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Measures to take after Online Fraud: ऑनलाइन ठगी के बाद शख्स को वापस मिले 75 लाख रुपए, जानिए ऐसा होने पर आपको क्या करना चाहिए?

दिल्ली के रहने वाले शिवकुमार कौशिक के साथ 75 लाख का साइबर फ्रॉड हो गया. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी लड़ाई जारी रखी. साइबर ठगी के शिकार हुए शिव कुमार को लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार अकाउंट से गायब हुए 75 लाख रुपये वापस मिल गए.

साइबर फ्रॉड साइबर फ्रॉड
हाइलाइट्स
  • ठगी के बाद के पहले 2-3 घंटे हैं महत्वपूर्ण

  • बैंक ने लॉन्च किया ये नया सिस्टम

देश की राजधानी दिल्ली में कंस्ट्रक्शन के बिजनेस से जुड़े शिवकुमार कौशिक इस वक्त खुद को दुनिया का सबसे खुशकिस्मत इंसान मान रहे हैं. हालांकि ठीक एक साल पहले शिवकुमार की दुनिया अचानक से वीरान हो गई थी. 7 अप्रैल 2022 के मनहूस दिन को याद कर वे आज भी सिहर उठते हैं.

क्या है पूरा मामला?
7 अप्रैल 2022 को शिवकुमार के अकाउंट से अचानक 65 लाख रुपये गायब हो गए. शिवकुमार माजरा समझने की कोशिश कर रहे थे कि इनके अकाउंट से 10 लाख रुपये और डेबिट हो गए. बदहवास शिवकुमार ने अपने अकाउंट के कस्टोडियन बैंक को इसकी सूचना दी. लेकिन बैंक वालों का रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना था. 75 लाख की चपत लगने के सदमे में शिवकुमार के घर में दो दिन तक चूल्हा नहीं जला.

कहते हैं कि मुसीबत कभी अकेले नहीं आती, शिवकुमार के साथ भी यही हुआ. 75 लाख रुपये की चपत लगने के बाद उनके पास तरह-तरह के नोटिस आने लगे. कभी इनकम टैक्स विभाग का नोटिस. कभी जीएसटी का नोटिस तो कभी लोन देने वाले बैंक का नोटिस..... आलम ये हो गया कि वे जहां देखते उन्हें अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था.

साइबर एक्सपर्ट ने की मदद
पीड़ित शिवकुमार की जिंदगी में उम्मीद की किरण तब जगी जब उनकी मुलाकात साइबर एक्सपर्ट एडवोकेट अनुज अग्रवाल से हुई. अनुज अग्रवाल ने इस साइबर ठगी की तह तक जाने की कोशिश की और तमाम पड़ताल के बाद पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई. एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस ने कुछ ऐसे अकाउंट को सीज कर दिया जिसमें शिवकुमार के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर हुए थे. ऐसा होते ही 18 लाख रुपये की रिकवरी हो गई.

अदालत ने भी समझा शिवकुमार का दर्द
एफआईआर दर्ज होने के बाद मामला अदालत पहुंचा. अदालत की सख्ती के बाद पुलिस ने भी तेजी दिखाई. पुलिस ने मध्य प्रदेश से कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया. पीड़ित के अकाउंट से इन्हीं संदिग्धों के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ था. पुलिस ने संदिग्धों के अकाउंट से सारा पैसा रिकवर कर लिया.

ऑनलाइन ठगी पर क्या करें?
ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा से हमें खुदरा रुपयों की चिंता नहीं रहती और ये आसान भी है, लेकिन इसके साथ ही इसमें धोखाधड़ी की संभावना भी बनी रहती है. ऐसे में अगर कभी आप ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाएं तो आपको क्या कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए.

साइबर क्राइम या ऑनलाइन ठगी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए और इसकी शिकायत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नेशनल हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया है. अगर आप कभी भी साइबर क्राइम का शिकार होते हैं, तो सबसे पहले इस नंबर पर कॉल करें. इसके अलावा आप साइबर पोर्टल cybercrime.gov.in पर भी इसकी शिकायत कर सकते हैं.

ठगी के बाद के पहले 2-3 घंटे हैं महत्वपूर्ण
अगर आप साइबर क्राइम के शिकार होते हैं, तो शुरूआत के दो-तीन घंटे आपके लिए बेहद अहम हैं. जितनी जल्दी हो सके आप अपने साथ हुए हादसे की रिपोर्ट करें. आप जितने जल्दी शिकायत करेंगे, उतनी जल्दी साइबर टीम एक्शन ले सकेगी. इससे आपके पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है. आपके सूचना देते ही साइबर टीम अलर्ट हो जाती है, और सबसे पहले वो संबंधित बैंक से संपर्क करती है. उसके बाद आपके अकाउंट से जिस भी अकाउंट में ट्रांजैक्शन हुआ होता है, उसे होल्ड कर देती है. इससे जिस व्यक्ति ने आपके साथ धोखाधड़ी की है, वो उन पैसों का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. 

इतना ही नहीं ऑनलाइन ठगी जैसे अपराधों से बचने के लिए जागरूक होना भी बेहद जरूरी है. इसके लिए याद रखें कि अपने अकाउंट की कोई भी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें. अपने पासवर्ड, ओटीपी, CVV नंबर किसी को भी न बताएं.

बैंक ने लॉन्च किया ये नया सिस्टम
गौरतलब है कि 55 बैंकों ने ई-वॉलेट्स, ई-कॉमर्स साइट्स, पेमेंट गेटवेज और अन्य संस्थानों ने मिलकर एक Inter Connect platform लॉन्च किया है, जिसका नाम सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए बेहद कम समय में ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड्स के शिकार लोगों को बचाया जा सकता है.