भारत के अलग-अलग हाई कोर्ट में लगभग 62 हजार मामले ऐसे हैं, जो अब तक नहीं सुलझाए गए हैं. ये मामले 30 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. कुछ मामले तो 1952 के हैं. और शायद यही कारण है कि लोग कोर्ट-कचहरियों के चक्कर से एकदम दूर रहना चाहते हैं. लेकिन अगर ऐसा हो कि ये मामले जल्द से जल्द सुलझाए जाएं तो? मोटे-मोटे केस वाली फाइलों को पढ़ने और उन्हें निपटाने के लिए अब AI की मदद ली जा सकेगी. हॉवर्ड कॉलेज के 3 ग्रेजुएट्स ने एक ऐसा पोर्टल लॉन्च बना दिया है जिससे अब बड़ी-बड़ी फाइलों के मामले मिनटों में सुलझाए जा सकेंगे. इसके लिए jhana.ai लॉन्च किया गया है.
काम होगा आसान
ये जनरेटिव एआई पैरालिगल असिस्टेंट बेन हॉफनर-ब्रोडस्की, हेमंथ भारथा चक्रवर्ती, और एम मैकग्लोन ने मिलकर बनाया है. कहा जा रहा है कि ये एआई प्लेटफॉर्म भारत के लीगल सिस्टम में क्रांति ला सकता है. "jhana" नाम, पाली से लिया गया है. इसका मतलब है- मेंटल अब्सॉर्प्शन एंड मेडिटेशन.
Jhana.ai वकीलों को बड़े-बड़े लीगल डॉक्यूमेंट को आसानी से समझाने में मदद करेगा. इससे वे इन डॉक्यूमेंट्स को आसानी से समझ सकेंगे, उनपर रिसर्च कर सकेंगे, मेमो लिख सकेंगे और अच्छा क्वालिटी कंटेंट बना सकेंगे.
15 मिलियन से ज्यादा डॉक्यूमेंट्स हैं इसमें
हेमंथ भारथा चक्रवर्ती, जो इसको बनाने वालों में से एक हैं, के अनुसार, jhana.ai में एक बड़ा लीगल डेटाबेस है जिसमें 15 मिलियन से ज्यादा डॉक्यूमेंट्स हैं. जैसे-किसी मामले से जुड़ा कोई कानून, एक्ट, उसको लेकर स्टडी मटेरियल आदि शामिल हैं. आसन शब्दों में समझें, तो यह प्लेटफॉर्म एक वेब ब्राउज़र की तरह काम करेगा, लेकिन ये एडवांस वाला ब्राउज़र है. जिसकी मदद से आप कई पन्नों की फाइलों को कम और आसान शब्दों में पढ़ सकेंगे.
इतना ही नहीं बल्कि मुकदमे की रिसर्च में भी ये मदद कर सकेगा. अपील या सुनवाई के लिए स्ट्रेटेजी बनाने में भी ये साथ दे सकता है. इसकी सबसे बड़ी क्वालिटी है कि ये जो भी फैसला देगा या ये जो भी कंटेंट लिखकर देगा, उसका सोर्स भी आपको लिंक में बताएगा, जिससे आप समझ सकेंगे कि इसका रेफरेंस क्या है.
डेटाबेस में कई चीजें हैं शामिल
jhana.ai को भारत के ज्यूडिशियल सिस्टम के हिसाब से ही डिजाइन किया गया है. डेटाबेस में कोर्ट के फैसले, सूचनाएं, एक्ट और दूसरे स्टडी मटेरियल मौजूद हैं. साथ ही ये पोर्टल खुद-ब-खुद अपडेट होता रहता है. इस स्टार्टअप के पास 20 से ज्यादा प्रोफेशनल्स की एक टीम है, जिसमें पीएचडी, प्रोफेसर, और लॉ प्रैक्टिशनर शामिल हैं.
जजों से लेकर वकीलों और लॉ स्टूडेंट्स की हो सकेगी मदद
Jhana.ai जजों को मामलों न्यायिक निर्णय जल्दी लेने में मदद कर सकता है. इसकी मदद से जज बड़े लीगल डॉक्यूमेंट को कम शब्दों में समझ सकेंगे. इससे समय की बचत होगी और वह बेहतर निर्णय ले सकेंगे. वकील की बात करें, तो वे इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके लंबे लीगल डॉक्यूमेंट का सार तैयार कर सकते हैं और पूरी रिसर्च कर सकते हैं. वकील इसकी मदद से बेहतर स्ट्रेटेजी भी बना सकते हैं. वहीं, लव के छात्र jhana.ai के डेटाबेस से काफी कुछ पढ़ सकते हैं. इसके लिए उन्हें लाइब्रेरी जाकर किताबें खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वे आराम से इसमें सर्च कर सकते हैं.