
आज के दौर में महंगे स्मार्टफोन और लैपटॉप खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं होती. लेकिन टेक्नोलॉजी के इस युग में ऐसे कई विकल्प मौजूद हैं, जिनसे आप कम कीमत में भी बढ़िया डिवाइस खरीद सकते हैं. इन्हीं विकल्पों में से एक है रिफर्बिश्ड (Refurbished) प्रोडक्ट. रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स को लेकर अक्सर लोगों में भ्रम रहता है कि ये सेकेंड-हैंड होते हैं या इनमें कोई खराबी होती है.
रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट वे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं, जो पहले से इस्तेमाल किए गए होते हैं या किसी वजह से रिटर्न कर दिए जाते हैं. लेकिन इन्हें पूरी तरह टेस्ट करके, मरम्मत करके और फिर से नया जैसा बनाकर दोबारा बेचा जाता है.
रिफर्बिश्ड डिवाइस के मुख्य स्रोत
1. कस्टमर रिटर्न - ग्राहक किसी कारण से फोन को वापस कर देते हैं, जैसे डिवाइस की पसंद न आना या हल्की खामी होना.
2. डिस्प्ले यूनिट्स - स्टोर्स में जो डिवाइस डिस्प्ले के लिए रखे जाते हैं, वे भी बाद में रिफर्बिश्ड होकर बेचे जाते हैं.
3. माइनर डैमेज वाले फोन - कुछ नए फोन में छोटी-मोटी खामियां हो सकती हैं, जिन्हें कंपनियां सुधारकर फिर से बेचती हैं.
4. ओल्ड जनरेशन डिवाइस - जब नए मॉडल आते हैं, तो पुराने मॉडल को रिफर्बिश्ड कर सस्ते दामों में बेचा जाता है.
क्या ये सेफ होते हैं?
अब अगर रिफर्बिश्ड की प्रक्रिया को समझें तो, कैशिफाई के को-फाउंडर और सीईओ मंदीप मनोचा ने इंडिया टुडे टेक से इसको लेकर एक लंबी बातचीत की है. इसमें वे बताते हैं कि डेटा सुरक्षा को लेकर लोगों में बड़ी चिंता रहती है, जिसकी वजह से वे अपने पुराने डिवाइस बेचने से हिचकिचाते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि कंपनी मल्टी-लेयर डेटा वाइपिंग तकनीक का इस्तेमाल करती है, जिससे 99.99% मामलों में डेटा रिकवर नहीं किया जा सकता. कैशिफाई के फैक्ट्री में पहुंचने के बाद डिवाइस का डेटा पूरी तरह से डिलीट किया जाता है, फिर उसकी मरम्मत की जाती है, जहां ओरिजिनल मैन्युफैक्चरर के पार्ट्स का इस्तेमाल होता है.
कैशिफाई के रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन नई पैकेजिंग में बेचे जाते हैं और ग्राहकों को 6 महीने से 1 साल तक की वारंटी दी जाती है, जो फोन की उम्र पर निर्भर करती है. इसके अलावा, चोरी हुए फोन्स को सिस्टम से दूर रखने के लिए कंपनी आधार वेरिफिकेशन और आईडी प्रूफ जैसी सख्त पहचान जांच प्रक्रियाओं का पालन करती है.
रिफर्बिश्ड और नए प्रोडक्ट में क्या अंतर होता है?
फीचर |
नया प्रोडक्ट | रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट |
कीमत |
ज्यादा महंगा | 20-50% तक सस्ता |
वारंटी |
1 साल या ज्यादा | 3 महीने से 1 साल तक |
एक्सेसरीज |
ओरिजिनल और ब्रांडेड | कभी-कभी लोकल एक्सेसरीज मिलती हैं |
कंडीशन |
पूरी तरह नया | टेस्टिंग और रिपेयर के बाद नया जैसा |
बॉक्स पैकिंग |
ब्रांड न्यू बॉक्स | कई बार साधारण पैकिंग में मिलता है |
रिफर्बिश्ड फोन बिल्कुल नए जैसे काम करते हैं, लेकिन वे कम कीमत में उपलब्ध होते हैं. हालांकि, इनके साथ मिलने वाली एक्सेसरीज लोकल हो सकती हैं और वारंटी भी कम हो सकती है.
कैसे तैयार किए जाते हैं रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट?
रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स को बेचने से पहले एक सख्त क्वालिटी चेक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है. इस प्रक्रिया के मुख्य चरण इस प्रकार हैं:
1. टेस्टिंग और इंस्पेक्शन
2. मरम्मत और रिप्लेसमेंट
3. क्लीनिंग और री-पैकेजिंग
4. ग्रेडिंग सिस्टम
रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट लेते हुए क्या ध्यान रखें?
रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट खरीदना आमतौर पर सुरक्षित होता है, अगर आप सही विक्रेता से खरीदें. हालांकि, खरीदारी से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
वारंटी चेक करें- कम से कम 6 महीने की वारंटी होनी चाहिए.
रिटर्न पॉलिसी देखें- अगर डिवाइस खराब निकले, तो रिटर्न किया जा सके.
ग्रेडिंग चेक करें- ग्रेड A+ या A वाले प्रोडक्ट खरीदें.
ऑथराइज्ड सेलर से ही खरीदें- लोकल मार्केट में नकली या खराब क्वालिटी वाले फोन मिल सकते हैं.
भारत में कहां से खरीदें रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट?
भारत में कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन और लैपटॉप बेचते हैं:
1. फ्लिपकार्ट (Flipkart Refurbished)
-फ्लिपकार्ट का "फ्लिपकार्ट अस्योरड" टैग सुरक्षित खरीदारी का संकेत देता है.
-स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य गैजेट्स उपलब्ध होते हैं.
2. Cashify
-पुरानी और रिफर्बिश्ड डिवाइस खरीदने और बेचने का भरोसेमंद प्लेटफॉर्म.
-अच्छी वारंटी और क्वालिटी चेक प्रोसेस.
3. Xtracover
- यह प्लेटफॉर्म खासतौर पर रिफर्बिश्ड डिवाइस बेचता है.
- 6-12 महीने की वारंटी मिलती है.
4. Amazon Renewed (अब जल्द होगा बंद)
- अमेजन का "Renewed" सेक्शन अब तक रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट्स के लिए पॉपुलर है. हालांकि, entrackr की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 मार्च 2025 से यह बंद हो रहा है.