जरा सोचिए अगर आप 1 सेकंड में 100 फिल्में ट्रांसफर कर पाएं तो? दरअसल, चीन का दावा है कि उनके पास दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट है. उनका नया नेटवर्क प्रति सेकंड 1.2 टेराबाइट ट्रांसमिट करता है. इस स्पीड से नेटवर्क एक सेकंड से भी कम समय में 150 4K फिल्में भेज सकते हैं.
चीन का कहना है कि उसने दुनिया की पहली नेक्स्ट जनरेशन की फाइबर इंटरनेट सेवा शुरू की है. ये स्पीड अमेरिका और दक्षिण कोरिया से 10 गुना अधिक है.
3 हजार किलोमीटर में फैला है ऑप्टिकल फाइबर
3,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबलिंग में फैला यह नया बैकबोन नेटवर्क, आश्चर्यजनक रूप से 1.2 टेराबिट्स (1,200 गीगाबिट्स) प्रति सेकंड पर डेटा ट्रांसमिट करता है. यह रूट उत्तर में बीजिंग, मध्य चीन में वुहान और दक्षिणी प्रांत गुआंग्डोंग में गुआंगज़ौ को जोड़ता है. इसकी स्पीड का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह नेटफ्लिक्स की सभी ग्लोबल कंटेंट लाइब्रेरी को आधे घंटे के अंदर भेज सकता है.
जुलाई में एक्टिव हुआ था नेटवर्क
ये नेटवर्क जुलाई में एक्टिव हुआ था और सोमवार को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया है. इस उपलब्धि के पीछे सिंघुआ यूनिवर्सिटी, चाइना मोबाइल, हुआवेई टेक्नोलॉजीज और सेर्नेट कॉर्पोरेशन शामिल हैं.
बता दें, कई एक्सपर्ट्स ने 2025 के आसपास 1 टेराबिट प्रति सेकंड अल्ट्रा-हाई-स्पीड नेटवर्क के लॉन्च होने का अनुमान लगाया था. दुनिया के अधिकांश इंटरनेट बैकबोन नेटवर्क वर्तमान में 100 गीगाबिट प्रति सेकंड पर काम करते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में यह शुरू किया है.
चीन को मिल रहा तेज इंटरनेट
चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग से FITI प्रोजेक्ट लीडर वू जियानपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि सुपरफास्ट लाइन न केवल सफलतापूर्वक संचालित हुई, बल्कि चीन ने और भी तेज इंटरनेट बनाने के लिए काम किया है. हुआवेई टेक्नोलॉजीज के वाईस प्रेजिडेंट वांग लेई ने सिंघुआ यूनिवर्सिटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, केवल एक सेकंड में 150 हाई-डेफिनिशन फिल्मों के बराबर डेटा ट्रांसफर करने की नेटवर्क की क्षमता के बारे में भी बताया.