दिल्ली के प्रगति मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो 2022 का उद्घाटन किया और बताया कि 8 सालों में देश में लगभग 60 विभिन्न उद्योगों में स्टार्ट-अप की संख्या कुछ सौ से बढ़कर 70,000 हो गई है. इनमें से 5,000 से ज्यादा स्टार्ट-अप बायोटेक सेक्टर से जुड़े हैं.
300 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए-
बायोटेक स्टार्टअप का आयोजन जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से किया गया है. जिसमें 300 के करीब स्टॉल लगाए गए हैं. जिनमें स्वास्थ्य देखभाल, जिनोमिक्स, बायोफार्मा, कृषि, औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में बायो टैक्नोलोजी के उपयोग को दिखाया गया है. जाहिर है बायोटेक सेक्टर रोजगार के नए अवसर बना रहा है. नए स्टार्टअप के मामले में आज देश पूरी दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है.
बायोटेक सेक्टर सबसे अधिक Demand Driven Sectors में से एक है. बीते वर्षों में भारत में Ease of Living के लिए जो अभियान चले हैं, उन्होंने बायोटेक सेक्टर के लिए नई संभावनाएं बनाईं हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत गांव और गरीब के लिए जिस प्रकार इलाज का सस्ता और आसान किया गया है. उससे हेल्थकेयर सेक्टर की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी है. बायो-फार्मा के लिए भी नए अवसर बने हैं और टेलिमेडिसिन, डिजिटल हेल्थ आईडी और ड्रोन टेक्नॉलॉजी का अविष्कार किया गया और आने वाले सालों में बायोटेक के लिए देश में बहुत बड़ा कंज्यूमर बेस तैयार होने वाला है. क्योंकि ये हेल्थ सेक्टर से जुड़ा है.
बायोटेक सेक्टर क्या है-
बायोटेक्नोलॉजी को आमतौर पर ‘बायोटेक’ के नाम से जाना जाता है. या फिर इसे जैवविज्ञान और तकनीकी विकास कहा जाता है. बायोटेक्नोलॉजी का प्रयोग विभिन्न वैक्सीनों, मेडिसिन और डायग्नॉस्टिक, एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ावा देना होता है. भारत में बायोटेक्नोलॉजी ने काफी महत्वपूर्ण जगह बना ली है. इस फील्ड के तहत सभी संभावित फ़ील्ड्स जैसे कि, Pharmaceuticals, Food Manufacturing, Health Care, एग्रीकल्चर, एजुकेशन और रिसर्च से संबद्ध कार्य शामिल हो गये हैं. बायोटेक्नोलॉजी से ही जैविक हथियारों का उत्पादन भी किया जाता है. भारत अब बायोटेक के ग्लोबल इकोसिस्टम में टॉप-10 देशों की लीग में पहुंचने से भी ज्यादा दूर नहीं हैं.
देश में स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत 2016 में हुई. इस स्कीम के तहत भारत ना केवल स्टार्ट-अप युग की ओर बढ़ रहा है, बल्कि स्टार्ट-अप सेक्टर में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है. भारत इस समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. देश में 73.2 अरब अमेरिकी डॉलर के 70 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं. भारत के 70 से ज्यादा स्टार्टअप का यूनिकॉर्न की श्रेणी में आना बहुत अच्छी खबर है. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि ये स्टार्टअप का युग भारत में कैसे आया और कैसे 70 से ज्यादा स्टार्ट-अप एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन को पार कर गए हैं. मोदी सरकार की स्कीम ने भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी निभाई है. स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत देश में 59 हजार से ज्यादा लोग अपना स्टार्टअप खोल चुके हैं.
कहां हैं ज्यादा स्टार्टअप-
राज्यों के लिहाज से देखा जाए तो सबसे ज्यादा इस स्कीम का फायदा महाराष्ट्र के लोगों ने उठाया है. महाराष्ट्र में करीब 30 हजार 790 लोगों ने अपना स्टार्टअप खोला है.
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