दिल्ली जैसे शहर में, जहां अक्सर प्रदूषण से आसमान ढका रहता है, धूल-मिट्टी की चादरें हवा में घुली रहती हैं, वहां साफ हवा केवल एक चाह नहीं बल्कि एक जरूरत बन गई है. इसी वातावरण में, प्रदूषकों और बढ़ती सांस बीमारियों के बीच, एक इंजीनियर लोगों को बेहतर सांस लेने में मदद करने के तरीके खोज रहा है. रवि कौशिक- क्लाइमेट हीरो और AiRTH के फाउंडर हैं, जिन्होंने दुनिया का पहला एंटीमाइक्रोबियल एसी एयर प्यूरीफायर बनाया है.
दिल्ली में पले-बढ़े रवि ने खराब वायु प्रदूषण के बीच रहने के नुकसान देखे हैं. GNT डिजिटल को रवि ने बताया, "मैंने देखा है कि कैसे आसमान पीला होता जा रहा है और हवा गैस चैम्बर जैसी महसूस होती है. पानी में तो आपके पास ऑप्शन होता है, लेकिन हवा में नहीं है. आप साफ पानी के लिए अलग-अलग विकल्प ढूंढ सकते हैं, सांस लेने के लिए नहीं. हवा चाहे साफ हो या न हो आपको उसमें ही सांस लेनी होगी." वायु प्रदूषण के गंभीर परिणामों की इस शुरुआती समझ ने ही रवि के इस सपने को आकार दिया.
समाधान खोजने की इच्छा के साथ, रवि कौशिक ने NIT कुरुक्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की जहां उनका मेजर सब्जेक्ट एनवायरनमेंट रहा और फिर IIT बॉम्बे में उन्होंने एरोसोल साइंस में MA की डिग्री हासिल की.
इंजीनियरिंग से लेकर एयर इनोवेशन तक
रवि की अकादमिक यात्रा ने उनके जुनून की नींव रखी. जैसे-जैसे उन्होंने एरोसोल साइंस को और गहराई से पढ़ा, वैसे-वैसे उनके भीतर समाज पर प्रभाव डालने की इच्छा बढ़ती गई. रवि बताते हैं, "मैं प्लेसमेंट के लिए नहीं बैठा था, मैं कुछ अलग करना चाहता था. 2020 में IIT बॉम्बे के दो प्रोफेसरों के साथ मिलकर रवि ने AiRTH (Air+Earth) की स्थापना की. उनका उद्देश्य एक ऐसा डिवाइस डिजाइन करना था जो नॉर्मल एयर प्यूरीफायर से बेहतर और किफायती हो.
रवि कहते हैं, "बाजार में कई एयर प्यूरीफायर हैं, लेकिन हमारा विशेष इसलिए है क्योंकि यह न केवल हवा को शुद्ध करता है बल्कि हानिकारक कीटाणुओं को भी इनएक्टिव करता है." रवि कौशिक की इस टेक्नोलॉजी में एंटीमाइक्रोबियल क्षमताएं हैं जो हवा में मौजूद बैक्टीरिया और प्रदूषकों को खत्म करती हैं. इसकी CSIR लैब्स के साथ मिलकर कोविड-19 और ब्लैक फंगस जैसे अलग-अलग पैथोजन्स पर जांच की गई थी. जिसके परिणाम उत्साहजनक थे. यही वजह रही कि RBI, ONGC और कैंसर अस्पतालों जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने AiRTH के प्यूरीफायर को अपनाया.
हालांकि प्रोडक्ट की शुरुआती सफलता के बावजूद, रवि ने देखा कि लोग घर में एयर प्यूरीफायर का कम ही उपयोग करते हैं. वे कहते हैं, "ज्यादातर घरों में एयर प्यूरीफायर साल में केवल तीन महीने या उससे भी कम समय के लिए उपयोग किया जाता है.” इस सीमित उपयोग ने उन्हें फिर से सोचने के लिए प्रेरित किया, जिससे वे एयर प्यूरीफायर को ज्यादा सुलभ और दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने की दिशा में काम कर सके.
एसी के साथ एयर प्यूरीफिकेशन
रवि और उनकी टीम ने एक एंटीमाइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर बनाया जिसे मौजूदा इनडोर एसी यूनिट्स के साथ जोड़ा जा सकता है. यह नया डिवाइस केवल ₹3,000 में उपलब्ध है और इसे किसी भी स्टैंडर्ड एसी के फैन मोड में शामिल किया जा सकता है. इस समाधान ने हवा को शुद्ध बनाने के तरीके को काफी आसान कर दिया.
GNT डिजिटल से रवि कहते हैं, "सामान्य एसी साफ हवा नहीं देते, लेकिन सही डिवाइस के साथ वे प्रभावी एयर प्यूरीफायर बन सकते हैं.” AiRTH का ये डिवाइस केवल दो घंटे में हवा से 80% से ज्यादा PM2.5 कणों को हटा सकता है, जो अस्थमा जैसी सांस की बीमारियों को कम करने में सहायक है. AC एयर प्यूरीफायर AiRTH की आधिकारिक वेबसाइट और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, जिससे इसे आसानी से खरीदा जा सकता है.
रवि के मुताबिक, पिछले 2-3 साल में भारत में 25,000 से ज्यादा एसी AiRTH के प्यूरीफायर से लैस हो चुके हैं, जिससे हर दिन लगभग 140 मिलियन घन मीटर साफ हवा दी जा रही है. रवि कहते हैं, "हमारी तकनीक आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर द्वारा टेस्ट की गई है और दक्षिण भारत से भी इसकी मांग आ रही है.” रवि का उद्देश्य अब AiRTH के प्यूरीफायर को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर लेकर जाना है.
एक क्लाइमेट स्टार्टअप का संघर्ष और सफलता
AiRTH बनाने की यात्रा चुनौतियों से भरी थी. भारत में एक हार्डवेयर स्टार्टअप के रूप में रवि के सामने कई अनूठी समस्याएं आईं. वे कहते हैं, "शुरुआत में मेरे परिवार ने बहुत सपोर्ट नहीं किया था—वे चाहते थे कि मैं सरकारी नौकरी करूं, लेकिन मैंने अपने स्टार्टअप का सपना नहीं छोड़ा और समय के साथ वे इसे समझ गए.” इसके अलावा, फंडिंग भी काफी चुनौतीपूर्ण काम था.
2021 में, AiRTH ने ₹1.25 करोड़ की फंडिंग जुटाई, जिसने उनके प्रयासों को और मदद मिली. रवि कहते हैं कि पहले छह से आठ महीने काफी मुश्किल थे और शुरुआती यूनिट्स बेचने में काफी मुश्किल आ रही थी, हालांकि हमारी मेहनत रंग लाई और जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ी, बिक्री भी बढ़ी. आज, AiRTH का एयर प्यूरीफायर एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने में एक प्रभावी बदलाव ला रहा है.
स्टार्टअप इंडिया के तहत भी उन्हें लोन मिला है. आज, AiRTH आठ-लोगों की टीम है. रवि कहते हैं, "भारत में 100 मिलियन से ज्यादा स्प्लिट एसी हैं, और हर साल 10 मिलियन नए बेचे जाते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी साफ हवा की गारंटी नहीं देता. AiRTH का उद्देश्य हर घर और ऑफिस में साफ हवा देना है.”
अपने आगे के प्लान्स के बारे में बात करते हुए रवि ने GNT डिजिटल को बताया कि अब वे AiRTH की तकनीक को कारों और दूसरी जगहों में शामिल करने के तरीकों को खोज रहे हैं. ताकि लोग जहां भी जाएं, उन्हें साफ हवा मिल सके. वे अगले साल तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी टेक्नोलॉजी के विस्तार की योजना बना रहे हैं.
रवि का मानना है कि प्रदूषण के कई कारण हैं, लेकिन हमें अपने आसपास की हवा को साफ रखने का प्रयास करना होगा. आज की तारीख में 99% लोग प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं. चाहे दक्षिण भारत हो या मुंबई, हर जगह की हवा प्रदूषित हो रही है. हमें इसे समझना होगा और खुद के लिए एक साफ स्पेस बनाना होगा.