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डिलीवरी वाले बस एक पिन से पहुंच जाएंगे घर के नीचे, ऐसे करें Google Maps पर Plus Code जनरेट

इसका उपयोग आप अपने फ़ूड, मेडिसिन और पार्सल की तेजी से डिलीवरी के लिए कर सकते हैं, वो भी बिना किसी लैंडमार्क या वॉयस मैसेज को शेयर किए. आसान नेविगेशन के लिए प्लस कोड वाला एड्रेस भी लोगों के साथ शेयर किया जा सकता है. प्लस कोड एक फ्री, ओपन सोर्स स्रोत वाला डिजिटल एड्रेस है जो सटीक लोकेशन जानने में मदद करेगा

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हाइलाइट्स
  • आसान नेविगेशन के लिए प्लस कोड वाला एड्रेस भी लोगों के साथ शेयर किया जा सकता है

  • नए फीचर से यूजर अपने घर का डिजिटल एड्रेस बना पाएंगे

गूगल आए दिन अपने अलग-अलग एप्स में नए नए फीचर्स लाता रहता है. इससे यूज़र्स को इन्हें चलाने में सहूलियत मिलती है. हाल ही में गूगल एक नया अपडेट लेकर आया है. अब गूगल मैप्स (Google Maps) में आप अपने घर के एड्रेस को ‘प्लस कोड’ (Plus Code) के साथ सेव और शेयर कर सकेंगे. इस नए फीचर से यूजर अपने घर का डिजिटल एड्रेस बना पाएंगे. इससे ये फायदा होगा कि कोई भी दूसरा व्यक्ति आपकी एग्जेक्ट लोकेशन पर आसानी से पहुंच सकेगा. यह एक पिन कोड की तरह काम करेगा.  

डिलीवरी वाले को एड्रेस बताने में होगी आसानी

आपके एड्रेस का जो डिजिटल कोड नंबर दिया जाएगा यह फिजिकल एड्रेस से बिल्कुल अलग होगा. इससे दुनिया के किसी भी कोने से आपके एड्रेस तक पहुंचा जा सकेगा. इसका उपयोग आप अपने फ़ूड, मेडिसिन और पार्सल की तेजी से डिलीवरी के लिए कर सकते हैं, वो भी बिना किसी लैंडमार्क या वॉयस मैसेज को शेयर किए. आसान नेविगेशन के लिए प्लस कोड वाला एड्रेस भी लोगों के साथ शेयर किया जा सकता है.

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने में गूगल मैप आपकी मदद कर सकता है. प्लस कोड एक फ्री, ओपन सोर्स स्रोत वाला डिजिटल एड्रेस है जो सटीक लोकेशन जानने में मदद करेगा. 

कैसे कर सकेंगे गूगल कोड जेनरेट 

इसे जनरेट करने के लिए, होम लोकेशन को सेव करते समय एप आपको एक नया यूज योर करंट लोकेशन ऑप्शन दिखाएगा. ये प्लस कोड जनरेट करने के लिए आपके फोन की लोकेशन का इस्तेमाल करेगा. एक बार सेव  किए जाने के बाद, जनरेट किए गए प्लस कोड के साथ घर का एड्रेस सीधे गूगल मैप पर सेव किए हुए टैब से शेयर किया जा सकेगा. अगर पहले से ही गूगल मैप पर आपके घर के रूप में कोई जगह सेव की गई है, तो आपको सटीक विवरण के लिए साथ में एक प्लस कोड भी दिखाई देगा. 

गूगल मैप्स ने शुरुआत में एंड्रॉइड यूजर्स के लिए इस नए फीचर को रोल आउट किया है. हालांकि, यह आने वाले दिनों में iOS यूजर्स के लिए भी उपलब्ध होगा. 

गौरतलब है कि 2015 में, गूगल ने दुनिया भर में 'हार्ड टू फाइंड' स्थानों का पता लगाने के लिए प्लस कोड को एक समाधान के रूप में पेश किया. इस तकनीक को भारत में मार्च 2018 में लॉन्च किया गया था.