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सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर में पारदर्शिता लाने के लिए मोबाइल एप बना रहा ये राज्य

महाराष्ट्र लोक स्वास्थ्य विभाग अपने कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए एक एप बना रहा है. स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि मौजूदा सेवा में कार्यकाल पूरा करने के बाद सभी कर्मचारियों का पारदर्शी रूप से तबादला कर दिया जाएगा.

Mobile App to transfer employees (Representative Image/ Unsplash) Mobile App to transfer employees (Representative Image/ Unsplash)
हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में कई लोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित

  • 10 हजार पद हैं खाली

ट्रांसफर प्रोसेस में पारदर्शिता लाने के लिए महाराष्ट्र लोक स्वास्थ्य विभाग अपने कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए एक मोबाइल फोन एप्लिकेशन विकसित कर रहा है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि वर्तमान सेवा में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद सभी कर्मचारियों - ग्रेड ए से ग्रेड डी तक स्वास्थ्य निदेशकों से लेकर नर्सों और वार्ड बॉय तक को पारदर्शी रूप से स्थानांतरित किया जाएगा.

तीन विकल्प भरने होंगे
इसके अलावा, ऐप के कामकाज की व्याख्या करते हुए मंत्री ने कहा कि आमतौर पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग में एक कर्मचारी से लगातार तीन वर्षों तक एक पद पर रहने की उम्मीद की जाती है. जो लोग अपना कार्यकाल पूरा करते हैं वो ट्रांसफर के लिए तीन विकल्प जमा करने के बाद ऐप पर अपना विवरण भर सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, प्रत्येक कर्मचारी को ट्रांसफर के लिए अपने स्वयं के लॉग-इन आईडी से इस तरह के विवरण भरने के लिए एक निर्धारित समय सीमा मिलेगी. इसके बाद कर्मचारी के तबादले पर फैसला लिया जाएगा और इसे एप पर अपलोड कर दिया जाएगा.

10 हजार पद हैं खाली
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग में रिक्तियों पर मंत्री ने कहा, "टीसीएस, इंफोसिस और एमकेसीएल जैसी भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मदद करने वाली एजेंसियों को राज्य में भर्ती प्रक्रिया करने के लिए प्रतिनियुक्त किया जाएगा." उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न वर्गों में लगभग 10,000 पद खाली हैं. महाराष्ट्र इस समय स्वाइन फ्लू से जूझ रहा है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त के अंत तक एच1एन1 फ्लू के लगभग 3,000 मामले और 147 मौतों की सूचना दी है.

महाराष्ट्र में कई लोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जो लोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित हैं, उन्हें खुद को घर के अंदर ही क्वारंटाइन करना चाहिए और लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. वायरस मुख्य रूप से एरोसोल से फैल सकता है जो संक्रमित लोग खांसने, छींकने या बात करने पर पैदा करते हैं. ये बूंदें उन लोगों के मुंह या नाक में जा सकती हैं जो आस-पास हैं और फिर फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे वायरस की ट्रांसमिशन चेन बन जाती है. स्वाइन फ्लू का कोई स्पेसिफिक उपचार नहीं है. H1N1 वैक्सीन पहले से मौजूद है और संक्रमित होने की संभावना को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है.