ट्रैफिक लाइट लाल होने का मतलब होता है कि आपको रुकना है, पीली लाइट का मतलब इंतजार करना और हरी लाइट का मतलब होता है कि आपको चलना है. लेकिन ये पैटर्न अब बदल सकता है. आपको ट्रैफिक लाइट में चौथी लाइट भी मिल सकती है. नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस चौथी लाइट का रंग भी बता दिया है. ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम की ये चौथी लाइट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी हो सकती है.
शहर की भीड़भाड़ और फ्यूल की खपत कम होगी
चौथी लाइट की शुरुआत का उद्देश्य शहर के ट्रैफिक को सुव्यवस्थित करना और ड्राइवरों के लिए फ्यूल की खपत को कम करना है. जिससे समय के साथ आपके पैसे भी बचेंगे. प्रमुख शोधकर्ता अली हजबाबाई ने विशेष रूप से सेल्फ-ड्राइविंग वाले वाहनों के लिए इसे लॉन्च करने की बात कही है. इसकी मदद से ट्रैफिक फ्लो को रेगुलेट किया जा सकेगा. इसे कंप्यूटिंग सिस्टम से ऑपरेट किया जाएगा.
वाइट लाइट का कॉन्सेप्ट क्या है?
इस रिसर्च के लिए अली हजबाबाई और उनकी टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाइट लाइट के कॉन्सेप्ट को टेस्ट किया. ये टेस्टिंग माइक्रो ट्रैफिक सिम्युलेटर से की गई. इसमें ये पता लगाया गया कि आखिर असली दुनिया में सेल्फ-ड्राइविंग गाड़ियां इसपर किस तरह से रिएक्ट करेंगी.
इस वाइट लाइट से ड्राइवर्स को पता चल सकेगा कि उन्हें क्या करना है. हालांकि, लाल बत्ती का मतलब अभी भी रुकना होगा. हरी बत्ती का मतलब जाना होगा. और सफेद लाइट का मतलब होगा कि आपको आगे वाली कार के पीछे चलना है.
लोगों की गाड़ियों में होते हैं ब्लाइंड स्पॉट
दरअसल, दुनियाभर में कई दुर्घटनाएं खतरनाक ब्लाइंड स्पॉट की वजह से होती हैं. ऐसे में ये वाइट लाइट तब एक्टिव होगी जब कई सारी गाड़ियां चौराहे के पास पहुंच रही होंगी. ऐसे में ये AI वाली लाइट और ये मशीन लर्निंग सिस्टम भीड़भाड़ और जाम से बचने के लिए ट्रैफिक में सबसे सही निर्णय लेने में मदद करेगी.