बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) टर्मिनल 2 (T2) से यात्रा करने वाले यात्री अधिक आसानी से और परेशानी मुक्त सुरक्षा जांच का अनुभव कर सकेंगे. इसके बाद से बेंगलुरु एयरपोर्ट देश का पहला एयरपोर्ट बनने वाला है जहां सिक्योरिटी चेक में मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को निकालकर एक-एक करके ट्रे में नहीं रखना होगा. अब आप पूरा बैग आप इसमें रख सकते हैं.
कहां से शुरू होगी सुविधा
हवाई अड्डे ने प्री-टाइम के दौरान हैंडबैग से व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हटाने की आवश्यकता को खत्म करने के लिए एक नया कदम उठाया है. इसकी शुरुआत टर्मिनल 2 से होगी. T2 पर CTX (कम्प्यूटर टोमोग्राफी एक्स-रे) मशीन का ट्रायल रन अगले कुछ हफ्तों में शुरू हो जाएगा. नया सिस्टम शुरुआत में केवल घरेलू यात्रियों के लिए होगा. दिसंबर 2023 में इसके चालू होने की संभावना है.
CTX मशीन सिस्टम क्या है?
CTX एक एक्सप्लोसिव डिटेक्शन डिवाइस है। इसका इस्तेमाल बैगेज में एक्स्प्लोसिव के ऑटोमैटिक डिटेक्शन के लिए होता है. सीटीएक्स सिस्टम यात्रियों को स्क्रीनिंग प्रक्रिया को तेज करते हुए, अपने बैग में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे लैपटॉप, और तरल पदार्थ, एरोसोल और जैल (LAGs)जैसी चीजों को रखने की अनुमति देती है. यह दृष्टिकोण सुरक्षा जांच के दौरान प्रति व्यक्ति आवश्यक ट्रे की संख्या को काफी कम कर देता है, जिसकी वजह से अनावश्यक भीड़ नहीं लगेगी. इससे ओवरऑल हाइजीन भी सुधरेगी. ATRS, एक रोलर-बेस्ड सेट-अप है. जब यात्री इन ट्रे से अपना सामान उठा लेते हैं तो ये ट्रे को स्टार्टिंग पॉइंट पर लौटा देता है. फुल-बॉडी स्कैनर का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के शरीर पर या उसके अंदर ऑब्जेक्ट का पता लगाने के लिए किया जाता है.
क्या होगा फायदा?
इस सुविधा के शुरू हो जाने से यात्रियों को अपने बैग से लैपटॉप जैसी चीजें नहीं निकालनी होंगी. स्क्रीनिंग के लिए 3D इमेज क्वालिटी से सिक्योरिटी बेहतर होगी. वहीं इसकी वजह से सिक्योरिटी स्क्रीनिंग पर ट्रे की संख्या में कमी आएगी और समय की बचत होगी जिससे फ्लाइंग एक्सपीरियंस बेहतर होगा.
अन्य भारतीय हवाई अड्डों पर कब शुरू होगी सुविधा?
जबकि बीआईएएल इस सुरक्षा प्रणाली का नेतृत्व कर रहा है, अन्य हवाई अड्डे भी अपने सुरक्षा बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने की प्रक्रिया में हैं. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने 50 लाख यात्रियों को संभालने वाले प्रमुख हवाई अड्डों को साल के अंत तक केबिन जांच के लिए 3 डी सीटीएक्स मशीनें स्थापित करने का आदेश दिया. इसको ध्यान में रखते हुए दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर यात्री सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्क्रीनिंग की जा रही है.