scorecardresearch

खुद का Digital Twin बनाकर कर सकते हैं 100 भाषाओं में बात, कुछ ऐसे काम करता है दुनिया का पहला AI से चलने वाला सोशल नेटवर्क Rili.ai

सोशल नेटवर्क Rili.ai यूजर्स को अपने डिजिटल ट्विन, जिन्हें 'रिलिस' के नाम से जाना जाता है, को ट्रेनिंग देने का मौका देता है. ये रिलिस यूजर्स का प्रतिनिधित्व करेगा. एक डिजिटल ट्विन 100 से ज्यादा भाषाओं में संचार कर सकता है.

Social Media Social Media
हाइलाइट्स
  • अकेलेपन को दूर करने की पहल

  • पिछली बातचीत को याद रखता है रिली 

जरा सोचिए अगर आप खुद का डिजिटल ट्विन बना पाएं तो? आप उस डिजिटल ट्विन की मदद से 100 भाषाओं में अलग-अलग देश के लोगों से बात कर सकते हैं. इसके लिए दुनिया का पहला AI सोशल नेटवर्क लॉन्च किया गया है.

दरअसल, दुनिया में अकेलापन तेजी से बढ़ रहा है, खासकर GenZ के बीच. इसी को देखते हुए बेल्जियम के दो उद्यमियों एंटोनियो कैमाचो और जॉर्ज कुर्वो ने एक मिशन शुरू किया है. उन्होंने Rili.ai नाम का एक सोशल नेटवर्क बनाया है. इसे दुनिया का पहला AI-पावर्ड सोशल नेटवर्क माना जा रहा है. इसका उद्देश्य भौगोलिक और भाषाई से प्रे जाकर लोगों के बीच दोस्तियां बढ़ाना है. 

अकेलेपन को दूर करने की पहल

सम्बंधित ख़बरें

एंटोनियो कैमाचो और जॉर्ज कुर्वो ने इसे शुरू करने को तब सोची जब उन्होंने चौंकाने वाले आंकड़ें देखें. इसमें सामने आया है कि GenZ के 80 प्रतिशत लोग सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ने के बाद भी खुद को अकेला महसूस करते हैं. बस इसी ने उन्हें ऐसा मंच बनाने के लिए प्रेरित किया जहां यूजर्स अपना डिजिटल ट्विन बना सकें. ये डिजिटल ट्विन आपकी जगह बातचीत में शामिल होगा. इतना ही नहीं आप इसे ट्रेनिंग भी दे सकते हैं. जैसे आप इसे अलग-अलग भाषाएं सिखा सकते हैं. ताकि ये दुनिया के अलग-अलग लोगों से बात कर पाए. 

बना सकते हैं अपना ट्विन 

सोशल नेटवर्क Rili.ai यूजर्स को अपने डिजिटल ट्विन, जिन्हें 'रिलिस' के नाम से जाना जाता है, को ट्रेनिंग देने का मौका देता है. ये रिलिस यूजर्स का प्रतिनिधित्व करेगा. एक डिजिटल ट्विन 100 से ज्यादा भाषाओं में संचार कर सकता है. रिली को ट्रेनिंग देने के लिए यूजर्स चैट (लिखित संदेश या वॉयस ऑडियो) के माध्यम से या माइक्रोफोन में बोलकर ज्ञान और जानकारी साझा कर सकते हैं. 

कहां से कर सकेंगे डाउनलोड?

इसके अलावा,वे ट्विच, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर अपने मौजूदा अकाउंट का उपयोग करके किसी के भी डिजिटल फुटप्रिंट को रिली प्रोफाइल में ऐड कर सकते हैं. इसकी मदद से Rili.ai इन प्लेटफार्मों पर यूजर्स की सार्वजनिक प्रोफाइल से पर्सनल जानकारी इकट्ठा करता है, जिससे उनकी रुचियों और प्राथमिकताओं के आधार पर एक उनके जैसा ही ट्विन बन जाता है. 

पिछली बातचीत को याद रखता है रिली 

निर्माताओं का दावा है कि एक यूजर जितना अधिक बातचीत करते है वे रिली को उतना ही कंटेंट देंगे. टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हुए एंटोनियो कैमाचो और जॉर्ज कुर्वो कहते हैं कि Rili.ai में "इनफाइनाइट मेमोरी" है. इसकी मदद से ये पिछली बातचीत को याद रख लेता है और फिर उसके बारे में आगे बातचीत करता है. इससे उन्हें यूजर के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में भी मदद मिलती है.

भारत में भी लॉन्च की तैयारी 

Rili.ai भारत सहित छह देशों में अपने अल्फा लॉन्च की तैयारी कर रहा है. विविधता को संबोधित करने के लिए, प्लेटफॉर्म को इस तरह बनाया गया है कि वो कई भाषाओं को सुनकर सुनकर समझ और सीख सके. इसमें यूजर इंटरैक्शन के माध्यम से अपनी सांस्कृतिक समझ को बेहतर बनाने की क्षमता है. रिली हिंदी भाषा में भी है और निर्माताओं का दावा है कि वे आने वाले दिनों में और अधिक भाषाओं को शामिल करेंगे. कोई भी व्यक्ति इस सोशल नेटवर्क को iOS और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म से डाउनलोड कर सकते हैं.