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AlterEgo Device: बिना बोले केवल सोचने से ही कर सकेंगे पिज्जा ऑर्डर, दिल्ली में जन्मे अर्णव कपूर ने बनाया गजब डिवाइस 

AlterEgo Device: इस डिवाइस से यूजर को मन में ही शब्दों को सोचना होता है और फिर इसकी और एआई असिस्टेंट की मदद से आप दूसरे लोगों से बातचीत कर सकते हैं. यानी कोई भी व्यक्ति डिवाइस पहनने के बाद बिना किसी से बातचीत किए पिज्जा या सबवे ऑर्डर कर सकता है.

Arnav kapoor Arnav kapoor
हाइलाइट्स
  • बिना बातचीत किए करें ऑर्डर 

  • इंसानों के साथ कंप्यूटर का इंटरैक्शन

अगर कोई आपसे कहे कि आप अपने माइंड से पिज्जा ऑर्डर कर सकते हैं? ऐसा मुमकिन है. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के छात्र अर्णव कपूर ने एक ऐसा ही हेडसेट बनाया है जिससे बिना बोले केवल दिमाग में सोचने भर से ही आप पिज्जा ऑर्डर कर सकेंगे. दिल्ली में जन्मे अर्नव कपूर ने 'अल्टरईगो' (AlterEgo) नाम का एक डिवाइस बनाया है. ये एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस माइंड रीडिंग हेडसेट है. ये अपनी तरह का पहला है. 

बिना बातचीत किए करें ऑर्डर 

AlterEgo डिवाइस, का प्रोटोटाइप 2018 में शुरू हुआ था. इस डिवाइस से यूजर को मन में ही शब्दों को सोचना होता है और फिर इसकी और एआई असिस्टेंट की मदद से आप दूसरे लोगों से बातचीत कर सकते हैं. यानी कोई भी व्यक्ति डिवाइस पहनने के बाद बिना किसी से बातचीत किए पिज्जा या सबवे ऑर्डर कर सकता है.

ये डिवाइस कैसे करता है काम?

दरअसल, हम सभी अपनी हड्डियों और अपने कान के पर्दों (Eardrums) दोनों के माध्यम से कोई भी साउंड सुनते हैं. ज्यादातर साउंड हमें हमारे कानों से सुनाई देती हैं. ईयरड्रम साउंड वेव को वाइब्रेशन में बदलता है और उन्हें कोक्लीअ (या कान के अंदर वाले हिस्से) तक पहुंचाता है. बस ये डिवाइस भी इसी थ्योरी पर काम करता है. 

इस डिवाइस को इस्तेमाल करते हुए अर्णव कपूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में, इंटरव्यू लेने वाले अर्णव से एक सवाल पूछते हैं. जिसके जवाब में अर्णव बिना एक भी शब्द बोले उनका जवाब देते हैं. 

इंसानों के साथ कंप्यूटर का इंटरैक्शन 

AlterEgo एक तरह की मशीन है जिसे अपने कान पर पहना जाता है. इसमें एक पेरीफेरल न्यूरल इंटरफेस है जो हमें मशीनों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अस्सिटैंट्स, सर्विस और दूसरे लोगों से बातचीत करने की अनुमति देता है. लेकिन इसमें हम बिना आवाज के बात कर रहे होते हैं. केवल अपने दिमाग में सोचकर. अपना मुंह खोले बिना आप बातचीत कर सकते हैं. इसमें हम शब्द केवल अपने मन में सोचते हैं. इसमें यूजर को उसकी बोन कंडीशन से फीडबैक मिल जाता है. ये एक तरह से इंसानों के साथ कंप्यूटर का इंटरैक्शन है. 

एमआईटी के अनुसार, अर्णव कपूर को विज्ञान, गणित और कला का शौक रहा है. वह वर्तमान में एमआईटी में अपनी पीएचडी कर रहे हैं जहां वे एमआईटी मीडिया लैब में मीडिया कला और विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं. 

100 बेस्ट इनोवेशन में शामिल 

एमआईटी वेबसाइट के अनुसार, "अर्नव के नाम पर कई सारी उपलब्धि हैं. जिसमें एक 3डी प्रिंट करने वाला ड्रोन, बड़े पैमाने पर जीन एक्सप्रेशन को मापने के लिए एक नया प्लेटफॉर्म और दृष्टि नामक एक डिवाइस शामिल है जो दृष्टिबाधित लोगों के पुनर्वास में मदद करता है. उन्होंने मून रोवर पर भी काम किया है इसका उद्देश्य चंद्रमा पर उतरना और चित्रों को पृथ्वी पर वापस भेजना शामिल है. अर्नव के इस आविष्कार को TIME के ​​2020 के 100 सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल किया गया है.