यूके की टेलीकॉम कंपनी वर्जन मीडियो 02 ने Daisy नाम की AI Granny लॉन्च की है. डेजी एक एआई चैटबॉट है जिसे स्कैमर्स को लंबे समय तक फोन पर उलझाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है. यह चैटबॉट स्कैमर्स की कॉल उठाकर उनसे दादी के लहजे में बात करेगा और उन्हें अपनी स्टोरीज में 40 मिनट तक उलझाए रखेगा.
धोखेबाजों से कैसे डील करती है AI दादी
डेजी फोन पर दादी नानी की तरह घंटों अपनी कहानियों में उलझाए रख सकती है, जिससे आपको ठगने के मकसद से फोन करने वाले स्कैमर का समय बर्बाद हो जाए और वो खुद ही फोन काट दे. इस चैटबॉट की जब लाइव टेस्टिंग की गई तो स्कैमर ने परेशान होकर फोन काट दिया क्योंकि वह फोन पर एक घंटे बात करके बोर हो गया था.
डेजी धोखेबाजों से इस मकसद से बात करती है कि वो असली लोगों को निशाना न बना सकें. डेजी बातचीत में स्कैमबेटिंग (scambaiting) का इस्तेमाल करती है. स्कैमबेटिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें लोग खुद को शिकार बताकर धोखेबाजों का समय बर्बाद करते हैं जो न केवल उन्हें परेशान करता है, बल्कि उनके पूरे प्लान का पर्दाफाश करने में भी मदद करता है. वर्जिन मीडिया O2 का यह प्रयास लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए किया गया है.
कैसे काम करती है डेजी?
डेजी एक खास तरह का AI चैटबॉट है, जिसे धोखेबाजों को उलझाने और उनका समय बर्बाद करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह कई मॉर्डन तकनीकों का इस्तेमाल करके काम करती है. जैसे-
1.आवाज को टेक्स्ट में बदलना
जब कोई स्कैमर डेजी को कॉल करता है, तो डेजी उनकी आवाज को सुनती है और उसे टेक्स्ट में बदल देती है. इसके लिए स्पीच-टू-टेक्स्ट तकनीक (Speech-to-text technology) का इस्तेमाल किया जाता है. यह प्रक्रिया डेजी को कॉलर की बातों को समझने और उनका जवाब देने में मदद करती है.
2. लैग्वेज मॉडल (Large Language Model)
डेजी एक खास भाषा मॉडल का इस्तेमाल करती है, जो कॉलर के सवालों या बातों का जवाब दे सकती है. यह मॉडल धोखेबाजों से लंबी और उलझाने वाली बातचीत करने में मदद करती है. मान लीजिए अगर कोई डेजी से बैंक अकाउंट की डिटेल मांगता है, तो डेजी उसे गलत जानकारी देकर उसे उलझा सकती है. यह मॉडल इतना स्मार्ट है कि वह कॉलर के सवालों को समझकर उस सवाल के लायक जवाब तैयार कर लेता है.
3. पर्सनैलिटी लेयर (Personality Layer)
डेजी में एक खास पर्सनैलिटी लेयर जोड़ी गई है, जो उसे एक प्यारी और मासूम ब्रिटिश दादी जैसा बनाती है. उसकी आवाज और बोलने का तरीका एक बुजुर्ग महिला की तरह है, जो धोखेबाजों को यह विश्वास दिलाती है कि वे किसी असली व्यक्ति से ही बात कर रहे हैं. वह बातचीत में अपने शौक, परिवार, और पालतू बिल्ली जैसे बातों को छेड़ती है, जिससे बातचीत लंबी खिंचती है और धोखेबाज का समय बर्बाद होता है.
4. धोखेबाजों को भटकाना
डेजी की सबसे खास बात यह है कि वह गलत जानकारी देकर धोखेबाजों को भटकाती है. वह गलत बैंक डिटेल्स, नकली पते, और दूसरी गलत जानकारी देकर धोखेबाजों को उलझाए रखती है. बात करने के दौरान, वह किसी भी असली जानकारी को धोखेबाजों के सामने नहीं लाती है.
5. O2 एंटी-फ्रॉड टीम का सहयोग
वर्जिन मीडिया O2 की एंटी-फ्रॉड टीम ने डेजी का नंबर धोखेबाजों की कॉन्टैक्ट लिस्ट में जोड़ दिया है. इसका मतलब है कि जब भी कोई धोखेबाज कॉल करने की कोशिश करता है, तो वह अक्सर डेजी तक पहुंच जाता है. यह न केवल धोखेबाजों का समय बर्बाद करता है, बल्कि उन्हें असली लोगों को निशाना बनाने से भी रोकता है.
डेजी की ट्रेनिंग
डेजी को ट्रेनिंग देने में वर्जिन मीडिया O2 ने जिम ब्राउनिंग( Jim Browning) की मदद ली, जो एक प्रसिद्ध यूट्यूब स्कैम्बेटर हैं. जिनके यूट्यूब चैनल पर 4.3 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं. उनके एक्सपीरिएंस का इस्तेमाल डेजी को धोखेबाजों की चाल समझने और उन्हें भटकाने के लिए किया गया है. कंपनी का दावा है कि डेजी ने अब तक धोखेबाजों के सैकड़ों घंटे बर्बाद किए हैं.
AI दादी क्यों है खास?
डेजी बुजुर्ग महिला की तरह बात करती है जो आमतौर पर धोखेबाजों का पहला शिकार होते हैं.
डेजी दिन-रात बिना रुके काम कर सकती है.
AI दादी धोखेबाजों को कमजोर बनाकर उनका समय और रिसोर्स बर्बाद करती है, जिससे वे अन्य लोगों को निशाना नहीं बना पाते हैं.
क्या डेजी सभी समस्याओं का हल है?
डेजी अकेले सभी धोखेबाजों को रोक नहीं सकती. लेकिन यह तकनीक धोखेबाजों को काम में रुकावट डालने का एक जरिया है. वर्जिन मीडिया O2 को उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी और भी AI दादियां सामने आएंगी, जो धोखाधड़ी के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ेंगी. डेजी इस बात का उदाहरण है कि AI तकनीक का इस्तेमाल अच्छे बदलाव लाने के लिए कैसे किया जा सकता है. यह तकनीक न केवल लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करती है, बल्कि धोखेबाजों के काम में बाधा डालकर उनका पर्दाफाश करने में भी मदद करता है. AI दादी जैसे इनोवेशन से यह उम्मीद बढ़ती है कि तकनीक का इस्तेमाल लोगों के भले के लिए भी किया जा सकता है.
यह स्टोरी निशांत सिंह ने लिखी है, निशांत GNTTV में बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं.