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देश में अगले साल से शुरू होगा 5G, दिल्ली-गुरुग्राम समेत इन 13 शहरों को मिलेगी सबसे पहले एडवांस टेक्नोलॉजी

5G In India: फिफ्थ जनरेशन (5th Generation) मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क के लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन (LTE) का लेटेस्ट अपग्रेड है. हालांकि, 4G भी इस सेक्टर में एक बड़ी छलांग थी, जिसने लोगों को चलते-फिरते म्यूजिक और वीडियो स्ट्रीम करने की बेहतरीन सुविधा दी. लेकिन 5G को केवल स्मार्टफोन ही नहीं बल्कि कई सारे डिवाइस से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह 4जी की तुलना में काफी तेज, एडवांस और ज्यादा कैपेसिटी वाला है.

5G Technology 5G Technology
हाइलाइट्स
  • इस प्रोजेक्ट पर 224 करोड़ रुपये खर्च किए हैं

  • यह 4जी की तुलना में काफी तेज, एडवांस और ज्यादा कैपेसिटी वाला है

5G Network In India: 5जी टेक्नोलॉजी का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए गुड न्यूज है. अब जल्द ही देश में ये एडवांस टेक्नोलॉजी शुरू होने वाली है. इसे अगले साल यानि 2022 में भारत के चुनिंदा शहरों में शुरू किया जाएगा. टेलीकॉम मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि सबसे पहले इसे 13 शहरों में शुरू किया जायेगा. इन शहरों में  गुरुग्राम, बैंगलोर, कोलकाता, मुंबई, चंडीगढ़, दिल्ली, जामनगर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, पुणे और गांधीनगर शामिल हैं.

टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने इन शहरों में 5जी ट्रायल साइट बनाई हैं. टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने सोमवार को कहा, "ये मेट्रो और बड़े शहर अगले साल देश में 5G सेवाओं की शुरुआत करने वाले पहले स्थान होंगे."

क्या है 5th Generation? 4G से कैसे अलग?

गौरतलब है कि फिफ्थ जनरेशन (5th Generation) मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क के लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन (LTE) का लेटेस्ट अपग्रेड है. हालांकि, 4G भी इस सेक्टर में एक बड़ी छलांग थी, जिसने लोगों को चलते-फिरते म्यूजिक और वीडियो स्ट्रीम करने की बेहतरीन सुविधा दी. लेकिन 5G को केवल स्मार्टफोन ही नहीं बल्कि कई सारे डिवाइस से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह 4जी की तुलना में काफी तेज, एडवांस और ज्यादा कैपेसिटी वाला है. 

स्वदेशी प्रोजेक्ट में देश की आठ एजेंसियां शामिल 

‘इंडिजेनस 5G टेस्ट बेड प्रोजेक्ट’ नाम के इस स्वदेशी प्रोजेक्ट में देश की आठ एजेंसियां शामिल हैं. जिनमें ​​ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे, IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT मद्रास, IIT कानपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बैंगलोर, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (सीईडब्ल्यूआईटी) हैं. 

इस प्रोजेक्ट को 2018 में शुरू किया गया था, जो 31 दिसंबर, 2021 तक पूरा होने वाला है. प्रोजेक्ट पर 224 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

जनवरी की शुरुआत में होगा शुरू 

दिसंबर की शुरुआत में टेलीकॉम सेक्रेटरी के राजारमन ने उम्मीद जताई थी कि जनवरी की शुरुआत में 5G टेस्ट बेड शुरू किया जाएगा. राजारमन ने 9 दिसंबर को इंडिया मोबाइल कांग्रेस में कहा था, "हमें उम्मीद है कि जनवरी की शुरुआत में इस 5जी टेस्ट बेड को रोल आउट कर दिया जाएगा, जो एसएमई और उद्योगों के अन्य हिस्सों को एक वर्किंग प्लेटफॉर्म पर आने और उनके समाधान का परीक्षण करने में सक्षम बनाएगा."

टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने ट्रायल के लिए दिए स्पेक्ट्रम  

बता दें, ‘टेस्ट बेड’ में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम और नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन शामिल हैं. टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने 5जी ट्रायल के लिए भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल को स्पेक्ट्रम आवंटित किया है. एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और मावेनिर भी इन ट्रायल्स में शामिल हुए हैं.

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