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Indian Army Plan: Cheetah और Chetak हेलिकॉप्टर्स को बदलने को लेकर क्या है आर्मी का प्लान, जानें

Army Cheetah-Chetak Helicopters: भारतीय सेना में शामिल चीता, चेतक जैसे हेलिकॉप्टर्स पुराने पड़ गए हैं. सेना इनको रिप्लेस करने का प्लान बना रही है. इस पूरे प्रोसेस में 10 से 12 साल तक लग जाएंगे. सेना इन हेलिकॉप्टर्स को लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर से बदलने की योजना पर काम रही है. इस हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बना रहा है.

आर्मी चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स को रिप्लेस करने का प्लान बना रही है. आर्मी चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स को रिप्लेस करने का प्लान बना रही है.

भारतीय सेना में शामिल चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स पुराने हो गए हैं. आर्मी इन हेलिकॉप्टर्स को बदलने की योजना पर काम कर रही है. इसको लेकर काफी समय से सेना काम कर रही है. सूत्रों के मुताबिक 3 से 4 साल में रिप्लेस करने का काम शुरू हो सकता है. इन हेलिकॉप्टर्स को लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर्स से बदलने की योजना है. आपको बता दें कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एलयूएच हेलिकॉप्टर्स को बना रहा है. इसके साथ ही सेना कुछ हेलिकॉप्टर्स को लीज पर भी लेने की तैयारी कर रही है.

पूरे प्रोसेस में लग सकते हैं 10 से 12 साल-
आर्मी चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों को बदलने की योजना बना रही है. इस प्रोसेस के शुरू होने में 3 से 4 साल लग सकते हैं. आपको बता दें कि 3-4 साल में चीता हेलिकॉप्टर की टेक्निकल लाइफ खत्म होनी शुरू हो जाएगी. जैसे ही टेक्निकल लाइफ खत्म होगी, उनको रिप्लेस किया जाएगा. हेलिकॉप्टर्स को बदलने की पूरी प्रक्रिया में 10 से 12 साल लगने की संभावना है. फिलहाल सेना करीब 190 चेतक, चीता और चीतल हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है. इसमें से 5 हेलिकॉप्टर 50 साल पुराने हैं. जबकि 130 हेलिकॉप्टर करीब 30 से 50 साल पुराने हैं. इनको रिप्लेस करने केलिए HAL लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर बना रहा है.

दिसंबर 2024 तक मिलेगी LUH की पहली खेप-
लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर में ऑटो पायलट भी फिट किया  गया है. जिसकी आर्मी की जरूरत थी. इसका ट्रायल भी चल रहा है. ऑटो पायलट होने से इन एलयूएच की लोड उठाने की क्षमता बढ़ जाएगी और हाई एल्टीट्यूट में उड़ाना आसान होगा. सेना को 250 लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर चाहिए. हालांकि एचएएल इतने हेलिकॉप्टर नहीं बना पा रही है. ऐसे में सेना कुछ हेलिकॉप्टर को लीज पर लेने की प्लानिंग कर रही है. सेना को लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर की पहली खेप दिसंबर 2024 तक मिल जाएगी.

सेना अगले 5 साल में इजरायली हेरॉन एमके2 और हर्मिस स्टारलाइनर जैसे नए यूएवी को अपने बेड़े में शामिल करने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही सेना में मौजूद यूएवी को अपग्रेड करने पर विचार कर रही है.

LUH भार उठाने में चीता हेलिकॉप्टर से बेहतर-
चीता एकमात्र ऐसा हेलिकॉप्टर है, जो लेह और सियाचीन जैसे दुर्गम इलाकों में आसानी से इस्तेमाल होता है. अभी जिन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल हो रहा है, उनके साथ कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर भार उठाने के मामले में चीता से 25 से 30 फीसदी बेहतर है. ऑटो पायलट फिटेड एलयूएच में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक भार उठाने की क्षमता होगी और यह चीता और चेतक की जगह ले सकता है.

कई और दूसरे हेलिकॉप्टर्स खरीदने पर भी काम-
इसके अलावा भी आर्मी दूसरे हेलिकॉप्टर्स को शामिल करने की योजना पर काम रही है. हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स का एक स्क्वाड्रन पहले ही बढ़ाया जा चुका है. इसके अलावा दूसरे हेलिकॉप्टर्स की डिलीवरी 18-20 महीने में शुरू होने की उम्मीद है. सेना ने 90 एलसीएच खरीदना चाह रही है. जिसमें रूद्र जैसे हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं. सेना अगले साल की शुरुआत तक अमेरिका से 6 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर को भी शामिल करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए फरवरी 2020 में डील हुई थी.

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