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सरकार की फेसबुक-ट्विटर पर सख्ती, अब सरकार से कर सकेंगे सोशल मीडिया की शिकायत, 30 दिन में होगा निपटारा

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नकेस कसने का फैसला लिया है. सरकार ने सोशल मीडिया के कंटेंट में कि शिकायत करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी आपकी समस्याओं का 30 दिन में निवारण करेगी.

सरकार की फेसबुक-ट्विटर पर सख्ती सरकार की फेसबुक-ट्विटर पर सख्ती
हाइलाइट्स
  • पिछले साल से चल रही है कवायद

  • 30 दिनों के अंदर होगा समाधान

कई बार लोगों को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कांटेंट या किसी के पोस्ट पर आपत्ति होती है. लेकिन अब आप इसकी शिकायत कर सकते हैं. केंद्र सरकार आने वाले 3 महीनों में एक ग्रीवांस कमेटी का गठन करने जा रही है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी है. अधिसूचना में कहा गया है कि अगले तीन महीनों के भीतर सरकार द्वारा नियुक्त शिकायत अपीलीय समितियां गठित की जाएगी.

पिछले साल से चल रही है कवायद
इन कमेटियों को बनाने की कवायद पिछले साल से ही चल रही थी. IT मंत्रालय सोशल मीडिया कंपनियों से इस बारे में पर कई बैठकें भी कर चुका है. बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान ट्विटर ने सरकार की शिकायतों पर ये कहते हुए ध्यान देने से मना कर दिया कि उस पर भारत के कानून लागू नहीं होते. नए नियमों में कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया की तरफ से नियुक्त शिकायत अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह शिकायत अपीलीय समितियों से अपील कर सकता है. 

कैसी होगी ये समिति?
सरकार की तरफ से बनाई जा रही इस समिति में एक अध्यक्ष और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे. इन सदस्यों में से एक पदेन सदस्य होगा, और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे. ग्रीवांस अधिकारी के निर्णयों से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति शिकायत अधिकारी से बातचीत होने के 30 दिनों के भीतर इस समिति के सामने अपील कर सकेगा.

30 दिनों के अंदर होगा समाधान
उनका कहना है कि शिकायत अपील समिति इस तरह की अपील को "तेजी से" निपटाएगी और अपील की प्राप्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपील को अंतिम रूप से हल करने का प्रयास करेगी. विवाद-समाधान तंत्र पूरी तरह से ऑनलाइन होगा: अपील दायर करने से लेकर डिजिटल मोड में किए जाने वाले निर्णय तक सब कुछ ऑनलाइन होगा. अधिसूचना में कहा गया है, "अपील से निपटने के दौरान यदि शिकायत अपील समिति आवश्यक महसूस करती है, तो वह किसी भी व्यक्ति से इस विषय में आवश्यक योग्यता, अनुभव और विशेषज्ञता रखने वाले किसी भी व्यक्ति से सहायता मांग सकती है."

सोशल मीडिया कंपनियों को क्या करना चाहिए
नए नियमों में कहा गया है कि सोशल मीडिया बिचौलियों को अपने शिकायत अधिकारियों के माध्यम से 24 घंटे के भीतर एक शिकायत को स्वीकार करना चाहिए और इसकी प्राप्ति की तारीख से 15 दिनों की अवधि के भीतर ऐसी शिकायत का समाधान करना चाहिए. यदि शिकायत छह विशिष्ट श्रेणियों से संबंधित है, तो इस पर यथासंभव शीघ्र कार्रवाई की जाएगी और ऐसी रिपोर्टिंग के 72 घंटों के भीतर हल किया जाएगा.

टेक कंपनियों को रखना होगा इन बातों का ध्यान

  • टेक कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफार्म में अश्लील, अपमानजनक, बाल यौन शोषण, किसी की प्राइवेसी का उल्लंघन करने वाला कंटेंट, जाति-जन्म के आधार पर उत्पीड़न करने वाले कंटेंट बिल्कुल भी पब्लिश न हों.
  • धार्मिक उन्माद फैलाने वाले या फिर भड़काऊ भाषण, किसी भी कानून का उल्लंघन करने वाले कंटेट का प्रचार नहीं किया जाए।
  • भारत की एकता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा या संप्रभुता, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा है, या किसी संज्ञेय अपराध के लिए उकसाने वाला, या राष्ट्र का अपमान करने वाला कंटेंट नहीं पब्लिश किया जाएगा.
  • इसमें सॉफ्टवेयर वायरस या कोई अन्य कंप्यूटर कोड, फाइल या प्रोग्राम शामिल है जिसे किसी कंप्यूटर संसाधन की कार्यक्षमता को बाधित करने, नष्ट करने या सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है

कंपनियों को माननी होगी कमेटी का कहना
सरकार की तरफ से बनाई गई कमेटी डिजिटल मॉडल पर काम करेगी यानी ऑनलाइन सुनवाई होगी. हर कोई इस पोर्टल पर शिकायत कर सकता है. पैनल जिस प्लेटफार्म के खिलाफ फैसला जारी करेगा, उसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा. अगर पैनल किसी पीड़ित को मुआवजा देने का फैसला सुनाता है तो टेक कंपनी को दिए गए समय में मुआवजा देना होगा.