गृह मंत्रालय का साइबर विंग डिपार्टमेंट जल्द ही डीप फेक (Deep Fake) डिटेक्शन टूल लेकर आ रहा है. इस पर बड़े स्तर पर काम चल रहा है. BPR&D और MHA के I4C डिपार्टमेंट रिसर्च करके डीप फेक डिटेक्शन टूल बना रहा है. गृह मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देश भर के हर एक साइबर थानों में इस डिटेक्शन टूल को पुलिस को सौंप दिया जाएगा. जिसके आधार पर ऐसे डीप फेक वीडियो को डिटेक्ट करने में सहायता मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक 2024 के आगामी चुनाव से पहले कई साइबर थानों में डीप फेक डिटेक्शन टूल दिए जाएंगे.
क्या है डीप फेक और सरकार क्या कदम बढ़ा रही है?
डीप फेक वीडियो से सम्बंधित होता है जिसमें व्यक्तियों की तस्वीरें और वीडियो का गलत उपयोग किया जाता है. ऐसी वीडियोज ज्यादातर चुनावी प्रचार में तथा सामाजिक संकट उत्पन्न करने के उद्देश्य से बनाई जाती हैं. यह एक ऐसी तकनीक है जिसे किसी व्यक्ति को किसी भी वीडियो या फोटो में प्रस्तुत किया जा सकता है. इस प्रकार की विडियोज बनाने वालों का सीधा प्रभाव लोगों पर होता है और इसलिए यह न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ भी हो सकता है.
MHA साइबर विंग सूत्रों के मुताबिक, यह टूल डीपफेक वीडियो को डिटेक्ट करेगा और इसके आधार पर इसे बनाने वाले व्यक्तियों को खोजने में मदद करेगा. ऐसा पहली बार ऐसा हो रहा है कि सरकार डीप फेक को रोकने वाला उपकरण बना रही है. यह बड़ी तैयारी और चुनौती है लेकिन गृहमंत्रालय का यह कदम सराहनीय है, जो वास्तव में नैतिकता की बजाय प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग करने वालों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में साबित होगा.
डीपफेक से बचने के लिए अपनाएं ये खास टिप्स
सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्तियों से सावधान रहना होगा. किसी भी संदिग्ध लिंक या फाइल को न खोलें. अपनी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते समय सबसे ज्यादा सावधान रहें.
अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत और सीक्रेट पासवर्ड बनाएं.
सार्वजनिक Wi-Fi का उपयोग करते समय वीपीएन (VPN) का उपयोग करें. संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक Wi-Fi का उपयोग करते समय न भेजें.
डीप फेक से बचने के लिए अपने सभी सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें, खासकर अपने ऑपरेटिंग सिस्टम और ब्राउजर को.
अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस पर एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ्टवेयर का उपयोग करने से बचा जा सकता है.
MHA साइबर सुरक्षा विंग I4C के सुझावों का पालन करते रहें. साइबर सुरक्षा के बारे में नवीनतम खतरों और घोटालों के बारे में जानकारी रखें.
-जितेंद्र बहादुर की रिपोर्ट