई थी. Cluely का दावा है कि उनका टूल अब हर साल करीब 3 मिलियन डॉलर यानी 25 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है.

सम्बंधित ख़बरें

कैसे काम करता है ये टूल
Cluely का AI टूल इंटरव्यू के दौरान एक छिपे हुए ब्राउज़र विंडो में चलता है और यूजर की स्क्रीन पर दिखता भी नहीं है. जैसे ही इंटरव्यूअर कोई सवाल पूछता है, टूल माइक्रोफोन या सिस्टम ऑडियो के ज़रिए सवाल को सुनता है और फिर सवाल को रियल टाइम में प्रोसेस करता है और तुरंत उसका जवाब तैयार कर लेता है. जवाब यूजर को एक पॉपअप या हिडन इंटरफेस के जरिए दिखाया जाता है, जिससे वह तुरंत बोल या टाइप कर सकता है. इससे सामने वाले को शक भी नहीं होता.

तमाम दिग्गज टेक कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और अमेजन इस एआई टूल से निपटने के तरीके खोज रही हैं.