scorecardresearch

Cyber Crime: यूपी डीजीपी के नाम पर ठगी! फेक इंस्टाग्राम आईडी बनाकर मांग रहे थे पैसे, जानिए पूरा मामला

साइबर अपराधियों ने ठगी करने के लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी के नाम का सहारा लिया है. अपराधियों ने डीजीपी की फेक इंस्टाग्राम आईडी बनाकर पैसे मांगे. साइबर थाना ने केस दर्ज कर लिया है.

Cyber Crime (Photo Credit: Getty) Cyber Crime (Photo Credit: Getty)
हाइलाइट्स
  • यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार के नाम पर ठगी

  • इंस्टाग्राम पर डीजीपी की फेक आईडी

साइबर ठग जालसाजी करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. इस बार साइबर ठगों ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी के नाम का सहारा लिया है. साइबर ठगों ने यूपी पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के नाम से फर्जी यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम आईडी बना डाली.

साइबर ठग यूपी डीजीपी के नाम से पैसे मांग रहे थे. पुलिस महकमे को जब इसका पता चला तो हड़कंप मच गया. इसके बाद एक सब इंस्पेक्टर ने डीजीपी की तरफ से साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई.

साइबर ठग पैसे लूटने के लिए एक हादसे का सहारा लिया. ठगों ने डीजीपी के नाम से लूटने का प्रयास किया. आइए पूरे मामले को जानते थे.

सम्बंधित ख़बरें

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, जयपुर में बीती 21 दिसंबर को एलपीजी के टैंकर में ब्लास्ट हुआ था. इस हादसे में 20 लोगों की जान चली गई थी. हादसा इतना भयानक था कि 200 मीटर के एरिया में कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं थी. इस हादसे में बसों में बैठे यात्री झुलस गए  थे. इनमें से कई ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. 

इसी हादसे को आधार बनाकर साइबर अपराधी लोगों से ठगी कर रहे हैं. साइबर ठगों ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के नाम से फर्जी यू-ट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम आईडी बनाई. ठग फर्जी आईडी के जरिए जयपुर के अजमेर रोड पर हुए सड़क हादसे में पीड़ितों के मदद के लिए पैसा मांग रहे थे.

पैसों के लिए साइबर ठग बाकायदा क्यूआर कोड भी भेज रहे थे. जब इस मामले की जानकारी यूपी पुलिस को हुई तब डीजीपी की तरफ से एक सब इंस्पेक्टर ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई.

डीजीपी के नाम से ठगी
एफआईआर के मुताबिक, साइबर ठगों ने डीजीपी प्रशांत कुमार के नाम से फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट prashantk_dgp.up बनाया है. इसमें डीजीपी प्रशांत कुमार की फोटो लगाई गई है. इस अकाउंट से ठग जयपुर में हुए हादसे में घायल लोगों के लिए आर्थिक सहायता मांग रहे हैं. इसके लिए उन्होंने क्यूआर कोड भी जारी किया है.

साइबर ठगों ने क्यूआर कोड को स्कैन करने और पैसे ट्रांसफर करने की अपील भी की है. वहीं ठगों ने फर्जी यू-ट्यूब चैनल Prashant Kumar IPS (@Prashantk DGPup)और वेबसाइट भी बनाई है. इसके अलावा एक वेबसाइट भी चलाई जा रही है. इसी से पैसे मांगे जा रहे हैं. अब इस मामले में लखनऊ साइबर सेल ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

डिजिटिल वॉरियर लगाएंगे लगाम
यूपी पुलिस फर्जी खबरों औऱ साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए डिजिटल वॉरियर बनाएगी. इसके लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज के छात्रों और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को जोड़ा जाएगा. यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक, डिजिटल वॉरियर की चार कैटेगरी होगी.

पहली कैटेगरी के डिजिटल वॉरियर फर्जी खबरों को लेकर सभी को सचेत करेंगे. दूसरी श्रेणी में साइबर अपराध के प्रति जागरूक करेंगे. तीसरी कैटेगरी साइबर ट्रेनर के रूप में होगी. वहीं चौथी श्रेणी के तहत डिजिटल वॉरियर पुलिस के अभियानों और सराहनीय कार्यों का प्रचार प्रसार करेंगे.

बढ़ रहे साइबर क्राइम 
इंटरनेट सुरक्षा कंपनी मैकाफ़ी ने भी साइबर अपराध और एआई के बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी दी है. मैकाफी ने कहा है कि 2025 में साइबर सुरक्षा से जुड़ी कई चुनौतियों और खतरों का सामना करना पड़ सकता है. इन खतरों में डीपफेक, एआई-संचालित फ़िशिंग, मैलवेयर हमले, क्रिप्टो घोटाले, नकली चालान घोटाले, ग्राहक सेवा घोटाले, लाइव डीपफेक वीडियो शामिल हैं.

आपको बता दें कि प्रशांत कुमार ने 31 जनवरी को कार्यवाहक DGP का चार्ज लिया था. उनका कार्यकाल मई 2025 तक है. प्रशांत कुमार की गिनती मुख्यमंत्री योगी के भरोसेमंद अफसरों में होती है. प्रशांत कुमार बिहार के रहने वाले हैं और 1990 बैच के IPS अफसर हैं. प्रशांत कुमार अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं.