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5G Network in India: अपने नेटवर्क को 5G में स्विच करने का बना रहे हैं मन? उससे पहले पढ़ लें ये जरूरी बातें 

5G Network in India: कई लोग अपने नेटवर्क को 5G में स्विच कर चुके हैं. वहीं कई 5G में स्विच करने का मन बना रहे हैं. ऐसे में लोगों ने इसमें आने वाली परेशानियों के बारे में जिक्र किया है.

5G Network in India 5G Network in India
हाइलाइट्स
  • बैटरी ड्रेन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है

  • लोग कर रहे हैं कॉल ड्राप का सामना 

देशभर में 5G अलग-अलग शहरों में शुरू किया जा रहा है. Jio और Airtel ने अपने यूजर्स को 5जी सर्विस देना शुरू कर दिया है. हालांकि, अगर आप भी 5G नेटवर्क पर स्विच करने का मन बना रहे हैं तो आपको इसपर थोड़ा और सोचने की जरूरत है. इंटरनेट पर मौजूद कई लोगों ने 5जी को लेकर शिकायतें की हैं. उनका कहना है कि लोगों को 5जी पर स्विच करने के लिए अभी कुछ समय और इंतजार करना चाहिए. इसके पीछे कई और कारण बताए जा रहे हैं.  

डेटा है बड़ा कारण

5G पर स्विच नहीं करने का एक सबसे बड़ा कारण है डेटा की बचत करना. 5G की तुलना में 4G में कम इंटरनेट डेटा खर्च होता है. 5जी चूंकि 4जी से 10 गुना तेज स्पीड देता है तो जाहिर सी बात है कि उसमे डेटा ज्यादा खर्च होगा. यह सेकंड के भीतर कंटेंट को बफर कर देता है. अगर आप 5जी में स्विच कर लेते हैं तो हो सकता है आपका डेटा जल्दी खत्म हो जाए. 

लोग कर रहे हैं कॉल ड्राप का सामना 

ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स ने कॉल ड्रॉप की समस्या के बारे में बताया है. उनके मुताबक, 5जी में स्विच करने पर लोगों को कॉल ड्राप का सामना करना पड़ रहा है. जिससे काफी समस्या हो रही है. इसके अलावा ट्विटर पर कई लोगों ने 5G पर स्विच करने के बाद भी मोबाइल फोन पर धीमे नेटवर्क का अनुभव करने की शिकायत की है.

वहीं, कुछ यूजर्स जिनके पास 5G सपोर्ट फोन है, वे भी 5G सर्विस का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. टेलीकॉम कंपनियां ये दिखा रही हैं कि उनका डिवाइस 5G का सपोर्ट नहीं करता है. यह एक बग है जिसे कंपनियों को ठीक करने की जरूरत है.

बैटरी ड्रेन की समस्या 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, iPhone यूजर्स 5G पर स्विच करने के बाद बैटरी ड्रेन की समस्या का भी सामना कर रहे हैं. कुछ एंड्रॉयड यूजर्स ने ट्विटर पर इसकी शिकायत भी की है. हालांकि, नेटवर्क की वजह से बैटरी खत्म होने की समस्या कोई नई बात नहीं है. जब सिग्नल कम आते हैं, तो डिवाइस में ट्रांसमीटर सिग्नल को ज्यादा लेवल तक बढ़ाता है, जिससे बैटरी ज्यादा खर्च होती है.