स्पेसएक्स फाल्कन 9 ने जापानी स्टार्टअप आईस्पेस के छोटे हकोतो-आर एम1 मून लैंडर को चंद्रमा की ओर गत रविवार को प्रक्षेपित किया. यह जापान और एक निजी कंपनी का पहला मून-मिशन हो सकता है. इस पर यूएई का एक रशीद नाम का रोवर भी सवार है. यह रोवर सफलतापूर्वक लैंड करता है तो यह अरब दुनिया का पहला मून मिशन होगा. अब तक दुनिया के तीन देश रूस, अमेरिका और चीन ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं.
फ्लोरिडा से किया गया प्रक्षेपण
संयुक्त अरब अमीरात के रशीद रोवर को ले जाने वाले स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट का प्रक्षेपण संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से 11:38 पूर्वाह्न संयुक्त अरब अमीरात समय (01:08 बजे आईएसटी) पर सफलतापूर्वक हुआ. मोहम्मद बिन राशिद अंतरिक्ष केंद्र ने अपने ट्विटर खाते के माध्यम से ट्वीट्स की एक शृंखला में कहा कि फाल्कन 9 मिसाइल का प्रक्षेपण सफल रहा. फाल्कन 9 मिसाइल के पहले चरण के मुख्य इंजन को सफलतापूर्वक रोक दिया गया है. मिसाइल के पहले और दूसरे चरण को अब अलग कर दिया गया है, मिसाइल का दूसरा इंजन चालू कर दिया गया है और पेलोड कवर सफलतापूर्वक खोल दिया गया है.
पांच महीने तक यात्रा चलने की उम्मीद
रशीद रोवर हकोतो-आर मिशन 1 लैंडर पर सवार होकर चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है, जिसकी यात्रा पांच महीने तक चलने की उम्मीद है. दुबई के उपराष्ट्रपति और शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद और दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद अवलोकन के लिए संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी के नियंत्रण कक्ष में थे. शेख मोहम्मद ने ट्विटर पर कहा, चांद पर पहुंचना किसी देश और राष्ट्र की महत्वाकांक्षी यात्रा में एक और मील का पत्थर है, जिसकी आकांक्षाओं की कोई सीमा नहीं है. राशिद रोवर यूएई के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत मंगल ग्रह के चंद्रमा और शुक्र से गुजरने के साथ हुई थी. उन्होंने आगे कहा, ज्ञान देना, अपनी क्षमताओं का विकास करना और मानव इतिहास में वैज्ञानिक पदचिह्न जोड़ना लक्ष्य है.
2023 जापान में रैबिट ईयर
आईस्पेस मिशन हकोतो-आर का जापानी में अर्थ 'सफेद खरगोश' है. कंपनी ने कहा कि उसके चंद्र लैंडर के अप्रैल 2023 में चंद्रमा के दृश्य पक्ष को छूने की उम्मीद है जो कि जापान में रैबिट ईयर भी है.
सॉफ्ट लैंडिंग किसे कहते हैं ?
जब स्पेसक्राफ्ट की गति को धीरे-धीरे कम करके चांद की सतह पर उतारा जाता है तो उसे सॉफ्ट लैंडिंग कहते हैं जबकि हार्ड लैंडिंग में स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह पर क्रैश करता है. सॉफ्ट लैन्डिंग का मतलब होता है कि आप किसी भी सैटलाइट को किसी लैंडर से सुरक्षित उतारें और वो अपना काम सुचारू रूप से कर सके.