भारत में आज Apple के कई सारे प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चर होते हैं और इस वजह से कई सारे कर्मचारी यहां पर काम कर रहे हैं. भारत में एप्पल ने पिछले करीब 3 सालों में 150000 लोगों को रोजगार दिया है.अब Apple भारत में घर बनाने की योजना बना रहा है.एप्पल की इस इंडस्ट्रियल हाउसिंग स्कीम से लाखों लोगों को फायदा होने वाला है. इस हाउसिंग स्कीम के तहत एप्पल डिवाइस मैन्युफैक्चर करने वाली कंपनियां और सप्लायर्स अपने कर्मचारियों को रहने के लिए आवास की सुविधा देंगे जोकि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिए किया जाएगा.
कौन लोग करेंगे मदद
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार,एप्पल जल्द ही चीन और वियतनाम जैसे देशों की तर्ज पर एक खास परियोजना की शुरुआत करने वाला है.इस योजना में सार्वजनिक-निजी भागीदारी योजना के तहत 78,000 से अधिक आवास इकाइयों का निर्माण शामिल है, जो इसे अपनी तरह की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की पहला बनाती हैं. तमिलनाडु राज्य को इन इकाइयों में से अधिकांश,लगभग 58,000 प्राप्त होने की उम्मीद है, साथ ही यह राज्य फॉक्सकॉन के स्वामित्व वाले देश के सबसे बड़े iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का घर है.
इस बड़े प्रोजेक्ट में कुछ महत्वपूर्ण समूह मदद कर रहे हैं. इन समूहों में स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कॉरपोरेशन ऑफ तमिलनाडु (एसआईपीसीओटी),टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया शामिल हैं. वे यह सुनिश्चित करने के लिए पैसा और प्रयास कर रहे हैं कि परियोजना समय पर पूरी हो. उन्हें केंद्र सरकार,राज्य सरकारों और कुछ कारोबारी लोगों से मदद मिल रही है जो पैसा भी लगा रहे हैं.31 मार्च, 2025 तक घरों का निर्माण पूरा करने की योजना है.
महिलाओं की होगी विशेष मदद
ये घर मुख्य रूप से उन महिलाओं के लिए हैं जो कारखानों में काम करने के लिए अन्य स्थानों से आती हैं. इनमें से कई महिलाओं की उम्र 19 से 24 साल के बीच है और कारखानों में काम करने वाले लोगों में एक बड़ा हिस्सा महिलाओं का है. Apple जहां महिलाएं काम करती हैं उसके करीब ये घर बनाकर,Apple इन श्रमिकों की मदद करना चाहता है. अभी,उनमें से कई को काम पर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जहां वे घर किराए पर लेते हैं.ऑफिस के पास घर मिलने से कर्मचारियों की एफिशिएंसी बढ़ेगी.मौजूदा समय में फॉक्सकॉन में 41 हजार वर्कर हैं जिनमें से 75 प्रतिशत महिलाएं हैं.