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State-Sponsored Attack: क्या होता है 'स्टेट-स्पॉन्सर्ड' अटैक, Apple अपने यूजर्स को कब भेजता है 'स्टेट-स्पॉन्सर्ड' नोटिफिकेशन

देश‌भर में आज अलग अलग इलाकों में विपक्षी नेताओं को अचानक आईफोन की तरफ से अलर्ट भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि उनका फोन किसी सरकारी सॉफ्टवेयर का शिकार हुआ है. विरोधी दल के कई नेताओं ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की है. इस घटना के बाद देश में हलचल मच गई है. इसके पहले विपक्षी दलों ने सरकार पर Pegasus का इस्तेमाल कर जासूसी के आरोप लगाए थे.

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Apple के एक अलर्ट ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं के बीच सनसनी फैला दी है. इस अलर्ट में कहा जा रहा है कि उनके फोन हैक करने की कोशिश की जा रही है. दरअसल Apple के कुछ फोन में स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैक (State-Sponsored Attack) के नोटफिकेशन आ रहे हैं. जिसके बाद विपक्ष के कई नेताओं का आरोप है कि सरकार उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुर्वेदी के अलावा सीताराम येचुरी, असदुद्दीन ओवैसी और राघव चड्ढा जैसे कई बड़े नेताओं ने इस हमले की शिकायत की है. वहीं, प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर उनके फोन पर State Sponsored हमले की जांच करने का आग्रह किया है.

'विपक्ष के खिलाफ एप्पल का नोटिस'

राहुल गांधी ने इसे लेकर एक प्रेंस कॉन्फेंस भी की थी. जिसमें उन्होंने कहा, पूरे विपक्ष के खिलाफ एप्पल का नोटिस आता है. यह मेरे कार्यालय में सभी लोगों को मिला है. कांग्रेस पार्टी में लिस्ट बनी हुई है. ये लोग (बीजेपी) किसी न किसी तरीके से इस मामले में शामिल हैं. आपका ध्यान कभी इधर, कभी उधर ले जाते हैं, आपके दिल में गुस्सा पैदा करते हैं और जब आपके अंदर नफरत आता है तब ये लोग इस देश का धन ले जाते हैं.

Apple कंपनी ने अपने सपोर्ट पेज पर इसे लेकर जानकारी दी है. जोकि ये बताती है कि अगर Apple यूजर्स को उनके डिवाइस पर ऐसा कुछ नोटिफिकेशन मिलता है तो क्या किया जा सकता है. एप्पल की वेबसाइट के मुताबिक इस तरह के नोटिफिकेशन को विशेष रूप से उन यूजर्स को जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया है, जिनके फोन या डिवाइस पर हैकिंग का खतरा हो सकता है.

 

क्या है State Sponsored अटैक

ऐसे अलर्ट को Apple threat नोटिफिकेशन के रूप में जाना जाता है. कंपनी का दावा है कि वे उन यूजर्स को सूचित करने और मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जिन्हें state-sponsored अटैकर्स ने निशाना बनाया हो. State-sponsored attackers बहुत कम संख्या में कुछ खास लोगों और उनके डिवाइसेस को निशाना बनाते हैं, जिससे इन हमलों का पता लगाना और रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है. ये साइबर क्रिमिनल्स की तरह नहीं होते हैं. इस तरह के हमले की पहचान खतरे के खुफिया सिग्नल पर आधारित होते हैं. ये हमले बेहद जटिल होते हैं. इन्हें डेवलेप करने में लाखों डॉलर खर्च होते हैं और अक्सर इनकी शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है. Apple का दावा है कि ये अक्सर अधूरे होते हैं. कंपनी ने कहा है कि ऐसा संभव है कि हमले की चेतावनी वाले कुछ मैसेज फॉल्स अलार्म हो सकते हैं या हो सकता है कि अटैकर्स का पता ही न लगे.

हैकिंग की संभावना को कम करने के लिए है ये फीचर

कंपनी का दावा है कि threat नोटिफिकेशन यूजर्स को कभी भी किसी लिंक पर क्लिक करने, फाइल ओपन करने, ऐप्स या प्रोफाइल इंस्टॉल करने या ईमेल या फ़ोन के जरिए अपनी Apple ID पासवर्ड या वैरिफाई कोड इंटर करने के लिए नहीं कहते हैं. अगर फिर भी किसी के पास ऐसा नोटिफिकेशन जाता है तो यूजर्स को इसकी जानकारी दी जाती है. उन्हें बताया जाता है कि वे अपने फोन की सेफ्टी के लिए क्या-क्या कदम उठा सकते हैं. इन कदमों में लॉकडाउन मोड एक्टिवेट कर देना भी शामिल है, जिसके तहत फोन की कई सेवाओं को सीमित कर दिया जाता है, ताकि हैकिंग की संभावना को कम से कम किया जा सके. Apple ने ये सर्विस नवंबर, 2021 में शुरू की थी.

क्या है इस नोटिफिकेशन में

कथित तौर पर एप्पल की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि, "एप्पल का मानना है कि स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स कहीं दूर से आपकी एप्पल आईडी से जुड़े आईफोन को हैक करने की कोशिश कर रहे हैं. ये अटैकर्स आपको इसलिए निशाना बना रहे हैं क्योंकि आप कौन हैं और आप क्या काम करते हैं. यदि आपके डिवाइस के साथ किसी state sponsored अटैकर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, संचार, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक दूरस्थ रूप से पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं. कृपया इस चेतावनी को गंभीरता से लें.''

'यूजर्स की बिना इजाजत के फोन का एक्सेस नहीं'

Apple ने इस मामले पर कहा कि हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं. कुछ नोटिफिकेशन अलार्म बेकार होते हैं, जो डिटेक्ट नहीं किए जा सकते हैं. हालांकि Apple डिवाइस पर ID एकदम सिक्योरली एनक्रिप्टेड होती हैं. ऐसे में कोई भी यूजर्स की बिना इजाजत के उसके फोन का एक्सेस नहीं ले सकता. ये एनक्रिप्शन यूजर्स की Apple ID की सेफ्टी का ख्याल रखता है, जिससे ID प्राइवेट और प्रोटेक्टेड है.

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है, भारत सरकार अपने सभी नागरिकों की प्राइवेसी और सेफ्टी का बेहद ख्याल रखती है और ऐसे मामलों को बहुत गंभीरता से लेती है. सरकार ऐसे नोटिफिकेशन के मामले की तह तक पहुंचेगी. उन्होंने जांच में सहयोग के लिए एप्पल से मदद का अनुरोध भी किया है."