
अक्सर आपने सुना होगा कि रोबोट्स एक दिन इंसानों का काम करने लगेंगे और बंगलुरु में यह सच होता दिखाई दे रही है. बंगलुरु में लोग ऑटोमैटिक टूल्स का उपयोग करने लगे हैं, रोबोट अब सफाई और खाना बनाने जैसे कामों को संभाल रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सात महीने पहले, हेब्बल की मनीषा रॉय ने अपनी कुक को हाइटेक किचन रोबोट से बदल दिया, और यह फैसला उनके लिए एक गेम-चेंजर साबित हुआ है.
कुकिंग रोबोट: बिना टेंशन हो रही है कुकिंग
उन्होंने टीओआई को बताया कि जब तक खाना बन रहा होता है तब तक वह घर के दूसरे काम करती हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि खाना जलेगा नहीं. यह रोबोट खाना पकाने को मजेदार, तेज़ और आसान बना रहा है. रोबोट की प्री-प्रोग्राम्ड रेसिपी सभी काम करती है, जैसे कि काटना, भूनना, स्टीम करना और आटा गूंथना.
मनीषा बस उस तरह से इसमें इंग्रेडिएंट्स डाल देती हैं जैसे इसकी प्री-लोडेड रेसिपी में लिखा है. कुछ ही देर में खाना बनकर तैयार हो जाता है. मनीषा का दावा है कि यह न सिर्फ उनका समय बचाता है, बल्कि यह किफायती भी है. जैसे कि पहले वह कुक को 2,500 रुपये महीने देती थी, लेकिन उन्हें खुद बहुत सा काम करना पड़ता था. अब वह साल में लगभग 9,000 रुपये बचा रही हैं.
क्लीनिंग रोबोट: बिना मेहनत के साफ-सफाई
रिपोर्ट में एक और यूजर का जिक्र किया गया जो 18 महीने से अपने घर में सफाई के लिए रोबोटिक टूल्स का इस्तेमाल कर रही है. ये रोबोट उनके घर में फर्नीचर के चारों ओर सफाई करते हैं और काम पूरा करने के बाद अपने चार्जिंग डॉक पर वापस लौट आते हैं. हालांकि, ये रोबोट सरफेस क्लीनिंग में अच्छा काम करते हैं और ज्यादा सफाई के लिए वह वैक्यूम क्लीनर का उपयोग करती हैं.
वहीं, महिलाएं क्लीनिंग के साथ-साथ बर्तन आदि धोने के लिए डिश वॉशर का इस्तेमाल कर रही हैं. बताया जा रहा है कि रोबोटिक हेल्प की मदद से घर के पुरुष भी अब काम में हाथ बंटाने लगे हैं क्योंकि अब ज्यादा मेहनत नहीं है. हालांकि, अभी भी रोबोट का काम इंसान के काम जैसा नहीं है लेकिन फिर भी ये लोगों के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं. हालांकि, यह ट्रेंड और कई सवाल उठाता है कि क्या इससे लोगों के रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है?