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गूगल पर लगा डेटा चोरी का इलजाम, कोर्ट में पहुंचा मामला

न्याय अधिकारियों ने गूगल पर आरोप लगाया है कि गूगल अपने लाखों भरोसेमंद यूजर्स का एक प्रोफाइल बनाता है और उनपर लक्षित विज्ञापन बेचता है. जिसमें लोकेशन डेटा एक बहुत बड़ा फैक्टर है. देश की राजधानी वाशिंगटन में अटॉर्नी जनरल कार्ल रैसीन ने कहा, "Google ने उपभोक्ताओं को झूठा विश्वास दिलाया कि उनके खाते और डिवाइस की सेटिंग बदलने से ग्राहक अपनी गोपनीयता की रक्षा कर सकेंगे."

अमेरिकी लॉसूट ने लगाया गूगल पर लोकेशन डेटा बेचने का इल्जाम अमेरिकी लॉसूट ने लगाया गूगल पर लोकेशन डेटा बेचने का इल्जाम
हाइलाइट्स
  • गूगल बेच रहा है लोकेशन डेटा

  • अमेरिकी लॉसूट ने लगाया गूगल पर इल्जाम

गूगल पर आए दिन डेटा को लेकर अलग-अलग तरह के इल्जाम लगते रहते हैं. इस बार शीर्ष अमेरिकी न्याय अधिकारियों के एक समूह ने सोमवार को Google पर उपयोगकर्ताओं के लोकेशन डेटा पर नज़र रखने और मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है. हालांकि गूगल बार-बार ये दावा करता है वो अपने यूजर्स के डाटा को पूरी तरह सुरक्षित रखता है.  

गूगल बेच रहा है लोकेशन डेटा
न्याय अधिकारियों ने गूगल पर आरोप लगाया है कि गूगल अपने लाखों भरोसेमंद यूजर्स का एक प्रोफाइल बनाता है और उनपर लक्षित विज्ञापन बेचता है. जिसमें लोकेशन डेटा एक बहुत बड़ा फैक्टर है. देश की राजधानी वाशिंगटन में अटॉर्नी जनरल कार्ल रैसीन ने कहा, "Google ने उपभोक्ताओं को झूठा विश्वास दिलाया कि उनके खाते और डिवाइस की सेटिंग बदलने से ग्राहक अपनी गोपनीयता की रक्षा कर सकेंगे." दरअसल ये मुकदमे Google और अन्य यूएस बिग टेक दिग्गजों के खिलाफ नवीनतम कानूनी खतरे हैं, जिन्होंने लंबे समय से जांच और अदालती मामलों का सामना किया है, लेकिन नए राष्ट्रीय कानूनों की कमी के कारण ये चल रहे हैं. गूगल के खिलाफ ये मुकदमा राज्यों के शीर्ष कानून लागू करने वाले अटॉर्नी जनरल और इंडियाना, वाशिंगटन और टेक्सास के कानूनी सलाहकारों ने दायर किया है. 

गूगल ने पेश की सफाई 
मामले पर गूगल ने कहा कि अधिकारियों के दावे गलत हैं और इसकी सेटिंग के बारे में पुराने दावों पर आधारित हैं. Google ने एक बयान में कहा, "हमने हमेशा अपने उत्पादों में प्राइवेसी सर्विसेज दी है और लोकेशन डेटा के लिए मजबूत नियंत्रण प्रदान किया है." "हम सख्ती से अपना बचाव करेंगे."

क्या था लॉसूट का तर्क?
रैसीन ने तर्क दिया कि 2014 से कम से कम 2019 तक, Google ने दावा किया कि उपयोगकर्ता अपनी "स्थान इतिहास" सेटिंग को बंद कर सकते हैं और "आप जिन स्थानों पर जाते हैं वे अब सेव नहीं होते हैं." उन्होंने दावा किया, "यह गलत है. स्थान इतिहास बंद होने पर भी, Google उपयोगकर्ताओं के स्थानों को एकत्रित और संग्रहित करना जारी रखता है." अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि गूगल ने "डार्क पैटर्न" या डिजाइन ट्रिक्स का इस्तेमाल किया है, जिसका उद्देश्य कंपनी को लाभ पहुंचाने वाले तरीकों से उपभोक्ताओं की पसंद को प्रभावित करना है. रैसीन ने ये भी तर्क रखा कि गूगल की ऐप्स बार-बार लोकेशन डेटा मांगती है, और दावा करती हैं कि अगर लोकेशन नहीं दिया तो ऐप ठीक से काम नहीं करेगा, बल्कि उन ऐप्स में लोकेशन की जरूरत नहीं है. 
इंडियाना अटॉर्नी जनरल टॉड रोकिता ने एक बयान में कहा, "यहां तक ​​​​कि सीमित मात्रा में लोकेशन डेटा, समय के साथ एकत्रित, किसी व्यक्ति की पहचान और दिनचर्या को रिवील कर सकता है." उन्होंने कहा कि जानकारी का उपयोग राजनीतिक या धार्मिक विश्वासों, आय, स्वास्थ्य, या जन्म और तलाक जैसी जीवन की घटनाओं जैसे "संवेदनशील पर्सनल डिटेल" का अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है.