
हर दिन साइबर फ्रॉड के कई केस सामने आते हैं. कभी ओटीपी के जरिए तो कभी डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है. लेकिन मार्केट में अब एक नए तरीके का फ्रॉड आ गया है जिसमें ना किसी लिंक पर क्लिक किया, ना ही कोई डिटेल बताई, बस 1 दबाते ही महिला के खाते से 2 लाख उड़ गए.
धोखाधड़ी कैसे हुई आइए जानते हैं?
होसाकेरेहल्ली के दत्तात्रेयनगर की रहने वाली सुमित्रा को दोपहर 3:55 बजे 01412820071 नंबर से कॉल आई. कॉलर आईडी पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का नाम लिखा हुआ था, जहां महिला का अकाउंट था. आइवीआर कॉल पर कहा जा रहा था “आपके खाते से 2 लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं अगर ये ट्रांजेक्शन आपने की है तो 3 दबाएं, अगर ट्रांजेक्शन आपके नहीं की है तो एक दबाएं.
महिला ने सुनाई आपबीती
महिला ने बताया, वॉइस नोट सुनकर मैं चौंक गई क्योंकि मैंने ऐसा कोई लेनदेन नहीं किया था. मैंने कोई नंबर नहीं दबाया. मैसेज कई बार दोहराया गया, मैसेज कई बार रिपीट किया गया इसके बादमैंने 1 दबा दिया. इसके ठीक बाद एक और वॉइस नोट आया कि प्लीज आप अपने बैंक जाइये और तुरंत बैंक मैनेजर से मिलें. इसके बाद फोन डिस्कनेक्ट हो गया.
खाते से डेबिट को गए 2 लाख रुपये
अपना बैंक बैलेंस चेक करने के बाद महिला को पता चला कि उसके अकाउंट से 2 लाख डेबिट हो गए हैं. महिला बैंक पहुंची, जहां उसे साइबर हेल्पलाइन (1930) पर कॉल करने और शिकायत दर्ज करने की सलाह दी गई. बाद में महिला ने गिरिनगर पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई. धोखाधड़ी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आम तौर पर IVR कॉल के दौरान साइबर फ्रॉड डेबिट कार्ड के अंतिम चार अंक, बैंक खाता संख्या, या जन्म तिथि, ईमेल आईडी या ऑनलाइन बैंकिंग को ऑथेंटिकेट करने के लिए आवश्यक डेटा दर्ज करने के लिए कहते हैं. एक बार जब पीड़ित जानकारी शेयर कर देता है, तो पैसे उड़ा लिए जाते हैं. केवल 3 या 1 या 9 ऑप्शन दबाकर पैसे उड़ाना संभव नहीं है.
जालसाजों ने बना डाला फेक साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
इसी तरह का एक और केस सामने आया जहां, साइबर फ्रॉड की शिकायत के लिए वेबसाइट पर गए बेंगलुरु के एक शख्स को जालसाजों ने फिर से चूना लगा दिया. जालसाजों ने शख्स से सर्विस चार्ज के नाम पर 2 हजार ले लिए. दरअसल स्कैमर्स ने Cyber Fraud Online Complaint नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी और इसे प्रायोजित विज्ञापन के रूप में Google पर स्पॉन्सर करवाया था. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
कैसे पहचान सकते हैं नकली वेबसाइट
गूगल पर मौजूद सभी वेबसाइट असली नहीं होती है. नकली वेबसाइट को पहचानने का सबसे आसान तरीका है URL की सावधानीपूर्वक जांच करना. अगर वेबसाइट के एड्रेस बार में https है, तो यह एक सिक्योर वेबसाइट है. नकली वेबसाइट पर अक्सर ग्रामर और स्पेलिंग की गलतियां होती हैं. गूगल पर कोई लिंक ओपन करते वक्त खुद को चौकन्ना रखें.