जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे इंटरनेट कहीं न कहीं लोगों के लिए एक असुरक्षित जगह बनती जा रही है. यही वजह है कि बच्चों के लिए इंटरनेट पर पिछले कुछ समय से फिल्टर लगाने की मांग की जा रही है. इसी को देखते हुए सरकार पैरेंटल कंट्रोल ऐप लाने की तैयारी कर रही है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) सेफनेट ऐप की टेस्टिंग कर रहा है. ये ऐप अमृता विश्व विद्यापीठम के सेंटर फॉर इंटरनेट स्टडीज एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (CISAI) विकसित कर रहा है. इस ऐप की मदद से माता-पिता को कंटेंट पर फिल्टर सेट करने और अपने बच्चों की लाइव लोकेशन, कॉल और मैसेज तक पहुंचा जा सकेगा.
बच्चों की सुरक्षा को संबोधित करना
दरअसल, बच्चों की सुरक्षा को लेकर और इंटरनेट पर पैरेंटल कंट्रोल को लेकर सेफनेट ऐप (SafeNet app) की टेस्टिंग चल रही है. दूरसंचार विभाग की नवंबर 2023 में बुलाई गई बैठक के दौरान, एक इंडस्ट्री बॉडी ने मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप डिवाइस में डिफॉल्ट रूप से ऐप को प्रीलोड करने की सिफारिश की गई है. इसका उद्देश्य माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को अधिक प्रभावी ढंग से मैनेज करने और उन्हें हानिकारक सामग्री से बचाने के लिए एक उपकरण प्रदान करना है.
डिवाइस पर प्रीलोडिंग की वकालत
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISPAI) ने डिवाइस निर्माताओं को खुद सेफनेट ऐप को प्रीलोड करने का प्रस्ताव दिया है. दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्कूलों और लाइसेंसधारियों को अलग-अलग चैनलों के माध्यम से माता-पिता के नियंत्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया है. इसकी मदद से डिजिटल युग में बच्चों की सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
माता-पिता को भी किया जाए जागरूक
टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSPs) और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) को अपनी वेबसाइटों पर पैरेंटल कंट्रोल के संबंध में मोबाइल/कंप्यूटर में कॉन्फिगरेशन की डिटेल देने और ग्राहकों को इसके बारे में शिक्षित करने का काम सौंपा गया है. उम्मीद की जा रही है कि सेफनेट ऐप की मदद से माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को सर्विलांस और मैनेज करने का मौका मिलेगा.
सेफनेट ऐप की विशेषताएं
सेफनेट ऐप माता-पिता को अपने बच्चों के डिजिटल एक्सपीरिएंस को पर बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें कंटेंट फिल्टर कॉन्फिगर करने, YouTube गतिविधि की निगरानी करने, स्क्रीन टाइम को मैनेज करने और अपने बच्चों के डिवाइस पर उनकी उम्र से ज्यादा वाले कंटेंट को ब्लॉक करने की फैसिलिटी शामिल है. ऐप कंटेंट फिल्टरिंग के लिए कस्टम डोमेन नाम सर्वर (DNS) का उपयोग करता है.